कार्तिक पूर्णिमा तक जलेगी पुलिस और पीएसी शहीद वीर जवानों के लिए आकाशदीप , कल होगी शुरुआत

कार्तिक पूर्णिमा तक जलेगी पुलिस और पीएसी शहीद वीर जवानों के लिए आकाशदीप , कल होगी शुरुआत


वाराणसी। वेद, विज्ञान, सभ्यता एवं संस्कृति की राजधानी विशेश्वर विश्वनाथ की नगरी काशी विश्व की प्राचीनतम सांस्कृतिक नगरी जो परम्परागत परम्पराओं का प्रतिनिधित्व करती है। इस नगरी में

 दिनांक 20 अक्टूबर 2021 आश्विन पूर्णिमा (बुधवार) को सायंकाल पांच बजे गंगोत्री सेवा समिति, दशाश्वमेध घाट द्वारा पुलिस और पीएसी के उन वीर जवानों की याद में जो अपने कर्तव्य परायण का निर्वहन करते हुए  आकस्मिक निधन को प्राप्त हुये, उन्हीं शहीद कर्म वीर जवानों के आत्मिक शान्ति के निमित आकाशदीप प्रज्वलन की शुरुआत होगी। कार्यक्रम में शांति पाठ के साथ 34 और 36 वीं के बैंड के धुन पर सलामी अर्पित करने के साथ ही शहर के पुलिस अधिकारियों एवं प्रबुद्ध जनों द्वारा माता गंगा की विशेष पूजन अर्चन के उपरांत विशेष आरती भी सम्पन्न किया जाएगा । 

इनके याद में आकाशदीप

(1) स्व0 देवेन्द्र मिश्रा, पुलिस उपाधीक्षक (2) स्व० अनूप कुमार सिंह, उप निरीक्षक नागरिक पुलिस (3) स्व० महेश कुमार यादव, उप निरीक्षक नागरिक पुलिस (4) स्व0 नेवूलाल, उप निरीक्षक नागरिक पुलिस (5) स्व0 जितेन्द्र पाल, आरक्षी नागरिक पुलिस (6) स्व० सुल्तान सिंह, आरक्षी नागरिक पुलिस 7- स्व.विनोद कुमार सिंह – मुख्यआरक्षी 8- स्व.सजंय कुमार- आरक्षी 9- स्व.मैनेजर प्रसाद सिंह- प्लाटून कमाण्डर 10- स्व.अनिल कुमार सिंह-
मुख्य आरक्षी


लेटेस्ट खबरें, इन्हें भी पढ़िए –

रक्षक ही भक्षक बनता जा रहा है, आमजन किस से करें उम्मीद
अधिवक्ताओं ने जताई नाराजगी, अधिवक्ता प्रॉटेक्शन लागू हो
मंगलवारीय धर्मनगरी में पढ़िए, माता लक्ष्मी के जन्म , माता पिता और बेटों सहित अन्य अनसुनी जानकारियां
सीबीएसई के 10वीं और 12वीं की टर्म-1 परीक्षा की तिथियां घोषित
25 अक्टूबर के प्रधानमंत्री के प्रस्तावित दौरे पर अजय राय ने उठाये गम्भीर प्रश्न
25 अक्टूबर को अपराह्न 2.30 पीएम होंगे बनारस, देंगे 38 परियोजनायों दिवाली गिफ्ट
बनारस अधिकारियों के लिए बना प्रयोगशाला
21 अक्टूबर को आप निकालेगी वाराणसी में “फ्री बिजली गारंटी पदयात्रा”
20 अक्टूबर को करे ये उपाय , रोग, शोक और दरिद्रता का होगा नाश
बनारस के दो लाख भीड़ में होगा आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना का शुभारंभ



काशी की सबसे प्राचीन दुर्गा पूजा , जहां डोली से की जाती है मूर्ति विसर्जित

वो दिव्य स्थान जहाँ भीष्म ने काशी के तीन राजकुमारियों के हरण के बाद तप कर पाई थी शक्ति



वीडियो – इस नवरात्र में घर बैठे दर्शन करिये अलग अलग देवी का दर्शन –

माता विध्याचल की दिव्य आरती, अपने में भाग्य को बदलने के लिए पूरी आरती देखिए


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!