विश्वकर्मा पूजन : जानिए, सुदर्शन चक्र, त्रिशूल और कालदण्ड के निर्माता की कैसे होता हैं पूजा…

विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर दिन शनिवार को है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग में विश्वकर्मा पूजा का पर्व मनाया जाएगा। पुराणों में विश्वकर्मा को यंत्रों

पितृ पक्ष : जानिए किस महर्षि ने शुरू किया था श्राद्ध की परंपरा

आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में मनाए जाने हमारी सनातन परंपरा का हिस्स युग में सीता द्वारा दसरथ के पिंडदान की कथा बहुतों को मालूम

जियुत्पुत्रिका व्रत : जानिए लोकाचारों में खर-जिउतिया नाम से प्रचलित व्रत की जानकारी

पुत्र की रक्षा व लम्बी आयु के लिए अनेक व्रत-उपासना का विधान शास्त्रों में बताया गया है। इसी व्रतो में से व्रत आश्विन कृष्ण अष्टमी

रामनगर लीला : प्रभु श्रीराम राज्याभिषेक व कोप भवन लीला का मंचन

रामनगर में विश्वप्रसिद्ध रामलीला #ramnagar_ramlila के आठवें दिन अयोध्याकांड के प्रसंगानुसार प्रभु श्रीराम राज्याभिषेक व कोप भवन लीला का मंचन किया गया। इसमें महर्षि नारद

पितरों की मृत्यु तिथि अज्ञात होने पर इस तरह करें श्राद्ध, होगी उचित फल की प्राप्ति…

श्राद्ध पक्ष के इस अवधि में पितरों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। जिससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त हो सके और उन्हें मोक्ष मिल

पितृ पक्ष में पितृ मिलने आते हैं अपने परिजनों से मिलने

पितृ पक्ष कब और क्यों मनाया जाता है? इसमें क्या करना चाहिए? सनातन धर्म में श्राद्धकर्म या पित्र पक्ष की एक अलग ही महत्ता है।

नवरात्र में वैष्णव देवी दर्शन के लिए “भारत गौरव ट्रेन”, जानिए किराया और सुविधा

वैष्‍णव देवी जाने वाले यात्रियों के लिए भारतीय रेलवे आईआरसीटीसी की ओर से सौगात दी गई है। भारतीय रेलवे ने नवरात्रि के लिए भारत गौरव

धूमधाम से लाट भैरव की निकली बारात, भैरवी संग रचाते हैं ब्याह

, सज-धज कर बाबा लाट भैरव की बारात निकली तो इसमें शामिल होने को देवगण व शिवगण सहित श्रद्धालुजन खुद को रोक न सके। कल

महिलायों सहित और कौन कर सकता हैं श्राद्ध…. अवश्य पढ़िए, श्राद्ध पर शास्त्र का मत

, श्राद्ध विधि स्वयं करनी चाहिए परंतु स्वयं करना नहीं आता हो तो ब्राह्मण को बुलाकर करवाना चाहिए। आजकल श्राद्ध करने वाले शुद्ध ब्राह्मण भी

पितृपक्ष पर विशेष : पितरों के श्राद्धकृत्य से होगा सुख-समृद्धि, खुशहाली का मार्ग प्रशस्त

– पितृपक्ष 11 सितम्बर, रविवार से प्रारम्भ होकर 25 सितम्बर, रविवार को होगा समापन हिन्दू धर्म के अनुसार पौराणिक मान्यता के मुताबिक पूर्वजों की स्मृति

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