आत्मनिर्भर भारत का गवाह होगा नया संसद भवन , प्रधानमंत्री ने किया भूमि पूजन
इन्नोवेस्ट न्यूज़ / 10 dec
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नए भवन के लोकसभा कक्ष में 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी, जबकि राज्यसभा कक्ष में 384 सदस्य बैठ सकेंगे।मौजूदा समय में लोकसभा के 543 और राज्यसभा के 245 सदस्य हैं।
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नए संसद भवन का शिलान्यास गुरूवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया जिसे 2022 तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। संसद के इस इमारत के निर्माण में प्रत्यक्ष रूप से 2,000 लोग शामिल होंगे और अप्रत्यक्ष रूप से 9,000 लोग काम करेंगे। संसद की नई इमारत देश की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करने वाला होगा । प्रयास यह है कि आजादी के 75 वें वर्ष (2022) में, संसद सत्र नए भवन में आयोजित किया जाएगा। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत 861.90 करोड़ रुपये की लागत से नए संसद भवन के निर्माण जिम्मा लिया है ।
नए संसद भवन की ख़ास बातें
नया संसद भवन 64,500 वर्ग मीटर में फैला होगा। निर्माण पर करीब 971 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। नई इमारत भूकंप प्रतिरोधी होगी। नए भवन में देश की सांस्कृतिक विविधता प्रदर्शित रहेगी । नए संसद भवन में 1224 सांसद एक साथ बैठ सकेंगे और मौजूदा श्रम शक्ति भवन (संसद भवन के निकट) के स्थान पर दोनों सदनों के सदस्यों के लिए कार्यालय परिसर का निर्माण कराया जाएगा। नए भवन का स्वरूप भी वर्तमान भवन की तरह ही होगा। उन्होंने बताया, ”इस भवन में बेसमेंट, भूतल, प्रथम तल और द्वितीय तल होंगे। इसकी ऊंचाई भी वर्तमान संसद भवन के बराबर होगी ताकि दोनों भवनों में समरूपता दिखे। सभी सांसदों के लिए अलग कार्यालय होंगे जो आधुनिक डिजिटल सुविधाओं से युक्त होंगे तथा यह कागज रहित कार्यालय बनाने की दिशा में कदम होगा। एक विशाल संविधान कक्ष होगा, जिसमें भारत की लोकतांत्रिक धरोहर को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके साथ ही सांसदों के लिए एक लॉन्ज होगा। उनके लिए पुस्तकालय, विभिन्न समितियों के कक्ष, भोजन कक्ष और पार्किंग क्षेत्र भी होगा।
ये होगी बैठने की क्षमता
नए भवन के लोकसभा कक्ष में 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी, जबकि राज्यसभा कक्ष में 384 सदस्य बैठ सकेंगे। यह भविष्य में दोनों सदनों के सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी किए जाने की संभावना को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है।मौजूदा समय में लोकसभा के 543 और राज्यसभा के 245 सदस्य हैं।
तत्य वर्तमान संसद भवन की
वर्तमान संसद भवन को देश की पुरातात्त्विक संपत्ति के तौर पर संरक्षित रखा जाएगा। संसद का मौजूदा भवन ब्रिटिशकालीन है जो एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया था। दोनों ने ही नई दिल्ली क्षेत्र की योजना और निर्माण की जिम्मेदारी निभाई थी।मौजूदा संसद भवन की आधारशिला 12 फरवरी, 1921 को रखी गई थी और निर्माण में छह साल लगे थे और उस समय 83 लाख रुपये की लागत आई थी। उद्घाटन समारोह 18 जनवरी, 1927 को भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन द्वारा किया गया था।
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