
छठ पूजा चार दिवसीय उत्सव है। इसकी शुरुआत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को तथा समाप्ति कार्तिक शुक्ल सप्तमी को होती है। इस दौरान व्रतधारी लगातार 36 घंटे का व्रत रखते हैं। इस दौरान वे पानी भी ग्रहण नहीं करते।
नहाय खाय 8 नबम्बर सोमवार
छठ पर्व का पहला दिन जिसे ‘नहाय-खाय’ के नाम से जाना जाता है,उसकी शुरुआत चैत्र या कार्तिक महीने के चतुर्थी कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से होता है ।सबसे पहले घर की सफाई कर उसे पवित्र किया जाता है। उसके बाद व्रती अपने नजदीक में स्थित गंगा नदी,गंगा की सहायक नदी या तालाब में जाकर स्नान करते है। व्रती इस दिन नाखनू वगैरह को अच्छी तरह काटकर, स्वच्छ जल से अच्छी तरह बालों को धोते हुए स्नान करते हैं। लौटते समय वो अपने साथ गंगाजल लेकर आते है जिसका उपयोग वे खाना बनाने में करते है । वे अपने घर के आस पास को साफ सुथरा रखते है । व्रती इस दिन सिर्फ एक बार ही खाना खाते है । खाना में व्रती कद्दू की सब्जी ,मुंग चना दाल,चावल का उपयोग करते है .तली हुई पूरियाँ पराठे सब्जियाँ आदि वर्जित हैं. यह खाना कांसे या मिटटी के बर्तन में पकाया जाता है। खाना पकाने के लिए आम की लकड़ी और मिटटी के चूल्हे का इस्तेमाल किया जाता है। जब खाना बन जाता है तो सर्वप्रथम व्रती खाना खाते है उसके बाद ही परिवार के अन्य सदस्य खाना खाते है ।
खरना और लोहंडा 9 नबंवर मंगलवार
छठ पर्व का दूसरा दिन जिसे खरना या लोहंडा के नाम से जाना जाता है,चैत्र या कार्तिक महीने के पंचमी को मनाया जाता है। इस दिन व्रती पुरे दिन उपवास रखते है . इस दिन व्रती अन्न तो दूर की बात है सूर्यास्त से पहले पानी की एक बूंद तक ग्रहण नहीं करते है। शाम को चावल गुड़ और गन्ने के रस का प्रयोग कर खीर बनाया जाता है। खाना बनाने में नमक और चीनी का प्रयोग नहीं किया जाता है। इन्हीं दो चीजों को पुन: सूर्यदेव को नैवैद्य देकर उसी घर में ‘एकान्त’ करते हैं अर्थात् एकान्त रहकर उसे ग्रहण करते हैं। परिवार के सभी सदस्य उस समय घर से बाहर चले जाते हैं ताकी कोई शोर न हो सके। एकान्त से खाते समय व्रती हेतु किसी तरह की आवाज सुनना पर्व के नियमों के विरुद्ध है।पुन: व्रती खाकर अपने सभी परिवार जनों एवं मित्रों-रिश्तेदारों को वही ‘खीर-रोटी’ का प्रसाद खिलाते हैं। इस सम्पूर्ण प्रक्रिया को ‘खरना’ कहते हैं। चावल का पिठ्ठा व घी लगी रोटी भी प्रसाद के रूप में वितरीत की जाती है। इसके बाद अगले 36 घंटों के लिए व्रती निर्जला व्रत रखते है। मध्य रात्रि को व्रती छठ पूजा के लिए विशेष प्रसाद ठेकुआ बनाती है ।
आगे पढ़िए , शाम का अर्ध और व्रत समापन
“इन न्यूज़” छठ स्पेशल –
वीडियो- नाग नथैया की तैयारी का अंतिम रूप, जाने कब है लीला
लेटेस्ट खबरें, इन्हें भी पढ़िए –
मंदिरों में हुआ अन्नकूट महोत्सव, भक्तों में दर्शन करने का दिखा उत्साह
कहीं भी मूर्ति रखने की जगह , सम्मानजनक ठंग से करें देव प्रतिमा को विसर्जित, करिये हेल्पलाइन पर फोन
दिल्ली : पेट्रोल डीजल के दाम से राहत के लिए ,बोलो भारत माता की जय, मिलेगा काफी आराम …
वाराणसी : बनारस में पाकिस्तान जिंदाबाद …किसने लगाया और फिर क्या हुआ
दिल्ली : पेट्रोल डीजल के दाम से राहत के लिए ,बोलो भारत माता की जय, मिलेगा काफी आराम …
डाबर इंडिया के करवा चौथ विज्ञापन पर परम्परायों का मजाक,क्यों मांगना पड़ा बिना शर्त माफी
“इन न्यूज़” दीपावली स्पेशल –
– पटाखा छोड़ने से पहले हाथ, आंख व चेहरा सुरक्षित रखने का भी करे उपाय
– हनुमान जयंती : पढ़िए, क्यों मनाया जाता है बजरंगबली का दो बार जयंती
लेटेस्ट खबरें, इन्हें भी पढ़िए –
– मंदिरों में हुआ अन्नकूट महोत्सव, भक्तों में दर्शन करने का दिखा उत्साह
– जानिए , प्रधानमंत्री द्वारा आदि शंकराचार्य के मूर्ति अनावरण का मतलब, क्या है केदारनाथ से आदि शंकराचार्य के कनेक्शन
जानिए माता लक्ष्मी की अनसुनी रहस्य …
कहीं भी मूर्ति रखने की जगह , सम्मानजनक ठंग से करें देव प्रतिमा को विसर्जित, करिये हेल्पलाइन पर फोन
दिल्ली : पेट्रोल डीजल के दाम से राहत के लिए ,बोलो भारत माता की जय, मिलेगा काफी आराम …
वाराणसी : बनारस में पाकिस्तान जिंदाबाद …किसने लगाया और फिर क्या हुआ
दिल्ली : पेट्रोल डीजल के दाम से राहत के लिए ,बोलो भारत माता की जय, मिलेगा काफी आराम …
डाबर इंडिया के करवा चौथ विज्ञापन पर परम्परायों का मजाक,क्यों मांगना पड़ा बिना शर्त माफी