जानिये काशी के आठ भारत रत्न में एक डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को

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आज यानि 5 सितम्बर को शिक्षक रहे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की परंपरा बहुत पुरानी है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के चौथे कुलपति के रूप में डा. एस. राधाकृष्णन वर्ष 1939 से 1948 तक अपनी सेवा दी।

ये थे डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
 स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुतनी ग्राम में हुआ था। उन्होंने वेल्लूर व मद्रास से शिक्षा प्राप्त की। युवावस्था में विवेकानंद, वीर सावरकर को पढ़ा और उनके विचारों को आत्मसात किया। आगे चलकर वेदों और उपनिषदों के गहन अध्येता बने और अपने लेखों और भाषणों से दुनिया को भारतीय दर्शन शास्त्र से परिचित कराया। कई विश्वविद्यालयों के कुलपति, रूस में भारत के राजदूत भी रहे। बीएचयू में 1939 से लेकर 1948 तक कुलपति रहे। जीवन में करीब 40 वर्ष शिक्षक रहे राधाकृष्णन 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किए गए। मार्च 1975 में अमेरिकी सरकार ने टेम्पलटन पुरस्कार से सम्मानित किया, जो धर्म के क्षेत्र में उत्थान के लिए प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार पाने वाले वह प्रथम गैर-ईसाई थे। 17 अप्रैल 1975 को निधन हुआ। जयंती शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैैं।



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