वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर स्थित वुजूखाने में गंदगी करने और नेताओं की बयानबाजी को लेकर दाखिल वाद मे गुरुवार को एसीजेएम पंचम/एमपी-एमएलए कोर्ट की अदालत में सुनवाई हुई। वादी और उनके अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने कोर्ट में कहा की पुलिस ने जो आख्या भेजी है वो अस्पष्ठ है। स्पष्ट आख्या मगाये जाने की मांग की गई। उधर मुस्लिम पक्ष की ओर से इसमें अपना पक्ष रखने के लिए वकालतनामा दाखिल किया। वादी पक्ष की ओर से इसका विरोध किया गया। इस मामले में कोर्ट ने चौक थाने स्पष्ट आख्या तलब किया है । अगली सुनवाई के लिए सात जनवरी की तिथि नियत की गई है। अर्जी पर चौक थाने से आख्या आई है । मगर उस पर स्पष्ट ये नही दर्शाया गया है की इस अर्जी के संबंध में मुकदमा दर्ज है की नही।
वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने कोर्ट में अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह के जरिए कोर्ट में प्रार्थनापत्र देकर आरोप लगाया था कि ज्ञानवापी परिसर में नमाजियों की ओर से वजूखाने में हाथ-पैर धोए जाते है और गंदगी फैलाई जाती हैं। जबकि वह स्थान हमारे अराध्य भगवान शिव का है। यह हिंदू समाज के लिए अपमानजनक है। साथ ही सर्वे में मिली शिवलिंग की आकृतिक को लेकर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आदि ने बयान देकर हिंदुओं की भावनाओं पर कुठाराघात किया है। अधिवक्ता ने मामले में ज्ञानवापी मस्जिद के अंजुमन इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल वाकी, मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, कमेटी के संयुक्त सचिव सैय्यद मोहम्मद यासीन और बयान देने वाले नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है।
