
प्रकृति से खिड़वाड़ के नतीजे यूं तो पहले ही दिखने लगे थे लेकिन अब ये और ज्यादा भयावह रूप में सामने आने शुरू हो रहे है । हालिया परेशानियों पर नजरे इनायत करे तो तूफान बरसात और बाढ़ मानो देश की नियति बनती दिख रही है । उत्तराखंड में भारी बारिश का असर अब काशी के गंगा तटों पर दिखने लगा है। सोमवार से बढ़ रहे गंगा का जल स्तर अपना संजाल बढ़ता नजर आ रहा है । मंगलवार के दोपहर तक ज्यादातर घाटों का आपसी संपर्क एक बार फिर टूट गया । ऐसा इस साल तीसरी बार हुआ है। असज की रात और बुधवार की सुबह तक गंगा के जल स्तर में बड़ा अंतर दिखेगा क्योकि कानपुर में गंगा के विकराल रूप को देखते हुए 3,64,797 क्यूसेक पानी रिलीज किया गया है । सबसे बुरा हाल मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर का है जहां शवदाह में परिजनों को परेशानियां हो रही है ।
कलयुग या प्रकृति से छेड़छाड़
निर्मल बहने वाली पवित्र गंगा में एक बार फिर बाढ़ के आसार है । निचले इलाकों में फिर से गंगा जल बहेगी और वहां के वाशिन्दे करेंगे त्राहि त्राहि । आमतौर पर गंगा में सावन के बाद भादो में बाढ़ रहता है, जो पितृपक्ष से पीछे हटते हुए कार्तिक महीने में अपने असल स्वरूप में पहुँची है । इस साल ने तीसरी बार गंगा अपने उफान पर है और केंद्रीय जल आयोग अभी गंगा के जल स्तर में अगले दो दिन तक बढ़ाव की जानकारी दे रहा है ।
लेटेस्ट खबरें, इन्हें भी पढ़िए –
लखीमपुर खीरी मामले में सुप्रीम कोर्ट का यूपी सरकार को निर्देश
वीडियो- शासन एवं बिजली विभाग के आलाधिकारियों की वादाखिलाफी पर आन्दोलन जारी रहा- भारती
इस देश के अंदर पाकिस्तानियों को हम कब तक ढोते रहेंगे ?
वो नर पिचाश जिसने एडमिशन के नाम पर किया नाबालिकों संग दुष्कर्म ….
हिरासत में आया आरोपी थाने से फरार,जानिए क्या है पूरा मामला
PM मोदी का ‘आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना’ के जबाव में प्रियंका गांधी ‘फ्री इलाज’ का दांव
प्रधान मंत्री के सभा के पूर्व सपाइयों की धरपकड़ शुरू
हर हर महादेव उद्घोष से शुरू किया पीएम ने भाषण,काशीवासियों को दी पर्व की शुभकामनाएं
माता विध्याचल की दिव्य आरती, अपने में भाग्य को बदलने के लिए पूरी आरती देखिए