अंतिम प्रणाम : सातवें साल भी आगमन अपने अनूठे आयोजन से देगा भ्रूण हत्या न करने का सन्देश

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इनोवेस्ट पित्र पक्ष विशेष ( 21 – 6 oct )

आइये , जानते है पुरी जानकारी नारायणबलि और नागबलि श्राद्ध

क्या बेटियां कर सकती हैं श्राद्ध …

पितृ पक्ष – जानिए पूरी जानकारी , 21 सितम्बर, मंगलवार से, 6 अक्टूबर, बुधवार को समापन ,

श्राद्ध के फायदे और कितने प्रकार के होते ये कर्म

पितृ खुश तो इंसान राजा और नाखुश तो भिखारी



– इस साल 11 हजार अजन्मी बेटियों का होगा मोक्ष की कामना

– कोरोना संक्रमण से हुए बेटियों का भी होगा मोक्ष की कामना

एक बार फिर सामाजिक संस्था आगमन उन अजन्मी बेटियों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध – कर्म करेगा , जिनकी ह्त्या उन्हीं की माँ के कोख में उन लोगो ने ही करा दी जिसे हम सब माता -पिता या परिजन कहते हैं। संस्था का स्पस्ट विचार है कि कोख में मारी गयी उन अभागी बेटियों को जीने का अधिकार तो नहीं मिल सका लेकिन उन्हें मोक्ष तो मिलना ही चाहिए । 
     लगातार गर्भ में मारी जा रही अजन्मी अभागी बेटियों की मोक्ष के लिए एक बार फिर स्त्रियों को समर्पित मातृ नवमी 30 सितम्बर गुरुवार को गंगा के दशाश्वमेध घाट पर दिन के मध्यकाल ( 12 बजे दोपहर)  में जलतर्पण – श्राद्ध कर्म आयोजित किया है ।  गंगा तट पर मिटटी के बनी वेदी पर 11 हजार पिंड निर्माण कर मन्त्रों से आह्वान कर उनके मोक्ष की कामना की जाएगी ।  पूरे संस्कार को पांच वैदिक ब्राह्मणों द्वारा उच्चारित वेद मंत्रो के सम्पन्न किया जाएगा ।  11000 बेटियों का पिंडदान और जल तर्पण के उपरान्त ब्राम्हण भोजन के साथ आयोजन पूर्ण होगा ।  इस वर्ष कोरोना संक्रमण से काल के काल में समाई 3000 बेटियों के भी मोक्ष की कामना करा जाएगा । इस अनूठे आयोजन के साक्षी समाज के अलग अलग वर्ग के लोग बनेगें । जो बच्चियों को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें अपनी श्रद्धा सुमन भी अर्पित करेंगे।    
    अब तक 26 हजार बेटियों के श्राद्धकर्ता और आगमन संस्था के संस्थापक डॉ संतोष ओझा का कहना है कि धर्म -ग्रन्थ की बात करें तो किसी भी अकाल मृत्यु में शांति प्राप्ति न होने से जीव भटकता है जो परिजनों के दुःख का कारण भी बनता है। शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार किसी जीव की अकाल मृत्यु के बाद मृतक की आत्मा की शांति के लिए शास्त्रीय विधि से पूजन -अर्चन ( श्राद्ध ) करा कर जीव को शांति प्रदान की जा सकती है जिससे उनके परिजनों को अनचाही परेशानियों से राहत मिलती है।


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