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रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त , कब बांधे रक्षा सूत्र
ये है रक्षाबंधन से जुड़ी तीन कहानी , कुछ यूं बढ़ा सिलसिला
” ब्रह्म तेज ” अभियान में ” ब्रह्म सेना ” सवा लाख द्विजों को पुनः धारण कराएगा जनेऊ
जब हम रक्षाबंधन की बात करते हैं, तब हमें कई लोकप्रिय कहानियां याद आती हैं । सबसे पहले प्राचीन कहानी ..
यम और यमुना
इस पारंपरिक कहानी के मुताबिक, दो भाई-बहन थे- यम (मृत्यु के देवता) और यमुना (पवित्र नदी)। एक बार यमुना ने पवित्र धागा (राखी) यम को बांधा और वरदान दिया कि वो बहुत लम्बा जियेगा। यम इससे बहुत खुश हुए और तब से यह परंपरा हर ‘श्रावण पूर्णिमा’ को चलती है। इसके बाद यम ने कहा कि जो भी भाई अपनी बहन से राखी लेगा और मिठाई खाएगा, उसकी उम्र लम्बी होगी।
रानी कर्णावति और सम्राट हुमायूं
रानी कर्णावति और सम्राट हुमायूं कि कहानी भी है। मध्यकालीन में, चित्तौड़ के राजा की विधवा रानी कर्णावति को अहसास हुआ कि गुजरात बहादुर शाह के सुल्तान के आक्रमण से बचाव मुश्किल है। इस हालात में उन्होंने प्यार के साथ सम्राट हुमायूं को राखी भेजी। इसके बाद चित्तौड़ के सम्मान के लिए हुमायूं ने अपने सैनिक भेजे।
इंद्र और साची
देवताओं के राजा इंद्र का सारा राज्य असुर वित्र ने छीन लिया था। तब इंद्र की पत्नी साची ने इंद्र और वित्र के बीच होने वाले एक और युद्ध में इंद्र की जीत सुनिश्चित करने के लिए उनकी कलाई पर राखी बांधी थी। यह गुरु बृहस्पति के इशारे पर किया गया था।
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