इन्हें भी जानिए – आखिर क्यों  …..मृत्यु सन्देश में “ RIP ” लिखना गलत 

इन्हें भी जानिए – आखिर क्यों  …..मृत्यु सन्देश में “ RIP ” लिखना गलत 

 आखिर क्यों  …..मृत्यु सन्देश में “ RIP ” लिखना गलत 
इन्नोवेस्ट न्यूज़ /  1  अप्रैल 

– जानिये “ RIP ” का मतलब 
– कहाँ लिखना और कहाँ नहीं लिखना चाहिए ये शब्द 
– “ RIP ” यानि  ” Rest in Peace “

आप ने अक्सर देखा होगा  कि किसी के भी मृत्यु की खबर जैसे ही आती है तो अधिकतर लोग RIP लिखा करते है  ।जबकि  सोशल मीडिया पर RIP का प्रयोग पढ़े लिखे लोग भी बिना इसके सही अर्थ को जाने करते हैं। एक दूसरे को देख कर RIP लिखने की होड़ लग जाती है ।

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 ये “RIP” का मतलब  
 किसी मृतात्मा के प्रति RIP लिखने का दौर सा चल पड़ा है। ऐसा इसलिए हुआ है, क्योंकि कान्वेंटी दुष्प्रचार तथा विदेशियों की नकल के कारण हम सब को धर्म की मूल अवधारणाएँ या तो पता ही नहीं हैं।RIP शब्द का अर्थ होता है  “Rest in Peace” (शान्ति से आराम करो )  यह शब्द उनके लिए उपयोग किया जाता है जिन्हें कब्र में दफनाया जाता है। क्योंकि ईसाई अथवा मुस्लिम मान्यताओं के अनुसार जब कभी  ” जजमेंट डे ” अथवा  “क़यामत का दिन” आएगा उस दिन कब्र में पड़े ये सभी मुर्दे पुनर्जीवित हो जाएँगे। अतः उनके लिए कहा गया है, कि उस क़यामत के दिन के इंतज़ार में ” शान्ति से आराम करो “।

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हिन्दू धर्मावलम्बियों  की बात 
 हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार शरीर नश्वर है, आत्मा अमर है इसलिये हिन्दू शरीर को जला या बहा दिया जाता है, लिहाजा उसके  ” Rest in Peace ”  का सवाल ही नहीं उठता। हिन्दू धर्म के अनुसार मनुष्य की मृत्यु होते ही आत्मा निकलकर किसी दूसरे नए जीव/ काया/ शरीर/ नवजात में प्रवेश कर जाती है। उस आत्मा को अगली यात्रा हेतु गति प्रदान करने के लिए ही श्राद्धकर्म की परंपरा निर्वहन एवं शान्तिपाठ आयोजित किए जाते हैं। 

ऐसा करें 
हिन्दू मृतात्मा हेतु  ” नमन ” ,” विनम्र श्रद्धांजलि “, ” श्रद्धांजलि “, “आत्मा को सदगति प्रदान करें ” “दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि”जैसे वाक्य विन्यास लिखे जाने चाहिए। जबकि किसी मुस्लिम अथवा ईसाई मित्र के परिजनों की मृत्यु उपरांत उनके लिए  ” RIP ” लिखा जा सकता है। होता भी यह है कि श्रद्धांजलि देते समय भी हम शॉर्टकट या नक़ल  (?) करने की आदत से अधिकांश  हिन्दू धर्मावलम्बियों के मृत्यु पर भी ” RIP ” लिखते हैं। यह विशुद्ध अज्ञान और जल्दबाजी है, इसके अलावा कुछ नहीं। 

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