
शस्त्र लाइसेंस बहाली पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम फैसला
कहा शस्त्र लाइसेंस विशेषाधिकार है नागरिक का मूल अधिकार नहीं है,
आपराधिक केस में बरी होने मात्र से लाइसेंस बहाली नहीं हो सकती,
लोक शांति व सुरक्षा की स्थिति के अनुसार लाइसेंसिंग प्राधिकारी की संतुष्टि पर निर्भर करेगा,
कहा कोर्ट को इस मामले में दखल देने का नहीं है अधिकार,
निलंबित या निरस्त शस्त्र लाइसेंस की बहाली आपराधिक केस में बरी होने की प्रकृति के आधार पर तय होगी,
जानलेवा हमला करने का आरोपी बाइज्जत बरी हुआ है,
या संदेह का लाभ लेकर या अभियोजन की आरोप साबित करने की नाकामी के चलते बरी हुआ है,
इन तथ्यों पर विचार कर प्राधिकारी की संतुष्टि पर निर्भर करेगा लाइसेंस बहाली,
संदेह का लाभ लेकर बरी होने पर निरस्त शस्त्र लाइसेंस बहाल न करने के आदेश पर हस्तक्षेप करने से इंकार,
कोर्ट ने कहा कि अपराध में शस्त्र का इस्तेमाल किया गया,
इस कारण शस्त्र बहाल न करने का आदेश सही है,
याची इंद्रजीत सिंह की ओर से दाखिल याचिका,
जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की एकल पीठ ने दिया आदेश।
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