
इनोवेस्ट पित्र पक्ष विशेष ( 21 – 6 oct )
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वाराणसी में स्थित संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय शीघ्र ही एक नए पाठ्यक्रम के तहत हिंदू धर्म के वैशिष्ट्य एवं परंपरा पर आधारित दो वर्षीय पाठ्यक्रम की शुरुआत करने जा रहा है । नई शिक्षा नीति के अनुसार तैयार किए गए इस पाठ्यक्रम में पाश्चात्य दार्शनिकों का तुलनात्मक विवेचन प्रस्तुत किया गया है। इस पाठ्यक्रम में वर्तमान सत्र से ही दाखिले की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। खास पहलू यह है कि इस पाठ्यक्रम को काशी हिंदू विश्वविद्यालय एवं लालबहादुर शास्त्री केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के पाठ्यक्रमों के अध्ययन के बाद तैयार किया गया है।
पाठ्यक्रम में इनका होगा समावेश
दो वर्षीय इस पाठ्यक्रम में तत्व एवं प्रमाण विमर्श, वाद परंपरा एवं शास्त्रों के अर्थ निर्धारण की पद्धति, भारतीय दर्शन(शास्त्रार्थ), वेदों, पुराणों एवं दर्शन के सार तत्व, पाश्चात्य ज्ञानमीमांसा, रामायण, महाभारत, स्थापत्य, लोकवार्ता, हिन्दू कला, नाट्य एवं भाषा विज्ञान, सैन्य विज्ञान आदि विषयों को समवेषित किया गया है। इसके अंतर्गत पाठ्यक्रमों में पेपर चयन करने का विकल्प भी होगा ।
दो वर्षीय पाठ्यक्रम विवरण
दो वर्षीय पाठ्यक्रम में चार सेमेस्टर होंगे। प्रत्येक सेमेस्टर में चार-चार प्रश्न पत्र है जिनका कुल अंक 100-100 के होंगे।
प्रथम द्वितीय सेमेस्टर
संस्कृत परिचय-(संस्कृत अध्ययन के उद्देश्य और प्रयोजन, सन्धि ,समास आदि), प्रमाण-सिद्धांत, वादपरंपरा तथा उनकी परंपराएं (विकास और ज्ञान का सातत्य) और तत्वविमर्श (हिन्दूवाद का मूल एवं क्रमिक इतिहास, वैदिक दृष्टि ) । द्वितीय सेमेस्टर में विमर्श की पाश्चात्य प्रविधि, धर्म एवं कर्म विमर्श, वैदिक परंपरा के सिद्धांत (वैदिक परंपरा एवं उसके आधारभूत तत्व, यज्ञ एवं इष्टियां,यज्ञ मीमांसा, वेद व्याख्या की प्रमुख परंपराएं आदि) या (वैकल्पिक)
जैन परम्परा के सिद्धांत या बौद्ध परंपरा के सिद्धांत और (वैकल्पिक) वेदांग-शिक्षा,व्याकरण,निरुक्त, छड़, कल्प एवं ज्योतिष या पाली भाषा तथा साहित्य या प्राकृत भाषा एवं साहित्य के प्रश्नपत्र होंगें ।
तीसरे और चौथे सेमेस्टर में
पुनर्जन्म-बंधन-मोक्ष-विमर्श , रामायण के अलावा वैकल्पिक पेपर में लोकवार्ता अथवा भारतीय नीति शास्त्र या नाट्यम अथवा तुलनात्मक धर्म होंगें म चौथे सेमेस्टर में महाभारत अनिवार्य विषय जबकि वैकल्पिक के रूप में पुराण परिचय या भारतीय स्थापत्य या पाणिनीय एवं पाश्चात्य भाषा विज्ञान इसके अतिरिक्त वैकल्पिक प्रश्न पत्र में ही साहित्य सिद्धांत या भारतीय सैन्यविज्ञान व रणनीति अथवा भारतीय कला या विधि तथा न्यायशास्त्र होगी ।
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