धर्मनगरी :  पांडवो को खोया राज्य पुन: प्राप्त कराने के श्री कृष्ण ने कराया था अनंत चतुर्दशी व्रत

धर्मनगरी : पांडवो को खोया राज्य पुन: प्राप्त कराने के श्री कृष्ण ने कराया था अनंत चतुर्दशी व्रत


एक बार महाराज युधिष्ठिर ने राजसूय यज्ञ किया। उस समय यज्ञ मंडप का निर्माण सुंदर तो था ही, अद्भुत भी था वह यज्ञ मंडप इतना मनोरम था कि जल व थल की भिन्नता प्रतीत ही नहीं होती थी। जल में स्थल तथा स्थल में जल की भांति प्रतीत होती थी। बहुत सावधानी करने पर भी बहुत से व्यक्ति उस अद्भुत मंडप में धोखा खा चुके थे।
एक बार कहीं से टहलते-टहलते दुर्योधन भी उस यज्ञ-मंडप में आ गया और एक तालाब को स्थल समझ उसमें गिर गया। द्रौपदी ने यह देखकर ‘अंधों की संतान अंधी’ कह कर उनका उपहास किया। इससे दुर्योधन चिढ़ गया।
यह बात उसके हृदय में बाण समान लगी। उसके मन में द्वेष उत्पन्न हो गया और उसने पांडवों से बदला लेने की ठान ली। उसके मस्तिष्क में उस अपमान का बदला लेने के लिए विचार उपजने लगे। उसने बदला लेने के लिए पांडवों को द्यूत-क्रीड़ा में हरा कर उस अपमान का बदला लेने की सोची। उसने पांडवों को जुए में पराजित कर दिया।
पराजित होने पर प्रतिज्ञानुसार पांडवों को बारह वर्ष के लिए वनवास भोगना पड़ा। वन में रहते हुए पांडव अनेक कष्ट सहते रहे। एक दिन भगवान कृष्ण जब मिलने आए, तब युधिष्ठिर ने उनसे अपना दुख कहा और दुख दूर करने का उपाय पूछा। तब श्रीकृष्ण ने कहा- ‘हे युधिष्ठिर! तुम विधिपूर्वक अनंत भगवान का व्रत करो, इससे तुम्हारा सारा संकट दूर हो जाएगा और तुम्हारा खोया राज्य पुन: प्राप्त हो जाएगा।’

इस संदर्भ में श्रीकृष्ण ने उन्हें एक कथा सुनाई –
प्राचीन काल में सुमंत नाम का एक नेक तपस्वी ब्राह्मण था। उसकी पत्नी का नाम दीक्षा था। उसकी एक परम सुंदरी धर्मपरायण तथा ज्योतिर्मयी कन्या थी। जिसका नाम सुशीला था। सुशीला जब बड़ी हुई तो उसकी माता दीक्षा की मृत्यु हो गई।
पत्नी के मरने के बाद सुमंत ने कर्कशा नामक स्त्री से दूसरा विवाह कर लिया। सुशीला का विवाह ब्राह्मण सुमंत ने कौंडिन्य ऋषि के साथ कर दिया। विदाई में कुछ देने की बात पर कर्कशा ने दामाद को कुछ ईंटें और पत्थरों के टुकड़े बांध कर दे दिए।
कौंडिन्य ऋषि दुखी हो अपनी पत्नी को लेकर अपने आश्रम की ओर चल दिए। परंतु रास्ते में ही रात हो गई। वे नदी तट पर संध्या करने लगे। सुशीला ने देखा- वहां पर बहुत-सी स्त्रियां सुंदर वस्त्र धारण कर किसी देवता की पूजा पर रही थीं। सुशीला के पूछने पर उन्होंने विधिपूर्वक अनंत व्रत की महत्ता बताई। सुशीला ने वहीं उस व्रत का अनुष्ठान किया और चौदह गांठों वाला डोरा हाथ में बांध कर ऋषि कौंडिन्य के पास आ गई।
कौंडिन्य ने सुशीला से डोरे के बारे में पूछा तो उसने सारी बात बता दी। उन्होंने डोरे को तोड़ कर अग्नि में डाल दिया, इससे भगवान अनंत जी का अपमान हुआ। परिणामत: ऋषि कौंडिन्य दुखी रहने लगे। उनकी सारी सम्पत्ति नष्ट हो गई। इस दरिद्रता का उन्होंने अपनी पत्नी से कारण पूछा तो सुशीला ने अनंत भगवान का डोरा जलाने की बात कहीं।
पश्चाताप करते हुए ऋषि कौंडिन्य अनंत डोरे की प्राप्ति के लिए वन में चले गए। वन में कई दिनों तक भटकते-भटकते निराश होकर एक दिन भूमि पर गिर पड़े। तब अनंत भगवान प्रकट होकर बोले- ‘हे कौंडिन्य! तुमने मेरा तिरस्कार किया था, उसी से तुम्हें इतना कष्ट भोगना पड़ा। तुम दुखी हुए। अब तुमने पश्चाताप किया है। मैं तुमसे प्रसन्न हूं। अब तुम घर जाकर विधिपूर्वक अनंत व्रत करो। चौदह वर्षपर्यंत व्रत करने से तुम्हारा दुख दूर हो जाएगा। तुम धन-धान्य से संपन्न हो जाओगे। कौंडिन्य ने वैसा ही किया और उन्हें सारे क्लेशों से मुक्ति मिल गई।’
श्रीकृष्ण की आज्ञा से युधिष्ठिर ने भी अनंत भगवान का व्रत किया जिसके प्रभाव से पांडव महाभारत के युद्ध में विजयी हुए तथा चिरकाल तक राज्य करते रहे।


इन्हें भी पढ़िए

धर्मनगरी : पांडवो को खोया राज्य पुन: प्राप्त कराने के श्री कृष्ण ने कराया था अनंत चतुर्दशी व्रत

सी एम दौरा : श्री काशी विश्वनाथ एवं काल भैरव मंदिर में दर्शन पूजन संग लिया विकास कार्यों का जायजा

मानवता शर्मसार : गुजरात से बनारस आने वाली ट्रेन में मिली बच्ची

ठगी : अपना बिल जमा करिये, रात 9.30 पर बिजली कट जाएगी…

नीट परीक्षा पास कर सहायक पुलिस आयुक्त भेलुपुर के हेड पेशी की पुत्री तोषिका द्विवेदी ने मान बढ़ाया

सीएम अपने दो दिवसीय दौरे पर आज पहुंचेंगे काशी,

डॉ एम के गुप्ता के चिल्ड्रेन हास्पिटल में सब उल्टा- पुल्टा, पंजीयन रद्द करने का निर्देश

जानकारी : कार के पिछली सीट पर भी लगाने होंगे सीट बेल्ट

एशिया कप में 1000 रन बनाने वाले पहले इंडियन रोहित शर्मा

प्यार दीवाना होता हैं : तीन बच्चे के पिता 59 के दूल्हा तो एक बेटी की मां 50 की दुल्हन

छष्ठी के अवसर पर श्री गणेश झूले व झरने का श्रृंगार, जूही, बेला, गुलाब, गेंदा, चम्पा, चमेली के फूलों की अद्भुत छटा


यदि आप सनातनी है तो काशी की नष्ट हो रही ऊर्जा को बचाने के लिए अभियान में आप के साथ की जरूरत है। कृपया सम्पर्क करें… 8765000123


राष्ट्रीय पोषण माह : “एक मुट्ठी गुड़ और चना” के नियमित सेवन से दूर होगी खून की कमी

New British PM : ऋषि सुनक को हराकर लिज ट्रस बनी नयी ब्रिटिश प्रधानमंत्री

काबुल में रूसी दूतावास के बाहर धमाका, 2 रूसी राजनयिकों समेत 20 लोगों की मौत

गोरखपुर : मुस्लिम वार्डो के बदले नाम, अब महापुरुषों और शहीदों के नाम

विश्वनाथ धाम के बाद अब काशी की 10 पावन यात्राओं को सुगम बनाने की योजना

षडाष्टाक योग में करे शनि पूजा पाइये ऐश्वर्य एवं वैभव

गणेश जन्मोत्सव : जानिए जन्म का रहस्य, बुद्धिप्रदायक सुखदाता प्रथम पूज्यदेव भगवान श्रीगणेशजी का, शांति और वैभव के लिए करे ये उपाय

इन चीजों का करें सेवन, बालों के गिरने और नाखूनों के टूटने से मिलेगा निजात

केतु के गोचर से 3 राशि वालों को धन राजयोग

गुंडा पेट्रोलकर्मी, देखिए वीडियो में दनादन का फिल्मी एक्शन


सच या झूठ

सच या झूठ : खाद्य विभाग के अधिकारियों के लीपापोती से जारी है नक्कालों का खेल, छापेमारी और सैंपल बना खानापूर्ति का जरिया


” स्वास्थ्य और आप ” में पढ़िए

बचे फर्जी वेबसाइट से जो दावा करते हैं जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की, ऐसे बनवाये जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र

आपको अकारण शरीर में थकान , बाल झड़ना, और मिजाज में कड़वापन है तो आप ‘ थायराइड ‘ के शिकार ….

हड्डियों में जकड़न और दर्द की न करें अनदेखी, हो सकता है ‘बोन टीबी’

आखिर क्या खाने से गर्भ नहीं ठहरता है , अनचाही प्रेगनेंसी रोकने के घरेलू उपाय

जामुन एक फायदे अनेक- सेहत को देता है हैरान करने वाले फायदे

योग से ये हैं 6 फायदे , जो देता है स्वस्थ तन और पुलकित मन

जानिये, किस उम्र में कितना ब्लड शुगर का स्तर होना चाहिए ..

जानिये, अपने स्वभाव के बारे में, आखिर कैसे है आप


” धर्मनगरी ” में पढ़िए

जानिए क्या है रुद्राभिषेक और क्यों किया जाता हैं..

सावन विशेष : कितने शिव लिंग़ का उल्लेख है पुराण में , कौन से हैं 50 सिद्ध शिव मंदिर

पितरों के सुमिरन का दिन है अमावस्या, पितृ दोष से मिलता है छुटकारा

जानिए क्या है त्रिपिंडी श्राद्ध, क्यों और कैसे होता है ये अनुष्ठान….किस प्रेत का कहाँ है निवास

धर्मनगरी : दुनिया का इकलौता विश्वनाथ मंदिर जहां शक्ति के साथ विराजमान हैं शिव…जानिए 11 खास बातें

काशी का वह पवित्र स्थान जहां भीम ने किया था तपस्या

मरने के 9 साल बाद पुनर्जन्म लेने वाले की सच्ची घटना

धर्म नगरी : जानिए, मृत्यु के पूर्व और पश्चात की सात अवस्था


खबर में ” काम की बात “

घर रहना हो आराम से तो गूगल पर भूल कर न करे ये सर्च

महिला सुरक्षा : जानिये क्या है “आंतरिक शिकायत समिति”, क्यों जरूरी है इसका गठन, महिलाओं के लिए कितना होगा कारगर

यदि सरकारी डाक्टर लिख रहा है जेनेरिक दवाईयां की जगह महंगी दवाईयां, तो ऐसे करे शिकायत

जानिए क्या है ई जनगणना , कैसे पूरी होगी ये प्रक्रिया और कैसे आप होंगे


ख़बरें, जो हो आपके काम की ” जानकारी “



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!