पुलिस और पीएसी के शहीद जवानों के लिए जले आकाशदीप, गूंजा राष्ट्रगान, गंगा पूजन और शांतिपाठ

पुलिस और पीएसी के शहीद जवानों के लिए जले आकाशदीप, गूंजा राष्ट्रगान, गंगा पूजन और शांतिपाठ


वाराणसी। काशी के मनोहारी गंगा तट का दृश्य आज कुछ भिन्न रहा एक तरफ जहां शरद पूर्णिमा की शीतलता प्रदान करने वाली चांद अवलोकित होने के क्रम में था ठीक उसी वक्त गंगा के पश्चिमी तट पर पुलिस और पीएसी के उन वीर जवानों की याद में उनके आत्मिक शान्ति के निमित बॉस के लम्बी स्तम्भ पर श्रद्धा और नमन के डोर से बंधे बॉस के टोकरियों में टिमटिमाते दीपों को अनन्त आकाश के तरफ ले जाया जा रहा था ।

   दशाश्वमेध घाट पर गंगोत्री सेवा समिति द्वारा पुलिस और पीएसी के उन वीर जवानों को नमन करते हुए जो अपने कर्तव्य की राह पर आकस्मिक निधन को प्राप्त हुये, उन्हीं शहीद कर्मवीर जवानों के आत्मिक शान्ति के निमित आकाशदीप प्रज्वलन का आयोजन हुआ।

 मंगलाचरण से शुरुआत होने के साथ समाज के विभिन्न वर्ग के अतिथियों द्वारा वीरों का नमन किया गया। शांति पाठ के बीच 34 और 36 वीं बटालियन के बैंड के धुन के बीच उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद पांच वैदिक ब्राह्मणों द्वारा मां गंगा के षोडशोचार पूजन से किया गया। जिसके बाद मां गंगा की पवित्र धारा में 101 दीप को प्रवाहित किया गया ।

इस अवसर पर गंगोत्री सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष पंडित किशोरी रमन दुबे ने बताया कि कार्तिक मास के समान कोई महीना नहीं, सतयुग के समान कोई युग नहीं, वेदों के समान कोई शास्त्र नहीं और मां गंगा के समान दूसरी कोई नदी नहीं है। गंगा के घाट पर कार्तिक माह में जलता आकाशदीप इस बात का परिचायक है कि हमारे शहीदों के प्रति हमारे मन में श्रद्धा की रोशनी कितनी उज्जवल है। आयोजन में मुख्य रूप से दिनेश शंकर दुबे, गंगेश्वर धर दुबे, डॉ संतोष ओझा , शांतिलाल जैन और संकठा प्रसाद समेत समिति के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थें। आकाशदीप के इस नमन के आयोजन का संचालन सरिता बरनवाल ने किया ।

इनके याद में आकाशदीप
1 स्व0 देवेन्द्र मिश्रा, पुलिस उपाधीक्षक 2 स्व० अनूप कुमार सिंह, उप निरीक्षक नागरिक पुलिस 3 स्व० महेश कुमार यादव, उप निरीक्षक नागरिक पुलिस 4 स्व0 नेवूलाल, उप निरीक्षक नागरिक पुलिस 5 स्व0 जितेन्द्र पाल, आरक्षी नागरिक पुलिस 6 स्व० सुल्तान सिंह, आरक्षी नागरिक पुलिस 7- स्व.विनोद कुमार सिंह – मुख्यआरक्षी 8- स्व.सजंय कुमार- आरक्षी 9- स्व.मैनेजर प्रसाद सिंह- प्लाटून कमाण्डर 10- स्व.अनिल कुमार सिंह ,मुख्य आरक्षी

ये थे अतिथि
महंथ शंकर गिरी अन्नपूर्णा मन्दिर, राज्यमंत्री डॉ दयाशंकर मिश्र, आईपीएस चंद्रिका राय, कमिश्नर जीएसटी लल्लन कुमार, महेश चंद श्रीवास्तव, अध्यक्ष काशी प्रान्त भाजपा ,  डॉ एम पी सिंह स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम, डॉ टी पी चतुर्वेदी, डॉ रितु गर्ग , नरसिंह दास ,और डॉ नीलम सिंह, डॉ अभिलेन्द्र शेखर, डॉ दीपक सिंह रहे ।

यह है परम्परा
वेद, विज्ञान, सभ्यता एवं संस्कृति की राजधानी विशेश्वर विश्वनाथ की नगरी काशी विश्व की प्राचीनतम सांस्कृतिक नगरी जो परम्परागत परम्पराओं का प्रतिनिधित्व करती है। इस नगरी में पंचगंगा घाट, दशाश्वमेध घाट, गायघाट, केदार घाट व अस्सी घाट पर  आकाशदीप  सर्वाधिक अपनी आभा बिखेरती है । मास पर्यंत  निभाई जाने वाली इस रस्म को लोग अपने छतों पर लाल बल्ब जलाकर हर शाम अपने यशस्वी पूर्वजों की शेष स्मृतियों को नमन करते हैं। दिव्यता के इस पर्व का समापन त्रिपुरोत्सव की महत्ता प्राप्त कार्तिक  पूर्णिमा की रात देवदीपावली पर्व के बीच होता है।

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