चक्रव्यूह / इन्नोवेस्ट / 8 अगस्त
थानो पर शिकायत पत्र का अंबार लगा हुआ है। किसी भी प्रार्थना पत्र पर सुनवाई नहीं हुई और आदेश आता है कि झूठी प्रार्थना पत्र दिया तो जेल होगी। नवागत एसएसपी अमित पाठक ने अपील किया है कि थाने पर झूठा प्रार्थना पत्र देने से बचें वरना शिकायतकर्ता के खिलाफ कार्यवाही होगी। #VaranasiSSP का फरमान के आदेश से संबंधित पोस्टर जिले के सभी थानों व चौकियों पर लगाया गया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस पहले से थानों पर शिकायतों का ढेर लगा हुआ है इसमें झूठा प्रार्थना पत्र का मामला कितना है यह तो स्थानीय पुलिस से ज्यादा कौन जानेगा।
इन धाराओं में होगी कार्रवाई
कोई भी व्यक्ति किसी के खिलाफ ना तो झूठा प्रार्थना पत्र दे और ना ही कोई बात बढ़ा चढ़ाकर लिखवाए। क्योंकि किसी व्यक्ति को फंसाने के लिए झूठा प्रार्थना पत्र देना भाo दo सo की धारा 193, 194, 195 (सात वर्ष से अधिक आजीवन कारावास तक दंडनीय) 182 तथा 203 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है।अगर संबंधित किसी भी व्यक्ति के द्वारा झूठा प्रार्थना पत्र देने का मामला संज्ञान में आया तो उक्त धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
क्यों BHU में मरीजो के साथ होती है घोर लापरवाही
चक्रव्यूह / इन्नोवेस्ट / 8 अगस्त
कोरोना संक्रमण जेल में बन्द कैदियों की ओर बढ़ रहा है।जहाँ गाजीपुर जेल में बन्द 419,420 का मुलजिम शैलेन्द्र श्रीवास्तव गाजीपुर निवासी को जांच में कोरोना पॉजिटीव आने पर बीएचयू कोविड अस्पताल में भर्ती हुआ। जहाँ कुछ ही दिनों बाद मुलजिम को डॉक्टरों ने शुक्रवार की सुबह छुट्टी कर दिया। मुलजिम की पत्नी सुमनलता श्रीवास्तव जब शाम को कोविड अस्पताल पहुँची तो डॉक्टरों ने पत्नी से बोला कि शैलेन्द्र का स्वस्थ ठीक होने पर उसकी सुबह ही छुट्टी कर दिया। जिस पर पत्नी ने आक्रोशित होकर चीखने चिल्लाने लगी कि स्वस्थ ठीक नही था। फिर क्यों छुट्टी दी गई। वही डॉक्टरों का आरोप है कि मरीज की पत्नी ने डॉक्टरों व कर्मचारियों के साथ गाली गलौज करते संक्रमित मरीजो का सैंपल तक फेक दिया और टेबल कुर्सियां गिरकर चली गई। लंका पुलिस का कहना है कि बीएचयू प्रशासन की ओर से तहरीर मिली है। उसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया।
डॉक्टरों का नया नही है ये कारनामा
सोशल मीडिया पर #BHU कोविड अस्पताल का कोई न कोई वीडियो प्रतिदिन वायरल हो रहा है। जिसमे संक्रमित मरीजो की सुविधाओं में डॉक्टरों से लेकर कर्मचारियों की घोर लापरवाही दिखने को मिलती है। इस मामले को शासन व बीएचयू प्रशासन को गम्भीरता से मरीजो की सुविधाओं आदि के बारे में नया गाइडलाइंस जारी हो।
वर्कशॉप में लापरवाह है कर्मचारी,8 गाड़ियां आग के हवाले
चक्रव्यूह / इन्नोवेस्ट / 8 अगस्त
वर्कशॉप में कर्मचारियों की लापरवाही से 8 गाड़ियों में आग लग गई। आग को देख चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। तत्काल लोगों ने सिगरा पुलिस व अग्निशमन को सूचना दी। मौके पर अग्निशमन के जवानों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। बताते चले कि बनारस के अंतरराष्ट्रीय बस स्टैंड लाल बहादुर शास्त्री बस हवाई अड्डे के वीआईपी गाड़ियों के गैरेज में खड़ी गाड़ी में अचानक सुबह आग लग गई। लोगों ने संबंधित विभाग को सूचना दी। लोगों का कहना है कि शरारती तत्व व शॉर्ट सर्किट से आग लगने की संभावना बताई गई है। गैरेज में खड़ी 8 गाड़ियों में आग लगने से लाखों रुपए का नुकसान वाहन स्वामियों को हुआ है।
वर्दीधारियों के बत्तमीजी से परेशान है सभ्य समाज
चक्रव्यूह / इन्नोवेस्ट / 8 अगस्त
आदेशों का पालन कराने के लिए वर्दीधारी इतने हद तक गिर जाएंगे यह किसी ने नहीं सोचा होगा। मामला गौदोलिया चौराहे का है जहां दशाश्वमेध क्षेत्राधिकारी के द्वारा पूर्ण बंदी के दौरान इमरजेंसी काम से जा रहे लोगों के साथ अभद्रता , अपमानजनक शब्दों का प्रयोग व जबरदस्ती मुकदमा कर जेल भेजने की धमकी देने के साथ चालान किया जा रहा है। मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा। इस संबंध में पीड़ित ने एसएसपी को फोन पर सूचना दी गई तो एसएसपी पी आर ओ ने एसएसपी से बात कराने का हवाला देते है। इस तरीके की गुंडागर्दी सड़कों पर आमजन के साथ ठीक नहीं है कहीं ऐसा ना हो कि आमजन सड़कों पर उतर कर ऐसे वर्दीधारी गुंडे के खिलाफ आंदोलन के बाध्य हो। प्रशासन को समझदारी व सूझबूझ से लॉक डाउन का पालन कराना होगा।
मनबढ़ का हौसला अफजाई करती है लंका पुलिस
चक्रव्यूह / इन्नोवेस्ट / 8 अगस्त
सरकार की योजनाओं से लाभान्वित होने आई महिला को कोटेदार के मनबढ़ साथी ने पीट कर भगा दिया। मामला लंका थाना क्षेत्र के सीरगोवर्धनपुर गाँव का है। जहां सुबह शनिवार को अंजली शर्मा 60 वर्षीय महिला ने कोटेदार उमेश कुमार के यहां राशन लेने के लिए पहुंची। राशन घटतोल के मामले में जब वृद्ध महिला ने विरोध किया तो कोटेदार का साथी ने महिला को भद्दी भद्दी गालियां देते पीट कर छित्तूपुर की ओर भाग निकला। पीड़िता जब थाने पहुंची तो बिना बात सुने उनको बीएचयू चौकी भेजा गया। जहां कोटेदार उमेश पहले से ही मौजूद था। महिला से चौकी पर तैनात मुंशी ने मामले को रफा-दफा करने की बात कही है।वही महिला का आरोप है कि कोटेदार के खिलाफ थाने से लेकर चौकी तक कार्रवाई के नाम पर बस केवल दौड़ाया जा रहा है। पुलिस के इस रवैया से ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। बताते चले की कोटेदार उमेश पिछले दिनों मशीन तोड़कर ग्रामीणों पर तोड़ने का आरोप लगाया था। जिसमें संबंधित विभाग की ओर से जांच चल रही है। देखने वाली बात यह होगी कि क्या यह जांच कागजों तक सीमित रहती है या फिर कोटेदार के खिलाफ कोई एक्शन लिया जाएगा।
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