
वाराणसी। धर्म की नगरी काशी में मां गंगा का स्पर्श, स्मरण, स्नान का एक अलग ही महत्व है। वही विशेष तिथि एवं दिन पर गंगा स्नान का महत्वपूर्ण फल मिलता है। इसी क्रम में माघी पूर्णिमा (माघ पूर्णिमा) पर काशी के घाटों पर स्नान प्रातः काल से चलता रहा। जहां एक ओर लोग गंगा स्नान, दान, पुण्य सहित कार्य करते है। माघ पूर्णिमा के दिन चंद्रदेव की पूजा के साथ ही भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। जिसमें सुबह स्नान, व्रत, दान सहित नियमों का उल्लेख ग्रंथों में भी मिलता है। खास तौर पर प्रयाग संगम पर स्नान करने का अत्यधिक पुण्य मिलता है। जिसमे पौराणिक मान्यता है कि इस दिन देवलोक से देवता पृथ्वी पर आते हैं।
लेटेस्ट खबरें, इन्हें भी पढ़िए –
जयंती पर उमड़ा रैदासियों का जनसैलाब, राजनीतिक दलों के नेताओं ने टेका मत्था
बनारस में राहुल और प्रिंयका, संत का लेंगे आशीर्वाद
रैदास जयंती : रैदास की ‘कठौती’ अंतर्जगत की यात्रा है …
धर्म नगरी : क्या है सत्यनारायण व्रत कथा महत्व, विधि और फल प्राप्ति
वाराणसी : पांच पार्टी के 9 उम्मीदवारों ने किया नामांकन
strong>लेटेस्ट वीडियो –
@kashi ghat : आखिर काशी के घाटों पर क्यों पसरा है सन्नाटा, सुबह के नव बजे ऐसा दिखा …
देखिये, दशाश्वमेध घाट पर 14 जनवरी को गंगा स्नार्थियों का भीड़
कोरोना बड़ी चुनौती नही बल्कि आर्थिक व्यवस्था को पटरी पर लाना होगा- अखिलेश यादव
हुआ एलान, चुनाव में BJP के सहयोगी होंगे अपना दल और निषाद पार्टी
काशी के घाटों पर कोल्ड कर्फ्यू, पुरोहित नाविक और दुकानदार परेशान