
– काशी धर्म परिषद ने मांग की कि तत्काल आयोग बनाकर कश्मीर में इस्लामी आतंकवादियों द्वारा तोड़े गए मंदिरों की सूची संत समाज को सौंपे।
वाराणसी । द कश्मीर फाइल्स की टीम को समर्थन देने और कश्मीरी हिंदुओ के नरसंहार की सच्चाई को जानने और जन जन तक पहुचाने के लिए काशी धर्म परिषद के पूजनीय संतो ने अध्यक्ष महंत बालक दास महाराज के नेतृत्व में हाल में पहुचकर फ़िल्म देखी। संतो को अपने बीच मे पाकर काशी की जनता उत्साहित होकर जय श्रीराम और हर हर महादेव के नारे लगाने लगी। फ़िल्म के कई दृश्य ऐसे थे जब संतो की आंख से आंसू निकल गए। कश्मीर में हिंदुओं के नरसंहार, महिलाओं के साथ दुराचार, बच्चों की हत्या और महिलाओं को आरा मशीन से काटने की घटना को जीवंत देखकर संत मर्माहत हो गए। बाहर निकल कर काशी धर्म परिषद के अध्यक्ष महंत बालक दास जी ने कहा कि “कश्मीरी हिंदुओ के नरसंहार के इतिहास का सच सामने आ गया है। नरसंहार के लिए इस्लामी आतंकवादी तो दोषी है ही साथ मे आतंकवादियों को समर्थन देने वाले नेता भी अपराधी है। जिन्होंने हिंदुओ को भगाकर उनके मकानों और बागानों पर कब्जा किया है उनकी पूरी प्रॉपर्टी जब्त की जाए। काशी के संतों को काश्मीर भेजा जाए जो यह पता कर सके कि इस्लामी आतंकवादियों ने कितने मंदिर विध्वंश किये अब वे किस हालात में है। कश्मीरी पंडितों की पुनर्स्थापना और मंदिरों का पुनर्निर्माण तत्काल प्रभाव से किया जाए।”
रामपंथ के पंथाचार्य डॉ० राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि कश्मीर को हमेशा केंद्र शासित प्रदेश ही रखा जाए। नरसंहार के दोषी यासीन मालिक और उसको पीएम ऑफिस में बुलाने वाले मनमोहन सिंह पर मुकदमा दर्ज किया जाए। फारुख अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती को गिरफ्तार किया जाए जिन्होंने आतंकवादियों का सहयोग किया और कश्मीर से हिंदुओ का नरसंहार करने में मदद की। इतिहास में कांग्रेस और वामपंथीयो को कभी क्षमा नही किया जाएगा, जो दिल्ली में बैठकर आतंकवादियों के पक्ष में माहौल बनाते रहे।
सभी संतो ने कश्मीरी हिंदुओ के नरसंहार के इतिहास को गांव गांव तक पहुचाया जाएगा। सनातन धर्म को पलायन की नही डटकर खड़े रहने की नीति अपनानी पड़ेगी। काशी का संत समाज जल्द ही राष्ट्रपति से मिलकर अपनी चिंता से उनको अवगत कराएगा।
काशी धर्म परिषद द कश्मीर फाइल्स के निर्देशक और उनकी टीम को काशी में सम्मानित करेगा। फ़िल्म देखकर प्रतिक्रिया देने वाले संतो में प्रमुख रूप से पातालपुरी पीठाधीश्वर महंत बालक दास जी महाराज, महंत रामलोचन दास, महंत सर्वेश्वर शरण दास, महंत श्रवण दास, महंत ईश्वर दास, महंत अवध किशोर दास, व्यास राघव ऋषि, अनिल शास्त्री, आचार्य श्रीराम शास्त्री, कमलेश शास्त्री के साथ विशाल भारत संस्थान के जिला प्रमुख सूरज चौधरी, धनजंय यादव, ओमप्रकाश चौधरी शामिल थे।
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