गणेश जन्मोत्सव : जानिए जन्म का रहस्य, बुद्धिप्रदायक सुखदाता प्रथम पूज्यदेव भगवान श्रीगणेशजी से शांति और वैभव प्राप्त करने के उपाय

गणेश जन्मोत्सव : जानिए जन्म का रहस्य, बुद्धिप्रदायक सुखदाता प्रथम पूज्यदेव भगवान श्रीगणेशजी से शांति और वैभव प्राप्त करने के उपाय


— ज्योतिॢवद् विमल जैन

वैनायकी वरद् श्रीगणेश चतुर्थी
प्रथम पूज्यदेव श्रीगणेश जी का जन्मोत्सव: 31 अगस्त, बुधवार को
श्रीगणेश जी के दर्शन-पूजन से होगी मनोकामना पूरी, मिलेगी सुख-समृद्धि, खुशहाली इस दिन है चन्द्रदर्शन का निषेध

हिन्दू धर्मशास्त्रों में 33 प्रकार के देवी-देवताओं में प्रथमपूज्य देव भगवान श्रीगणेश जी को भी माना गया है, जिनकी महिमा अनन्त है। भारतीय संस्कृति में हिन्दू पौराणिक मान्यता के अनुसार सर्वविघ्नविनाशक अनन्तगुण विभूषित बुद्धिप्रदायक सुखदाता मंगलमूॢत प्रथम पूज्यदेव भगवान श्रीगणेशजी के जन्मोत्सव का महापर्व उमंग व उल्लास के साथ मनाने की धार्मिक मान्यता है। गणेश पुराण के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी तिथि के दिन श्रीगणेश जी का प्राकट्य हुआ था। मध्याह्न के समय रहने वाली चतुर्थी तिथि के दिन जन्मोत्सव मनाया जाता है। शुक्लपक्ष के भाद्रपद की चतुथी तिथि को ‘ढेला चौथ या ‘पत्थर चौथ के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि भाद्रपद के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन चन्द्रदर्शन का निषेध है। इस दिन चन्द्रदर्शन नहीं किया जाता है। यदि भूलवश चन्द्रदर्शन हो भी जाए तो आरोप-प्रत्यारोप व मिथ्या कलंक लगने की सम्भावना रहती है। ग्रन्थों के मुताबिक भगवान् श्रीकृष्ण पर स्यमन्तकमणि की चोरी का आरोप लगा था। चन्द्रदर्शन के दोष के शमन के लिए श्रीमद्भागवत महापुराण के दशम स्कन्ध के सत्तावनवें अध्याय में वॢणत स्यमन्तकहरण के प्रसंग का कथन व श्रवण करना चाहिए। अथवा ‘ये श्रुण्वन्ति आख्यानम् स्यमन्तक मनियकम्। चन्द्रस्य चरितं सर्वं तेषां दोषो ना जायते॥ इस मन्त्र का अधिकतम संख्या में जप करना चाहिए।

प्रख्यात ज्योतिषविद् विमल जैन ने बताया कि शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि वरद् वैनायकी श्रीगणेश चतुर्थी एवं सिद्ध वैनायक श्रीगणेश चतुर्थी के नाम जानी जाती है। इस बार भाद्रपद शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अगस्त, बुधवार को पड़ रही है। चतुर्थी तिथि 30 अगस्त, मंगलवार को दिन में 3 बजकर 34 मिनट पर लगेगी जो कि अगले दिन 31 अगस्त, बुधवार को दिन में 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगी। मध्याह्न व्यापिनी चतुर्थी तिथि का मान 31 अगस्त, बुधवार को होने से व्रत उपवास इसी दिन रखा जाएगा। बुधवार का दिन श्रीगणेश जी का दिन माना गया है। बुधवार के दिन श्रीगणेशजी का जन्मोत्सव होने से इस दिन श्रीगणेशजी का दर्शन-पूजन करके व्रत रखने पर अलौकिक शान्ति मिलती है।

पूजा का विधान
व्रतकर्ता को स्नान-दान-ध्यान आदि करके पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके अपने दाहिने हाथ में जल, पुष्प, फल, गन्ध व कुश लेकर श्रीगणेश चतुर्थी के व्रत का संकल्प लेना चाहिए। श्रीगणेशजी को दूर्वा एवं मोदक अति प्रिय है, जिनसे श्रीगणेश जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं। श्रीगणेशजी का नयनाभिराम मनमोहक व अलौकिक शृंगार करके उन्हें दूर्वा एवं दूर्वा की माला, मोदक (लड्डू), अन्य मिष्ठान्न ऋतुफल आदि अॢपत करने चाहिए। विशेष तौर पर शुद्ध देशी घी एवं मेवे से बने मोदक अवश्य अर्पित किए जाने चाहिए। श्रीगणेश जी की महिमा में उनकी विशेष अनुकम्पा प्राप्ति के लिए श्रीगणेश स्तुति, श्रीगणेश चालीसा, श्रीगणेश सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए। साथ ही श्रीगणेश जी से सम्बन्धित विभिन्न मन्त्रों का जप करना लाभकारी रहता है।

श्रीगणेश चतुर्थी का व्रत महिला-पुरुष एवं विद्यार्थियों के लिए समानरूप से फलदायी है। श्रीगणेश पुराण के अनुसार भक्तिभाव व पूर्ण आस्था के साथ किए गए वरद् वैनायकी श्रीगणेश चतुर्थी के व्रत से जीवन में सुख-सौभाग्य की अभिवृद्धि होती है, साथ ही जीवन में मंगल कल्याण होता रहता है।

श्रीगणेश जी का प्राकट्य
ब्रह्मपुराण के अनुसार माता पार्वती जी ने अपने देह के मैल से भगवान श्रीगणेशजी का सृजन कर उन्हें द्वार पर पहरा देने के लिए बिठाकर स्नान करने चली गईं थी। तभी वहाँ भगवान शिवजी आ गए। भगवान श्रीगणेशजी ने माता की आज्ञा पर शिवजी को अन्दर प्रवेश नहीं करने दिया। इस पर भगवान शिवजी ने क्रोधित होकर श्रीगणेशजी का सिर विच्छेद कर दिया। जो चन्द्रमण्डल पर जाकर टिक गया। बाद में शिवजी को वास्तविकता मालूम होने पर श्रीगणेशजी को हाथी के नवजात शिशु का सिर लगा दिया। सिर विच्छेदन के पश्चात् श्रीगणेशजी का मुख चन्द्रमण्डल पर सुशोभित हो गया, जिसके फलस्वरूप चन्द्रमा को अघ्र्य देने की परम्परा प्रारम्भ हो गई।


ताजा जानकारियां, इन्हें भी पढ़िए

दिल्ली में 8 तो उत्तर प्रदेश में 4 फर्जी विश्वविद्यालय, जानिये नाम…

गंगा अपनी सरहदें तोड़ पहुंची लोगो के घर आँगन, अब खतरे के निशान से मिलने चली गंगा

इन चीजों का करें सेवन, बालों के गिरने और नाखूनों के टूटने से मिलेगा निजात

केतु के गोचर से 3 राशि वालों को धन राजयोग

इन्तजार 12 सितम्बर का ज़ब कोर्ट बताएगी केस सुनवाई योग्य है या नहीं

आखिर मालवीय पुल पर चलती गाडी से युवक कुदा …

मुस्लिमों के बाप ज्ञानवापी के जगह को स्वर्ग से जमीन लेकर आए…

वाह रे मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी, कोरोना का बूस्टर डोज ले न ले मैसेज तो टीका लगाने का ही आएगा

गुंडा पेट्रोलकर्मी, देखिए वीडियो में दनादन का फिल्मी एक्शन


सच या झूठ

सच या झूठ : खाद्य विभाग के अधिकारियों के लीपापोती से जारी है नक्कालों का खेल, छापेमारी और सैंपल बना खानापूर्ति का जरिया


” स्वास्थ्य और आप ” में पढ़िए

बचे फर्जी वेबसाइट से जो दावा करते हैं जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की, ऐसे बनवाये जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र

आपको अकारण शरीर में थकान , बाल झड़ना, और मिजाज में कड़वापन है तो आप ‘ थायराइड ‘ के शिकार ….

हड्डियों में जकड़न और दर्द की न करें अनदेखी, हो सकता है ‘बोन टीबी’

आखिर क्या खाने से गर्भ नहीं ठहरता है , अनचाही प्रेगनेंसी रोकने के घरेलू उपाय

जामुन एक फायदे अनेक- सेहत को देता है हैरान करने वाले फायदे

योग से ये हैं 6 फायदे , जो देता है स्वस्थ तन और पुलकित मन

जानिये, किस उम्र में कितना ब्लड शुगर का स्तर होना चाहिए ..

जानिये, अपने स्वभाव के बारे में, आखिर कैसे है आप


” धर्मनगरी ” में पढ़िए

जानिए क्या है रुद्राभिषेक और क्यों किया जाता हैं..

सावन विशेष : कितने शिव लिंग़ का उल्लेख है पुराण में , कौन से हैं 50 सिद्ध शिव मंदिर

पितरों के सुमिरन का दिन है अमावस्या, पितृ दोष से मिलता है छुटकारा

जानिए क्या है त्रिपिंडी श्राद्ध, क्यों और कैसे होता है ये अनुष्ठान….किस प्रेत का कहाँ है निवास

धर्मनगरी : दुनिया का इकलौता विश्वनाथ मंदिर जहां शक्ति के साथ विराजमान हैं शिव…जानिए 11 खास बातें

काशी का वह पवित्र स्थान जहां भीम ने किया था तपस्या

मरने के 9 साल बाद पुनर्जन्म लेने वाले की सच्ची घटना

धर्म नगरी : जानिए, मृत्यु के पूर्व और पश्चात की सात अवस्था


खबर में ” काम की बात “

घर रहना हो आराम से तो गूगल पर भूल कर न करे ये सर्च

महिला सुरक्षा : जानिये क्या है “आंतरिक शिकायत समिति”, क्यों जरूरी है इसका गठन, महिलाओं के लिए कितना होगा कारगर

यदि सरकारी डाक्टर लिख रहा है जेनेरिक दवाईयां की जगह महंगी दवाईयां, तो ऐसे करे शिकायत

जानिए क्या है ई जनगणना , कैसे पूरी होगी ये प्रक्रिया और कैसे आप होंगे


ख़बरें, जो हो आपके काम की ” जानकारी “



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!