सम्पन्न हुआ काव्य संग्रह गीतों और ग़ज़लों की पुस्तक “मेरी नादानियाँ ” पर आधारित पुस्तक परिचर्चा

सम्पन्न हुआ काव्य संग्रह गीतों और ग़ज़लों की पुस्तक “मेरी नादानियाँ ” पर आधारित पुस्तक परिचर्चा

अंकिता नादान के तृतीय काव्य संग्रह गीतों और ग़ज़लों की मेरी नादानियाँ पर आधारित पुस्तक परिचर्चा का पिलग्रिम्स पब्लिकेशन्स में आयोजन हुआ जिसमें मुख्य अतिथि थे संगीत नाटक अकादमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ राजेश्वर आचार्य तथा कार्यक्रम के अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ जितेन्द्रनाथ मिश्र एवं मुख्य वक्ता थे प्रख्यात कवि पं हरिराम द्विवेदी विशिष्ट अतिथि द्वय के रूप में उपस्थिति रही ख्यात गायिका पद्मश्री डॉ सोमा घोष तथा सुबह ए बनारस के डॉ रत्नेश वर्मा की। अतिथियों का स्वागत पिलिग्रिम बुक हाउस के अधिष्ठाता रामानंद तिवारी ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से तत्पश्चात अंकिता खत्री ने पुस्तक के विषयवस्तु पर प्रकाश डाला । साथ ही डॉ रत्नेश वर्मा ने अंकिता की निरंतर प्रगति की कामना व्यक्त करते गए उन्हें सहज रचयिता बताया पद्मश्री डॉ सोमा घोष ने होली गीतों के साथ साथ अंकिता द्वारा रचित रचनाओ को स्वर दिया। पं हरिराम द्विवेदी ने लोक जनजीवन की संवेदनाओ को अंकिता के काव्य की विशेषता बताया । पद्मश्री डॉ राजेश्वर आचार्य ने अंकिता को स्वतः स्फूर्त रचनाकार बताते हुए उनकी रचनाओ में प्रीत और स्नेह की अभिव्यक्ति को महत्व देने वाली बतायी ।अध्यक्ष डॉ जितेंद्र नाथ मिश्र जी ने अंकिता के काव्य निहित प्रेम तत्व को दाम्पत्य जीवन की अभिव्यक्ति बताया और इसे पठनीय के साथ दर्शनीय बनाने में श्री मनीष खत्री के योगदान की प्रशंसा की। इसी क्रम लखनऊ से आए अभिनव मीमांसा पत्रिका के संपादक श्री विवेक पांडेय ने अंकिता को काशी के साहित्यकारों की नई पीढ़ी का अभिन्न अंश बताया। विशेष आकर्षण रहा रंगकर्मी श्री उमेश भाटिया की अंकिता नादान की रचनाओ को अभिनय के माध्यम से कुशलतापूर्वक अभिव्यक्त करना।
अंत मे धन्यवाद ज्ञापित किया भारत अध्ययन केंद्र बी एच यू के शताब्दी अध्येता डॉ अमित पांडेय ने तथा सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन किया डॉ प्रीतेश आचार्य ने। कार्यक्रम में उपस्थित रहे । विनय त्रिपाठी , कलाकार सुरेश नायर, डॉ अंजनी कुमार मिश्र , छायाकार मनोज कर तथा अन्य गणमान्य ।

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