
– यूपी में इ बा… से अब खोजा जा रहा जवाब
– नेहा के लोकगीतों ने दी जनता को आवाज
लखनऊ। लोकतंत्र के पर्व चुनाव में लोककला की आवाज कभी-कभी सत्ता को भारी पड़ने लगती है लेकिन लोक कलाकार जनता की आवाज होते हैं, इसलिए उनकी आवाज की गूंज सत्ता के गलियारों की नींद उड़ा देती है। उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव सोशल मीडिया के मंच ज्यादा प्रभावी हो गया है। सोशल मीडिया पर छिड़े घमासान के बीच बिहार की लोक गायिका नेहा सिंह राठौर का यूपी में का बा… बहुत प्रसिद्ध हो चुका है जो सत्ता से सीधे सवाल कर रहा है। नेहा ने ऐलान किया कि वो यूपी में का बा… का दूसरा पार्ट भी जल्द ही रिलीज करेंगी क्योंकि इसमें सारी बातें अभी आ नहीं सकी हैं। उन्होंने मानना है कि जनता ने सत्ता दिया है तो जनता को हक भी है कि वह सवाल करे। नेहा सिंह राठौर अपने गीतों के जरिए जनता के मुद्दे को उठाएंगी। नेहा सबसे पहले वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान चर्चा में आई थी, जब उन्होंने बिहार की नीतीश सरकार से पूछा था ‘ बिहार में का बा…’।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में यूपी में का बा… के नेहा के कई गाने लगातार प्रसिद्ध बटोर रहे हैं। जनता बकलोल…,पिया ढेर दिन चला ना इ इमोशनल ड्रामा…, जुमले बाज रजउ, साहेब के पाकल पाकल दाढ़ी, की दाढ़िया कमाल कइले बा… आदि लोकगीत हैं। अब नेहा सिंह राठौर के इन लोकगीतों के बोल सत्ता से सवाल कर रहे हैं।
कौन है नेहा
नेहा सिंह राठौर बिहार के कैमूर जिले रामगढ़ प्रखंड के जंदाहा गांव की रहने वाली है। जंदाहा गांव उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले से महज 500 मीटर की दूरी पर है। नेहा की मां चंपा देवी भी गाना गाती है और नेहा अपनी मां से ही गाना सीखती हैं। उन्हें भी पारंपिरक गाने से खासा लगाव है। नेहा ने कानपुर से स्नातक किया है। साल 2016 से ही नेहा सिंह भोजपुरी लोक गीत गा रही हैं। नेहा के सभी गाने, गीत स्वयं के लिखे गये हैं। नेहा के अधिकांश गीत प्रकृति और समाज को लेकर हैं। उनका पहला प्रमुख गाना था- रोजगार देबा कि करबा ड्रामा कुर्सिया तोहरे बाप के ना है…।
नेहा सिंह राठौर के पिता रमेश सिंह एक आर्किटेक्ट हैं और लखनऊ में एक निजी कंपनी में काम करते हैं। नेहा का मानना है कि भोजपुरी में अच्छे गाने नहीं आ रहे हैं। वह लोक संगीत के जरिए समाज में अच्छा संदेश देना चाहती है। नेहा ने बताया कि भिखारी ठाकुर, महेन्द्र मिश्र के गाने बहुत पसन्द हैं। उन्होंने लोक गायिका शारदा सिन्हा के गीतों को अपनी पसन्द बताया। नेहा सिंह राठौर सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय हैं। ट्विटर पर उनके करीब 87 हजार फॉलोअर हैं। इसके अलावा यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर भी वो काफी चहेते हैं।
जवाब में आया यूपी में ई बा…
नेहा सिंह राठौर के गीतों से जहां सत्ता पक्ष को अहसहज कर दिया हैं, वहीं विपक्ष इसे अपने पक्ष में मान रहा है। सोशल मीडिया पर नेहा सिंह राठौर के खिलाफ तीखे सवालों पर टिप्पणी आनी शुरू हो गयी है। अब ताजा पलटवार किया है डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने किया है जिसने ट्वीट कर नेहा राठौर के वीडियो के जवाब में यूपी में ई बा…वीडियो जारी कर दिया।
सवालों से असहज सत्ता पक्ष
कोरोना वायरस के संक्रमण के और चुनाव आयोग की रैली, सभा में रोक के कारण तो राजनीतिक दलों ने गीतों का सहारा लेना शुरू कर दिया है। सबसे पहले भारतीय जनता पार्टी ने इस मोर्चे पर बाजी मारी है। बीजेपी ने ‘जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे… जारी किया। कन्हैया मित्तल के इस गाने के साथ भारतीय जनता पार्टी का एजेंडा और हिन्दूत्व का मुद्दा साथ-साथ है। भोजपुरी अभिनेता और गोरखपुर से बीजेपी सांसद रवि किशन शुक्ला ने ‘यूपी में सब बा’ की एक लोक प्रस्तुति जारी किया था। जिसमें भोजपुरी मतदाताओं को लुभाने के लिए आदित्यनाथ सरकार की उपलब्धियां गिनाई हैं। इसी कड़ी में निरहुआ का भी एक गाना चुनाव के परिप्रेक्ष्य में आया है।
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