द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा विश्वनाथ जहां विराजते हैं माता पार्वती संग शिव । मंदिर का शिखर पूर्व से स्वर्ण आभा बिखेरती है। लेकिन अब बाबा श्री काशी विश्वनाथ के शिखर के साथ गर्भगृह की दीवारें भी स्वर्ण आभा की चमक बिखेरेगी । गुजरात के कारीगर इन दिनों बाबा के गर्भ गृह को स्वर्णमयी करने का काम कर रहे है। जिसे महाशिवरात्रि से पूर्व पूरा कर दिया जाना है । साफ है कि भगवान शिव के विवाह के अवसर पर बाबा अपने भक्तों को मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर जड़े स्वर्ण संग दर्शन देंगे ।
पहले भी थी योजना लेकिन ..
बाबा दरबार को स्वर्ण मंडित करने की योजना 6 साल पूर्व भी बनी । लेकिन उस वक्त बीएचयू आईआईटी ने अपनी रिपोर्ट में मंदिर के दीवारों की क्षमता पर शक जताते हुए ऐसा होना संभव नहीं बताया था । उस वक्त इसका खर्च लगभग 42 करोड़ अनुमानित था । जबकि केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की (सीबीआरआई) ने भार सहने की क्षमता के अनुरूप बताया था।
शिखर पर महाराज रणजीत सिंह का सोना
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण 1780 में इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने कराया था।अहिल्याबाई होल्कर शिव भक्त थी जिन्होंने काशी में कई मंदिरों का निर्माण कराया था । पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह ने शाह सुजाउद्दौला से युद्ध में जीते गए सोने के एक तिहाई भाग को बाबा को अर्पित किया था।
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