सुनिए  , कोरोना योद्धा को

सुनिए , कोरोना योद्धा को

-innovest news

कोरोना वायरस एक बड़े परेशानी के रूप में सबके सामने आया है लेकिन दिल तब दुखता है जब इससे संक्रमित पेसेंट के साथ सहानभूति और इज्जत के बजाय लोग अनादर का भाव दिखाते है । ऐसे कई मामले देखे गये जब संक्रमित मरीज अपने ही लोगों के बदले व्यवहार से नाखुश हुए बल्कि बीमारी के जंग जीतने में कमजोर भी हुए। ऐसा नहीं कि इस युद्ध में विजेताओं की संख्या कम

न करिए ऐसा व्यवहार

शहर के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ संजय गुप्ता की माने तो उनका कहना है कि ” किसी रोग से लड़ने और उससे जीतने में मरीज के आत्मबल ,परिवार के सपोर्ट और सामाजिक रिश्तों के सकारात्मक ऊर्जा का खासा मायने होता हैं ।”  उलट इसके परिजन और पड़ोस दोनों के व्यवहार ज्यातर पीड़ादायक ही रहे हैं जो नहीं होना चाहिए ।

एक विजेता का ये हैं संदेश

कोरोना को सुरक्षा से हराया जा सकता हैं अनगिनित ऐसे लोग है जो विपरीत परिस्थितियों के बाद भी इस लड़ाई को अपने पक्ष में न केवल लाये बल्कि नजीर भी बने । आइये सुनते है उस हीरो को जो विजेता है इस युद्ध के … ” मैं विवेकानंद तिवारी विगत 13 दिन पूर्व कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर पांडेपुर स्थित दीनदयाल चिकित्सालय में मुझे भर्ती होना पड़ा हॉस्पिटल की अथक प्रयास के बाद में नेगेटिव आया और अपने घर आकर पूरी तरह अपने को स्वस्थ महसूस कर रहा हूं ,जांच में हमारा परिवार भी पूरी तरह नेगेटिव पाया गया है हम समाज के उन सम्मानित हर वर्ग के लोगों से कहना चाहेंगे की जिस तरह से शासन हम सब को यह संदेश दे रही है कि बिना काम के बाहर ना निकले मास्क और  गल्पस लगा कर निकले हमें उसका पूरी तरह पालन करना चाहिए और शासन के बताए हुए रास्ते पर चलना चाहिए हमें इस बात का संकल्प लेना चाहिए अगर थोड़ा सा भी हमें महसूस हो तो हमें इस रोग को छुपाना नहीं चाहिए ज्यादातर लोगों ने इस प्रारंभिक बीमारी को छिपाने में लोगों ने अपना नुकसान किया है हम केंद्र एवं प्रदेश सरकार की व्यवस्था से संतुष्ट हैं और शहर के सम्मानित जनता से कहना चाहेंगे कि सभी लोग रोड पर निकले तो मास्क लगाकर निकले बिना काम के ना निकले ।”

कौन है विवेकानंद

सरकारी सेवा से  रिटायर्ड विवेकानंद तिवारी चोलापुर स्वास्थ्य केंद्र पर फार्मासिस्ट रहे है । 2 जुलाई को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट के बाद बनारस के दीनदयाल चिकित्सालय पांडेपुर में इलाज के लिये भर्ती कराये गए इलाज के बाद नेगेटिव पाये जाने के बाद परिवार के लोगों ने अपने मुखिया का माल्यार्पण कर स्वागत किया ।

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