बनारस को देश को नई दिशा देने वाला शहर – प्रधानमंत्री

बनारस को देश को नई दिशा देने वाला शहर – प्रधानमंत्री


– बनारस देश को नई दिशा दे रहा है-प्रधानमंत्री
– स्वाधीनता संग्राम के समय सद्गुरु ने हमें स्वदेशी का मंत्र दिया था-नरेन्द्र मोदी

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने वाराणसी दौरे के दूसरे दिन मंगलवार को उमरहा स्थित स्वर्वेद महामंदिर में विहंगम योग के 98वें वार्षिकोत्सव में अनुयायियों सहित विशाल जनसैलाब को संबोधित करते हुए कि इच्‍छा शक्ति हो तो परिवर्तन संभव है।बनारस को देश को नई दिशा देने वाला शहर बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके विकास का सकारात्मक असर यहां आने वाले पर्यटकों पर भी पड़ रहा है। 2014-15 के मुकाबले में 2019-20 में यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या दोगुनी हो गई है। 2019-20 कोरोना कालखंड में अकेले बाबतपुर एयरपोर्ट से ही 30 लाख से ज्यादा लोगों का आना-जाना हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बनारस जैसे शहरों ने मुश्किल से मुश्किल समय में भी भारत की पहचान, कला, उद्यमिता के बीजों को सहेजकर रखा है। आज जब हम बनारस के विकास की बात करते हैं, तो इससे पूरे भारत के विकास का रोडमैप भी बनता है।रिंग रोड का काम भी काशी ने रिकार्ड समय पर पूरा किया है। बनारस आने वाली कई सड़कें भी अब चौड़ी है गई हैं। जो लोग सड़क के रास्ते बनारस आते हैं, वो सुविधा से कितना फर्क पड़ा है, इसे अच्छे से समझते हैं। उन्होंने कहा कि मैं जब काशी आता हूं या दिल्ली में भी रहता हूं तो प्रयास रहता है कि बनारस में हो रहे विकास कार्यों को गति देता रहूं। प्रधानमंत्री ने बताया कि बीती रात सोमवार को रात्रि 12 बजे के बाद जैसे ही मुझे अवसर मिला, मैं काशी की सड़क पर फिर निकल पड़ा था, अपनी काशी में जो काम चल रहे हैं, जो काम किया गया है, उनको देखने के लिए। गौदोलिया में जो सुंदरीकरण का काम हुआ है, देखने योग्य बना है। मैंने मडुवाडीह में बनारस रेलवे स्टेशन भी देखा। इस स्टेशन का भी अब कायाकल्प हो चुका है। पुरातन को समेटे हुए नवीनता को धारण करना, बनारस देश को नई दिशा दे रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि स्वाधीनता संग्राम के समय सद्गुरु ने हमें स्वदेशी का मंत्र दिया था। आज उसी भाव में देश ने अब ‘आत्मनिर्भर भारत मिशन’ शुरू किया है। आज देश के स्थानीय व्यापार- रोजगार को एवं उत्पादों को ताकत दी जा रही है, लोकल को ग्लोबल बनाया जा रहा है। हमारा गौ-धन हमारे किसानों के लिए केवल दूध का ही स्रोत न रहे, बल्कि हमारी कोशिश है कि गौवंश प्रगति के अन्य आयामों में भी मदद करे। आज देश गोबरधन योजना के जरिए बायो-फ्यूल को बढ़ावा दे रहा है, आर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा दे रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज आप सभी से कुछ संकल्प लेने का आग्रह करना चाहता हूं। ये संकल्प ऐसे होने चाहिए जिसमें सद्गुरु के संकल्पों की सिद्धि हो और जिसमें देश के मनोरथ भी शामिल हों। ये ऐसे संकल्प हो सकते हैं जिन्हें अगले दो साल में गति दी जाए, मिलकर पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि एक संकल्प ये हो सकता है-हमें बेटी को पढ़ाना है, उसका स्किल डेवलपमेंट भी करना है। अपने परिवार के साथ-साथ जो लोग समाज में जिम्मेदारी उठा सकते हैं, वो एक-दो गरीब बेटियों के स्किल डेवलपमेंट की भी जिम्मेदारी उठाएं। एक और संकल्प हो सकता है पानी बचाने को लेकर। हमें अपनी नदियों, गंगा जी, सभी जल स्रोतों को स्वच्छ रखना है। हमारा देश इतना अद्भुत है कि, यहां जब भी समय विपरीत होता है, कोई न कोई संत-विभूति, समय की धारा को मोड़ने के लिए अवतरित हो जाती है। ये भारत ही है जिसकी आजादी के सबसे बड़े नायक को दुनिया महात्मा बुलाती है।आज देश आजादी की लड़ाई में अपने गुरुओं, संत और तपस्वियों के योगदान को स्मरण कर रहा है, नई पीढ़ी को उनके योगदान से परिचित करा रहा है। मुझे खुशी है कि विहंगम योग संस्थान भी इसमें सक्रिय भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कल सोमवार को काशी ने भव्य विश्वनाथ धाम महादेव के चरणों में अर्पित किया और आज विहंगम योग संस्थान का ये अद्भुत आयोजन हो रहा है। इस दैवीय भूमि पर ईश्वर अपनी अनेक इच्छाओं की पूर्ति के लिए संतों को ही निमित्त बनाता है। सद्गुरु सदाफलदेव जी ने समाज के जागरण के लिए विहंगम योग को जन-जन तक पहुंचाने के लिए यज्ञ किया था। आज वो संकल्प बीज हमारे सामने इतने विशाल वट वृक्ष के रूप में खड़ा है। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने इस अवसर पर लोगों को गीता जयंती पर बधाई देते हुए कहा कि आज गीता जयंती का पुण्य अवसर है। आज के ही दिन कुरुक्षेत्र की युद्ध की भूमि में जब सेनाएं आमने सामने थीं, मानवता को योग, आध्यात्म और परमार्थ का परम ज्ञान मिला था।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वागत करते हुए कहा कि योग को वैश्विक मान्यता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कारण मिली है। वैश्विक मंच पर भारत की परंपरा, संस्कृति और सभ्यता को आज जो मान्यता प्राप्त हुई है, उस पर हर भारतवासी गौरवान्वित है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के कर कमलों से उन्हीं के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में कल सोमवार को बाबा विश्वनाथ का धाम राष्ट्र को समर्पित हुआ है और आज यहां पर सद्गुरु सदाफलदेव जी महाराज के इस कर्मभूमि पर आप सभी श्रद्धालुओं से संवाद करने के लिए प्रधानमंत्री का आगमन हुआ है। इसके लिये मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का स्वागत एवं अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि यह देश अपनी आजादी के उन दीवानों के प्रति जिन्होंने भारत की स्वाधीनता के लिए अपना सर्वस्व निछावर कर दिया था, उन्हें कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए मनाये जा रहे अमृत महोत्सव कार्यक्रम की श्रृंखला मे पूरे देश के अंदर अनेक कार्यक्रम चल रहे हैं। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और प्रेरणा से पूरे देश के अंदर चल रहे कार्यक्रम न केवल त्याग और बलिदान से प्रेरणा प्राप्त करके एक नए संकल्प के साथ आगे बढ़ने के लिए हम सब को प्रेरित करती है बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा को कैसे वैश्विक स्तर पर हमे पहुँचाना है। इसके लिए स्वर्वेद महामंदिर धाम का आज का यह कार्यक्रम इसलिए भी महत्तवपूर्ण है कि क्योंकि हम सब जानते हैं कि स्वरवेद प्राणों की विद्या है, प्राणायाम उसका एक भाग है और योग भी अपने आप में एक संपूर्ण ज्ञान है। योग को वैश्विक मान्यता 21 जून को हम सब मनाते है। यह वैश्विक पहचान प्रधानमंत्री मोदी के कारण मिली है।
इस अवसर पर विहंगम योग संत समाज के सद्गुरु आचार्य स्वतंत्र देव महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री की गौरवमयी उपस्थिति से विहंगम योग धाम भारत की गौरवमई ज्ञान को देश-विदेश में स्थापित करने वाले शिखर पुरुष के रूप में जो प्रतिष्ठा स्थापित की है, उससे समस्त देशवासियों का मस्तक ऊंचा हुआ है। भारतीय संस्कृति के संरक्षक के रूप में पथ प्रदर्शक के रूप में अंतरराष्ट्रीय योग प्रदर्शक के रूप में स्वा नाम धन्य नाम कीर्तिमान स्थापित किया है। सबका साथ सबका विकास का नारा देकर प्रधानमंत्री ने जनता का विश्वास जीता है और अपने सात्विक प्रयास से जनसेवा के भाव को संकीर्ण दायरों से ऊपर उठा कर एक खुला आकाश दिया है। प्रधानमंत्री की सफल नीति और व्यक्तित्व के कारण देश की सीमाएं सुरक्षित है। प्रधानमंत्री की सेवा सुचिता से राष्ट्र गौरवान्वित है। देश के प्रति आपका त्याग और समर्पण की भावना से प्रत्येक भारतीयों का मन हर्षित है। कई देशों द्वारा प्रधानमंत्री को दिया गया सम्मान वास्तव में भारत का सम्मान है। निरंतर प्रयास से भारत आगे बढ़ता जा रहा है। इन सबसे बढ़कर प्रधानमंत्री के भीतर जो अध्यात्म की ज्योति जल रही है उस के आलोक में इनका हर निर्णय लोक कल्याण के लिए ही होता है और यही पारदर्शिता आपकी लोकप्रियता को प्रकाशित करती है।
इससे पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उमरहा के स्वर्वेद महामंदिर पहुंचने के बाद सदगुरु सदाफलदेव की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। इस दौरान उनके साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। 
इससे पूर्व प्रधानमंत्री ने अपराह्न में बीएलडब्लू सभागार में भाजपा शासित 12 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की। बैठक में भाग लेने वालों में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्य प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह शामिल थे।



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