पीएम की क्लास : कौन से 11 मंत्र दिए पीएम ने अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन में जुटे मेयरों को

पीएम की क्लास : कौन से 11 मंत्र दिए पीएम ने अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन में जुटे मेयरों को


– प्रधानमंत्री ने मेयरों को दिया शहर के विकास का 11 मंत्र

अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पारंपरिकता व विकास को एक साथ आगे बढ़ाया जा सकता है। विरासत व विकास एक साथ चाहिए। आप सभी महापौर अपने कार्यकाल में अपने शहर को कुछ न कुछ देना ही चाहते होंगे ताकि आने वाले समय में पांच, दस, पचास साल बाद जब कोई आपके शहर में आए तो कहे कि फलां महापौर थे तो यह कार्य किया। मन में यह सपना, संकल्प रहना चाहिए। इसके लिए जी जान से जुडना चाहिए। जनता ने हम पर विश्वास किया है तो हमें पूरा करना चाहिए। उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि आप सभी इसके लिए प्रयास करते ही होंगे।

प्रधानमंत्री ने महापौर सम्मेलन के लिए बनारस को चुनने पर शहरी विकास मंत्रालय व प्रदेश सरकार को धन्यवाद दिया। कहा बाबा का आशीर्वाद जुड़ेगा तो कुछ न कुछ नया प्राप्त कर सभी पूरी उमंग को साथ अपने अपने नगर को लौटेंगे। मैं कई संभावनाओं को एक साथ देख रहा हूं। बनारस प्राचीन नगरी और नए भारत की रूपरेखा है। अभी काशी में मैंने कहा था, काशी का विकास पूरे देश के लिए रोडमैप बन सकता है। हमारे देश में ज्यादातर देश पारंपरिक तरीके से विकसित हैं। इन शहरों की प्राचीनता में बहुत महत्वपूर्ण है। हर गली, हर पत्थर, हर पल से इतिहास की हर तवारीख से कुछ न कुछ सीख सकते हैं। हम अपने जीवन की प्रेरणा बना सकते हैं। विरासत को सहेज सकते हैं। लोकल को शहर की पहचान बना सकते हैं।

पुरातन को सहेजते हुए नयापन
पीएम ने कहा कि आप पहले भी बनारस आए होंगे, अब जब आप बनारस घूमें तो पुरानी स्मृतियों के साथ नए बदलाव को देखें। अपने शहर से गलियों का मिलान करेंगे। नदियों का पल-पल तुलनात्मक अध्‍यन करेंगे। देश भर से आए मेयर के साथ चर्चा करेंगे। इससे नए विचार, नई कल्पना मिलेगी। नए कार्यक्रमों की रचना मिलेगी। जब अपने शहर में जाकर इसे लागू करेंगे तो नया विश्वास मिलेगा। पीएम ने कहा कि इवाल्यूशन में विश्वास करें। आज रिवाल्यूशन का काम नहीं। तोड़ना-फोड़ना हमारा काम नहीं। पुरातन को सहेजते हुए नयापन लाएं।

स्वच्छता का महत्व है तो सौंदर्यीकरण भी जरूरी
पीएम ने आगे कहा कि स्वच्छता का अभियान चल रहा है, लेकिन कुछ शहरों ने ही अपनी जगह बनाई है। बाकी निराश होकर बैठ जाएं कि हम नहीं कर पाएंगे तो यह मानसिकता नहीं होनी चाहिए। संकल्प करें कि स्वच्छता की स्पर्धा में हम किसी से पीछे न रहेंगे। उन्होंने केंद्रीय नगर विकास मंत्री हरदीप पुरी से कहा कि, कोशिश कर सकते हैं कि स्वच्छ शहर को रिकग्नाइज करें और जो अच्छा करने का सबसे ज्यादा प्रयास कर रहे हों, उन्हें भी सम्मानित करें। जो नहीं कर रहे उनकी भी सुूची बनाएं दिखाएं इससे जनदबाव बनेगा। प्रधानमंत्री ने महापौरों से आग्रह किया कि स्वच्छता को सालाना अभियान न बनाएं। हर माह स्पर्द्धा आयोजित करें। शहर के वार्डों में स्पर्धा होगी तो टोटल इफेक्ट पूरे शहर को बदलने में कारगर होगा। स्वच्छता का महत्व है तो सौंदर्यीकरण भी जरूरी है। इसके लिए वार्ड ब्यूटी कंटीशन कर सकते हैं। हर नगर अपना रिव्यू करे। देखे, दुकानों को कैसे रंगा गया है। दुकानों के बोर्ड कैसे लगे हैं। पते कैसे लिखे हैं

अमृत महोत्सव में तीन बातें का रखे ध्यान
आजादी का अमृत महोत्सव में तीन बातें कही गयीं हैं जो सामान्य आदमी कर सकता है। रंगोली महोत्सव, इसमें आजादी की किसी न किसी घटना से जुड़ी रंगोली बनाई जाए। । इसे गणतंत्रत दिवस तक करें। आजादी के लिए आपके शहर में घटित घटनाओं पर रंगोली स्पर्धा हो। राज्य व देश की घटनाओं पर प्रतिस्पर्धा हो। माताओं बहनों को जोड़ कर लोरी प्रतियोगिता कर सकते हैं। इसमें इतिहास बताने के साथ भावी भारत कैसा होगा, उज्जवल भारत की लोरी सुनाए। सौवें साल का संकल्प जताएं।

मनाए नदी उत्सव
पीएम ने कहा कि गंगा के घाट पर दुनिया भर से टूरिस्ट आते हैं। काशी की इकोनामी में गंगा की भूमि अहम है। इससे शहर को ताकत मिलती है। अनेक शहर किसी न किसी नदी के तट पर हैं लेकिन काल क्रम में नदी किसी तरह तबाह हो गई। सिर्फ बरसाती होकर रह गई। इस नदी के प्रति संवेदनशील अप्रोच अपनाना चाहिए। आज दुनिया जल संकट, ग्लोबल वार्मिग की बात करती है और हम नदी की बात न करें तो कैसै लड़ सकते हैं। हर वर्ष सात दिन के लिए नदी उत्सव मनाएं। पूरे नगर को उसमें जोड़ें। सफाई करें, इतिहास पर चर्चा करें। उसके तट पर हुई घटनाओं के बारे में बात करें, कवि सम्मेलन समेत समारोह आयोजित करें। यानी नदी को नगर के विकास के केंद्र में रख कर चर्चा करें। महात्म्य बढ़ाने के लिए प्रयास करें। आपके नगर में जान आ जाएगी।

झोला लेकर बाजार जाएं
पीएम ने सीधा सवाल किया कि सिंगल यूज प्लास्टिक के संबंध में हम अपने नगर में कितने सजग हैं। दुकानदारों को समझाएं, लोगों को बताएं कि हम इसका एकदम उपयोग न करेंगे। गरीब की बनाई अखबार की थैलियां उपयोग में लाएं। झोला लेकर बाजार जाएं। अब तो दुनिया भर में सर्कुलर इकोनामी का बात हो रही है। इस पर प्रतियोगिता हो सकती है। वेस्ट से प्रोडक्ट बनाकर इसकी प्रदर्शनी लगाएं। वेस्ट मैनेजमेंट से रेवेन्यू माडल बन सकता है। सूरत में सीवेज ट्रीटमेंट से कमाई हो रही है। एेसा कई अन्य शहर भी कर रहे हैं। सीवेज का पानी रियूज करें। इसे सिचाई में काम ला सकते हैं। आरोग्य के लिए प्रिवेंटिव चीजों पर काम न करेंगे तो चाहे जितने अस्पताल बनाएं कम पड़ जाएंगे। प्रयास हो कि हमारा शहर सबसे स्वच्छ रहे।

शहर का जन्म दिवस मनाए
पीएम ने कहा कि मैं मानता हूं कि शहर का जन्म दिवस हमें पता होना चाहिए। नहीं है तो खोजना चाहिए। बड़े तामझाम के साथ मनाना चाहिए। मेरा शहर कैसा हो, हर नागरिक के हृदय में भाव होना चाहिए। उन्होंने गली-गली एलईडी के बाद घर-घर एलईडी का आह्वान किया। कहा, मध्यम परिवार के घर में जब एलईडी जलेगी तो उनके पैसे बच जाएंगे। इनके लिए कोई योजना की जरूरत नहीं, पहले से उपलब्ध है। उपयोग करने की जरूरत है

विकास जनभागीदारी से
शहर का विकास भी जनभागीदारी से होना चाहिए। एनसीसी की यूनिट से बात करें, आंबेडकर, भगत सिंह, सुभाषचंद्र बोस, शिवाजी समेत जितने भी स्टेच्यू लगे हों उनसे जोड़ें। इन्हें लगाते समय हम खूब तामझाम करते हैं फिर भूल जाते हैं। क्या हम एनसीसी कैडेट्स की टोलियां बना कर उनकी सफाई कर सकते हैं। जो बच्चे एकत्र होंगे उन पर सफाई के बाद भाषण करेंगे। इससे बच्चों को अपने देश की विभूतियों के बारे में भी जानकारी होगी और जुड़ाव भी बढ़ेगा। ये चीजें छोटी हैं, लेकिन बदलाव की ताकत रखती हैं। आपके शहर में आजादी की महोत्सव आया है तो क्या एक चौराहा, एक सर्किल जहां से चार छह रास्ते निकलते हैं, वहां जनभागीदारी से स्मारक बना सकते हैं जो आजादी के गौरव, भविष्य को दिखाए। डिजाइन बनवाएं, उसके लिए भी कंपटीशन हो। इससे आप जीवन की यादगार छोड़ कर जाएंगे। एेसी बहुत चीजें हैं जिस पर बल देंगे।

शहर की किसी विशेष चीज से बनाये शहर की पहचान
पीएम ने कहा कि अपने शहर की पहचान बनाएं, हो सकता है कोई शहर खाने की एक चीज के लिए जाना जाता हो। जैसे बनारस का पान, कहीं भी जाओ लोग जानते हैं। किसी ने मेहनत की होगी। आपके नगर में वैसा ही कोई प्रोडक्ट, एतिहासिक स्थान होगा। अपने शहर की ब्रांडिंग, किसी उत्पाद के जरिए करें। उत्तर प्रदेश ओडीओपी के जरिए ऐसा ही कर रहा है। इसका असर दिख रहा है। आज बनारसी साड़ी इतनी ख्यात हो गई दुनिया में कहीं शादी हुई तो होता है कि एक तो खरीदेंगे ही। पटना, हैदराबाद कोचि, तुरुअनंतपुरम, हर कहीं कोई न कोई बढ़िया चीज है। पूरा शहर तय करे, यह इकोनामिक एक्टिविटि का जरिया बन जाएगा। इस दिशा में प्रयास करना होगा।

विकास माडल में एमएसएमई को कैसे मिले प्रोत्साहन
शहरों में बढ़ती जनसंख्या, जाम के कारण समस्या आ रही है। कितने भी फ्लाईओवर बना दें। सूरत में हर सौ मीटर पर फ्लाई ओवर मिल जाता है। फ्लाईओवर सिटी बन गई है। यह समाधान नहीं है। मेट्रो पर काम हो रहा है। इसके आलावा भी बहुत चीजें है। इन चीजों को महात्म्य न समझंगे तो नहीं हो सकता। प्रधानमंत्री बोले, हमारी इकोनामी का ड्राइविंग पोर्शन हमारा शहर है। जहां उद्योग लग सकते हैं चिहि्त करें। मजदूरों को रहने के लिए व्यव्स्था करें। डेवलमेंट माडल पर अच्छा अप्रोच रखना होगा। तभी लोग आएंगे, कारखाना लगाएंगे और रोजगार बढ़ाएंगे। हमारे विकास माडल में एमएसएमई को कैसे प्रोत्साहन मिले, विचार करना चाहिए।

शहर में स्ट्रीट वेंडर्स, रेहड़ी पटरी को आगे बढ़ाए
पीएम मोदी ने स्वनिधि योजना को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हर शहर में स्ट्रीट वेंडर्स, रेहड़ी पटरी वालों यानी माइक्रो इकोनामी का हर एक के जीवन में महत्व है, लेकिन उपेक्षित रहे। कोई पूछने वाला न था। कोरोना काल ने बता दिया कि इनके बिना जीवन मुश्किल है। इनकी ताकत का अहसास करा दिया। अब इन्हें जीवन को हिस्सा बनाएं, कभी अकेला न छोड़ें। ये यात्रा के साथी है। पीएम स्वनिधि योजना के जरिए इनकी मदद करिए। ई बैंकिंग, डिजिटल बैंकिंग सिखाएं, प्रशिक्षित करें। इससे लेनदेन में ब्याज लगभग जीरो हो जाता है।



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