
इनोवेस्ट पित्र पक्ष विशेष ( 21 – 6 oct )
पितृ पक्ष – एक पेड़ जंहा प्रेत को मिलती है भी मिल जाती है मुक्ति
आइये , जानते है पुरी जानकारी नारायणबलि और नागबलि श्राद्ध
पितृ पक्ष – जानिए पूरी जानकारी , 21 सितम्बर, मंगलवार से, 6 अक्टूबर, बुधवार को समापन ,
पितृ खुश तो इंसान राजा और नाखुश तो भिखारी
3 महीने पहले केंद्रीय राज्य मंत्री बने लखीमपुर के सांसद अजय मिश्र टेनी को जिले में महाराज के नाम से जाना जाता है। 2005 में राजनीति में आये अजय मिश्र शुरू से ही दबंग छवि के रहे हैं। दरअसल, बनवारीपुर गांव में उनके पिता जमींदार थे। जमींदारी परिवार से आने की वजह से वह साधन संपन्न थे। इसलिए राजनीति में भी उनकी एंट्री में बहुत दिक्कत नहीं हुई। अजय मिश्र के स्वर्गीय पिता अंबिका प्रसाद मिश्रा के नाम पर होने वाली दंगल प्रतियोगिता का शुभारंभ करने रविवार को डिप्टी सीएम केशव पहुंचे हैं।
अजय मिश्रा ने कहा था- सुधर जाओ वरना सुधार देंगे
दरअसल, बीते 26 सितंबर को किसानों ने केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्रा को लखीमपुर में संपूर्णानगर क्षेत्र में काले झंडे दिखाए थे। मिश्रा एक जनसभा को संबोधित करने जा रहे थे। जनसभा में उन्होंने खुद के विरोध का जिक्र करते हुए मंच से किसानों को धमकी दी थी। कहा था कि किसानों के अगुवा यानी संयुक्त किसान मोर्चा के लोग प्रधानमंत्री मोदी का सामना नहीं कर पा रहे हैं। आंदोलन को 10 महीने हो गए।
काले झंडे दिखाने वालों के लिए आगे उन्होंने कहा कि अगर हम गाड़ी से उतर जाते तो उन्हें भागने का रास्ता नहीं मिलता। कृषि कानून को लेकर केवल 10-15 लोग शोर मचा रहे हैं। यदि कानून इतना गलत है तो अब तक पूरे देश में आंदोलन फैल जाना चाहिए। उन्होंने धमकी भरे लहजे में कहा था कि सुधर जाओ, नहीं तो सामना करो, वरना हम सुधार देंगे दो मिनट लगेंगे। विधायक-सांसद से बनने से पहले से लोग मेरे विषय में जानते होंगे कि मैं चुनौती से भागता नहीं हूं।
सुनिये …
पेट्रोल पंप से लेकर कृषि तक रहा है पेशा
बताया जाता है कि अजय मिश्र के पास जिले में पेट्रोल पंप, राईस मिल और कृषि का व्यवसाय बड़े पैमाने पर किया जाता है। व्यवसायों से गुजरते हुए अजय मिश्र ने पहली बार 2012 के चुनाव में भाजपा से चुनाव लड़े और निघासन विधानसभा सीट से जीते। 2014 में उन्होंने सीट छोड़ लखीमपुर से भाजपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा। 2019 में भी उन्होंने चुनाव जीत लिया और केंद्रीय राज्य मंत्री बने।
भाजपा के ब्राह्मण चेहरे के रूप जाने जाते हैं टेनी
अजय मिश्र टेनी को जब केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया तो सियासी गलियारों में माना गया कि भाजपा के खिलाफ यूपी में ब्राह्मणों में जो गुस्सा है उसे शांत करने के लिए अजय मिश्र को मंत्री बनाया गया है। दरअसल, अजय मिश्र का प्रभाव इसलिए ज्यादा है क्योंकि लखीमपुर खीरी लोकसभा सीट से कभी केंद्रीय मंत्री रहे बाल गोविंद वर्मा और उनके परिवार की तीन पीढ़ियां लगातार संसद जाती रहीं हैं। अजय मिश्रा इसी पीढ़ी को हरा कर ब्राह्मण चेहरे के तौर पर जीते हैं। यही वजह है कि अवध में एक ब्राह्मण चेहरे को तरजीह देने के लिए अजय मिश्रा को चुना गया। हालांकि, लखीमपुर कुर्मी बेल्ट के तौर पर जानी जाती है।
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