जानिए स्वामी प्रसाद की कुंडली, भाजपा पर बोला हमला, प्रश्न आखिर बेटी भाजपा में क्यों …

जानिए स्वामी प्रसाद की कुंडली, भाजपा पर बोला हमला, प्रश्न आखिर बेटी भाजपा में क्यों …


– मौर्य ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि नाग रूपी आरएसएस एवं सांप रूपी भाजपा को स्वामी रूपी नेवला यूपी से खत्म करके ही दम लेगा।

– स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ धर्म सिंह सैनी समेत छह अन्य विधायकों ने अखिलेश की पार्टी की सदस्यता ग्रहण की

मौर्य के इस्तीफा के बाद भाजपा विधायक ब्रजेश प्रजापति, विधायक भगवती सागर, विधायक रौशन लाल, विधायक विनय शाक्य, विधायक बाला अवस्थी और विधायक मुकेश वर्मा ने भी इस्तीफा दिया। इतना ही नहीं मौर्य के अलावा दो और मंत्री भी योगी कैबिनेट से इस्तीफा दिए है।

योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर यूपी की राजनीति में हंगामा मचाने वाले ओबीसी के कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार को सपा का दामन थाम लिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ धर्म सिंह सैनी समेत छह अन्य विधायकों ने अखिलेश की पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। बीजेपी के इन नेताओं के सपा में आने से राज्य में ओबीसी वोट बैंक पर अब अखिलेश की पकड़ मजबूत होती दिख रही है।बसपा में शामिल होने वाले बीजेपी नेताओं में मौर्य और सैनी के अलावा भगवती सागर, विनय शाक्य, रोशन लाल वर्मा, मुकेश वर्मा, बृजेश कुमार प्रजापति का नाम शामिल है। ये सभी सपा प्रमुख अखिलेश यादव की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए। इनके अलावा अपना दल के विधायक अमर सिंह ने भी सपा का दामन थामा लिया है।
समाजवादी पार्टी में शामिल होने से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि 14 जनवरी, मकर संक्रांति, स्वामी का बजा बिगुल क्रांति। बीजेपी का टूटा है भ्रांति, भाजपा अंत का है शंखनादि। इससे पहले उन्होंने आरएसएस और भाजपा पर हमला बोलते हुए भी ट्वीट किया था।

जानिए नेता स्वामी को
उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ के रहने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य तीस सालों से भी अधिक समय से राज्य की राजनीति में सक्रिय है। ओबीसी समुदाय में और ख़ास तौर पर कुशवाहा समुदाय में उनकी अच्छी खासी पकड़ है। मौर्य ने 1996 में पहली बार बसपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीता था। इसके बाद वे 2007 का चुनाव हार गए लेकिन मायावती ने उन्हें अपनी सरकार में मंत्री बनाया। साल 2012 में स्वामी प्रसाद मौर्य फिर से बसपा के टिकट पर चुनाव जीते लेकिन उनके बेटे उत्कृष्ट मौर्य और बेटी संघमित्रा मौर्य चुनाव हार गए। 2016 के अंत में उन्होंने मायावती का साथ छोड़ दिया और भाजपा में शामिल हो गए। साल 2017 में उन्होंने विधानसभा का चुनाव जीता और योगी सरकार में मंत्री बने। इतना ही नहीं साल 2019 में उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य ने भाजपा के टिकट पर बदायूं से लोकसभा का चुनाव लड़ा और सपा उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव को हराया। हालांकि संघमित्रा मौर्य अभी भी भाजपा में है।



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