आस्था और श्रद्धा के जनसैलाब के साथ उमंग और उत्साह के साथ शिव चले गौरा को अपनाने
महाशिवरात्रि यानि भगवान शिव के विवाह का दिन इस दिन पूरी काशी मानो शिव के रंग में रंग जाती है। काशी में लगभग दर्जन भर शिवालयों से बाबा की अदभुत बारात निकलती है बात यदि बारातियो की करे तो बारात में भूतो की टोली चलती है नर – कंकाल , भुत-पिचाश के साथ ही चुड़ैल बाबा के इस बारात में सबसे आगे दिखाई देते है पीछे सभी देवी देवता रहते है बाबा के बारात का हिस्सा काशी में रहने वाला हर एक व्यक्ति होना चाहता है।