
विनोद तिवारी
जैसे जैसे लोकतंत्र के महापर्व की तारीख नजदीक आ रही है सभी राजनैतिक दलों के माथे पर शिकन बढ़ती ही जा रही है।यू तो इस लोकतांत्रिक महायुद्ध में शामिल सभी दल अपने अपने जीत का दावा करते दिखाई दे रही हैं लेकिन हकीकत में सबकी हवाइयां गुम है किसी राजनैतिक पंडित को नही मालूम की ऊंट किस करवट बैठेगा।एक तरफ बीजेपी जहां सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों के साथ मोदी ,योगी के हिंदुत्व की छवि के सहारे इस चुनावी वैतरणी को पार करने की सोच रही है तो वही विपक्ष महंगाई,बेरोजगारी,जातिगत समीकरण,ब्राह्मण विरोधी सरकार जैसे कई मुद्दों को हवा देने के साथ कई लुभावने वादे के दम पर बीजेपी के चुनावी रथ की हवा निकालने में जुटा हुआ है।इन सब के बीच प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की अगर बात की जाय तो यहां एक अलग ही नजारा दिखाई देता है।पिछले विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी के सुनामी के आगे विपक्ष पूरी तरह नतमस्तक हो गया था और जनपद के आठों सीट पर बीजेपी का परचम लहराया था अपनी इसी शाख को बचाना अब बीजेपी के लिए टेडी खीर साबित हो सकती है ।इसके कई कारण है जिनमें करोना काल में आम जन को जनप्रतिनिधियों का आपेक्षित सहयोग न मिल पाना मुख्य है इसके साथ ही अगर बीजेपी द्वारा जारी किए गए 6 प्रत्याशियों की सूची पर गौर किया जाए तो ऐसा मालूम पड़ता है की शहरी क्षेत्र में पुनः पूर्व विधायकों को टिकट देना बीजेपी के लिए उल्टा दांव न पड़ जाए हालांकि अभी कुछ कहा नहीं जा सकता क्योंकि विपक्ष ने अभी अपने प्रत्याशी घोषित नही किए है।लेकिन शहर के कैंट,उत्तरी एवम दक्षिणी के प्रत्याशी का विरोध जगजाहिर है ।जिस वंशवाद परिवारवाद का नारा देकर बीजेपी दूसरे दलों को घेरती है वही कैंट में खुद वंशवाद परिवारवाद को बढ़ावा देने का काम कर रही हैं जिससे न सिर्फ आम जन बल्कि कई बीजेपी कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी है। कमोबेश यही स्थिति दक्षिणी एवम उत्तरी के लिए भी है जहां परिवारवाद तो नहीं लेकिन जनता बहुत खुश नही है ऐसे में अपना गढ़ और मोदी,योगी के नाम के जादू पर जितने का आत्मविश्वास गलत साबित हो सकता है।वही अगर ग्रामीण क्षेत्रों की बात करे तो पिंडरा में कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय बहुत मजबूत टक्कर देने को तैयार बैठे है वही शिवपुर सीट की बात की जाए तो यहां भी विपक्ष इस बार जातिगत समीकरण के सहारे मजबूत सेंधमारी की तैयारी कर रहा है ।बहरहाल किसकी रणनीति सफल होगी और कौन असफल यह तो अभी भविष्य के गर्भ में है लेकिन एक बात तो तय है की मुकाबला बहुत रोचक और पिछले बार की तरह कुछ अप्रत्याशित होने वाला है।
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