सनातन संस्कृति के आचार्यस्तम्भ का मोक्षलोकगमन पोथीराम उपाध्याय से स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती तक की यात्रा (2 सितम्बर 1924 – 11 सितम्बर 2022)

सनातन संस्कृति के आचार्यस्तम्भ का मोक्षलोकगमन पोथीराम उपाध्याय से स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती तक की यात्रा (2 सितम्बर 1924 – 11 सितम्बर 2022)


सनातन संस्कृति के पूज्यचरण सनातन के आचार्य हैं। आचार्य परम्परा में आदि गुरु हरिहर से पदक्रम होकर भगवान आदिशंकराचार्य तक की यात्रा अविराम रही है। भगवान आदि शंकराचार्य से आगे का क्रम अविरल, अविराम गतिमान है। जिसकी छत्र छाया में सनातन की यात्रा चल रही है। इस यात्रा का एक पड़ाव आज पितृपक्ष की प्रतिपदा को शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी के परलोकगमन के रुप में उपस्थित हुआ है।

एक बालक पोथीराम उपाध्याय से स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती बनने तक की यात्रा को एक आलेख में समेटना संभव नहीं है। एक सन्त, एक स्वाधीनता सेनानी, एक आचार्य और सनातन के धर्माचार्य तक के उनके व्यक्तित्व के अनेक पक्ष हैं। उनके किसी पक्ष से कुछ असहमति या कुछ अलग पक्ष भी संभव है लेकिन यह सर्वविदित है कि सनातन के एक स्तम्भ आचार्य के रूप में स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज का जीवन पथ सनातन संस्कृति के लिए पाथेय दिग्दर्शक के रूप में सदैव उपस्थित रहेगा।

सनातन संस्कृति की रक्षा और इसको संगठित करने की भावना से भगवत्पाद आदिशंकराचार्य ने भारत के चारों दिशाओं में चार धार्मिक राजधानियाँ (गोवर्धन मठ, श्रृंगेरी मठ, द्वारका मठ एवं ज्योतिर्मठ) बनाई। इन चार में से द्वारकामठ के शंकराचार्य थे स्वामी स्वरूपानन्द जी सरस्वती। स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती का जन्म 2 सितम्बर 1924 को मध्य प्रदेश राज्य के सिवनी जिले में जबलपुर के पास दिघोरी गाँव में ब्राह्मण परिवार में पिता श्री धनपति उपाध्याय और माँ श्रीमती गिरिजा देवी के यहाँ हुआ। माता-पिता ने इनका नाम पोथीराम उपाध्याय रखा। नौ वर्ष की उम्र में उन्होंने घर छोड़ कर धर्मयात्रायें प्रारम्भ कर दी थी। इस दौरान वह काशी पहुँचे और यहाँ उन्होंने ब्रह्मलीन श्री स्वामी करपात्री महाराज से वेद-वेदांगों, शास्त्रों की शिक्षा ली। यह वह समय था जब भारत को अंग्रेजों से मुक्त करवाने की लड़ाई चल रही थी। जब 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा लगा तो वह भी स्वतन्त्रता संग्राम में कूद पड़े और 19 साल की उम्र में वह ‘क्रान्तिकारी साधु’ के रूप में प्रसिद्ध हुए। इसी दौरान उन्होंने वाराणसी की जेल में नौ और मध्यप्रदेश की जेल में छह महीने की सजा भी काटी। वह करपात्री महाराज के राजनीतिक दल ‘रामराज्य परिषद’ के अध्यक्ष भी थे। 1950 में वे दण्डी संन्यासी बनाये गए और 1981 में शंकराचार्य की उपाधि मिली। उन्होंने शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानन्द सरस्वती जी से दण्ड-सन्यास की दीक्षा ली और स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती नाम से जाने गये।

पितृपक्ष पर विशेष : पितरों के श्राद्धकृत्य से होगा सुख-समृद्धि, खुशहाली का मार्ग प्रशस्त

जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी स्वयं को दो मठों (द्वारका एवं ज्योतिर्मठ) काशंकराचार्य कहते रहे हैं। ज्योतिर्मठ की आचार्यपीठ का विवाद न्यायालय में ले कर गए। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानन्द जी सरस्वती हैं। यह विदित होना चाहिए कि शंकराचार्य का पद बहुत महत्वपूर्ण है। सनातन संस्कृति के हिन्दुओं का मार्गदर्शन एवं भगवत् प्राप्ति के साधन आदि विषयों में हिन्दुओं को आदेश देने के विशेष अधिकार शंकराचार्यों को प्राप्त होते हैं । सभी हिन्दुओं को शंकराचार्यों के आदेशों का पालन करना चाहिये । वर्तमान युग में अंग्रेजों की कूटनीति के कारण धर्म का क्षय, जो कि हमारी शिक्षा पद्धति के दूषित होने एवं गुरुकुल परंपरा के नष्ट होने से हुआ है । हिन्दुओं को संगठित कर पुनः धर्मोत्थान के लिये चारों मठों के शंकराचार्य एवं सभी वैष्णवाचार्य महाभाग सक्रिय हैं ।

स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी सांई बाबा की पूजा करने के विरोध में रहे क्योंकि कुछ हिन्दु दिशाहीन हो कर अज्ञानवश असत् की पूजा करने में लगे हुए हैं। जिससे हिन्दुत्व में विकृति पैदा हो रही है । स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी के अनुसार इस्कॉन भारत में आकर कृष्ण भक्ति की आड़ में धर्म परिवर्तन कर रहा है, ये अंग्रेजों की कूटनीति है कि हिन्दुओं का ज्ञान ले कर हिन्दुओं को ही दीक्षा दे कर अपना शिष्य बना रहे हैं।


इन्हें भी पढ़िए

अनोखा तबला : जिसका वजन 30 किलो और ऊंचाई लगभग तीन फुट

पितृपक्ष पर विशेष : पितरों के श्राद्धकृत्य से होगा सुख-समृद्धि, खुशहाली का मार्ग प्रशस्त

“ऑपरेशन यूनिकॉर्न ” ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन का कोडनेम

जानिये, विष्णु प्रतीक अनंत के 14 गाठों की राज

धर्मनगरी : पांडवो को खोया राज्य पुन: प्राप्त कराने के श्री कृष्ण ने कराया था अनंत चतुर्दशी व्रत

सी एम दौरा : श्री काशी विश्वनाथ एवं काल भैरव मंदिर में दर्शन पूजन संग लिया विकास कार्यों का जायजा

मानवता शर्मसार : गुजरात से बनारस आने वाली ट्रेन में मिली बच्ची

ठगी : अपना बिल जमा करिये, रात 9.30 पर बिजली कट जाएगी…

नीट परीक्षा पास कर सहायक पुलिस आयुक्त भेलुपुर के हेड पेशी की पुत्री तोषिका द्विवेदी ने मान बढ़ाया

सीएम अपने दो दिवसीय दौरे पर आज पहुंचेंगे काशी,

डॉ एम के गुप्ता के चिल्ड्रेन हास्पिटल में सब उल्टा- पुल्टा, पंजीयन रद्द करने का निर्देश

जानकारी : कार के पिछली सीट पर भी लगाने होंगे सीट बेल्ट

एशिया कप में 1000 रन बनाने वाले पहले इंडियन रोहित शर्मा

प्यार दीवाना होता हैं : तीन बच्चे के पिता 59 के दूल्हा तो एक बेटी की मां 50 की दुल्हन

छष्ठी के अवसर पर श्री गणेश झूले व झरने का श्रृंगार, जूही, बेला, गुलाब, गेंदा, चम्पा, चमेली के फूलों की अद्भुत छटा


यदि आप सनातनी है तो काशी की नष्ट हो रही ऊर्जा को बचाने के लिए अभियान में आप के साथ की जरूरत है। कृपया सम्पर्क करें… 8765000123


राष्ट्रीय पोषण माह : “एक मुट्ठी गुड़ और चना” के नियमित सेवन से दूर होगी खून की कमी

New British PM : ऋषि सुनक को हराकर लिज ट्रस बनी नयी ब्रिटिश प्रधानमंत्री

काबुल में रूसी दूतावास के बाहर धमाका, 2 रूसी राजनयिकों समेत 20 लोगों की मौत

गोरखपुर : मुस्लिम वार्डो के बदले नाम, अब महापुरुषों और शहीदों के नाम

विश्वनाथ धाम के बाद अब काशी की 10 पावन यात्राओं को सुगम बनाने की योजना

षडाष्टाक योग में करे शनि पूजा पाइये ऐश्वर्य एवं वैभव

गणेश जन्मोत्सव : जानिए जन्म का रहस्य, बुद्धिप्रदायक सुखदाता प्रथम पूज्यदेव भगवान श्रीगणेशजी का, शांति और वैभव के लिए करे ये उपाय

इन चीजों का करें सेवन, बालों के गिरने और नाखूनों के टूटने से मिलेगा निजात

केतु के गोचर से 3 राशि वालों को धन राजयोग

गुंडा पेट्रोलकर्मी, देखिए वीडियो में दनादन का फिल्मी एक्शन


सच या झूठ

सच या झूठ : खाद्य विभाग के अधिकारियों के लीपापोती से जारी है नक्कालों का खेल, छापेमारी और सैंपल बना खानापूर्ति का जरिया


” स्वास्थ्य और आप ” में पढ़िए

बचे फर्जी वेबसाइट से जो दावा करते हैं जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की, ऐसे बनवाये जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र

आपको अकारण शरीर में थकान , बाल झड़ना, और मिजाज में कड़वापन है तो आप ‘ थायराइड ‘ के शिकार ….

हड्डियों में जकड़न और दर्द की न करें अनदेखी, हो सकता है ‘बोन टीबी’

आखिर क्या खाने से गर्भ नहीं ठहरता है , अनचाही प्रेगनेंसी रोकने के घरेलू उपाय

जामुन एक फायदे अनेक- सेहत को देता है हैरान करने वाले फायदे

योग से ये हैं 6 फायदे , जो देता है स्वस्थ तन और पुलकित मन

जानिये, किस उम्र में कितना ब्लड शुगर का स्तर होना चाहिए ..

जानिये, अपने स्वभाव के बारे में, आखिर कैसे है आप


” धर्मनगरी ” में पढ़िए

जानिए क्या है रुद्राभिषेक और क्यों किया जाता हैं..

सावन विशेष : कितने शिव लिंग़ का उल्लेख है पुराण में , कौन से हैं 50 सिद्ध शिव मंदिर

पितरों के सुमिरन का दिन है अमावस्या, पितृ दोष से मिलता है छुटकारा

जानिए क्या है त्रिपिंडी श्राद्ध, क्यों और कैसे होता है ये अनुष्ठान….किस प्रेत का कहाँ है निवास

धर्मनगरी : दुनिया का इकलौता विश्वनाथ मंदिर जहां शक्ति के साथ विराजमान हैं शिव…जानिए 11 खास बातें

काशी का वह पवित्र स्थान जहां भीम ने किया था तपस्या

मरने के 9 साल बाद पुनर्जन्म लेने वाले की सच्ची घटना

धर्म नगरी : जानिए, मृत्यु के पूर्व और पश्चात की सात अवस्था


खबर में ” काम की बात “

घर रहना हो आराम से तो गूगल पर भूल कर न करे ये सर्च

महिला सुरक्षा : जानिये क्या है “आंतरिक शिकायत समिति”, क्यों जरूरी है इसका गठन, महिलाओं के लिए कितना होगा कारगर

यदि सरकारी डाक्टर लिख रहा है जेनेरिक दवाईयां की जगह महंगी दवाईयां, तो ऐसे करे शिकायत

जानिए क्या है ई जनगणना , कैसे पूरी होगी ये प्रक्रिया और कैसे आप होंगे


ख़बरें, जो हो आपके काम की ” जानकारी “


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!