
करीब 100 साल पहले बनारस से माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा के गायब होने के बाद तमाम प्रयास के बाद एक बार फिर काशी लाया जा रहा है । कनाडा से दिल्ली और फिर दिल्ली से बनारस स्थापित के लिए माता की प्रतिमा की यात्रा शुरू हो गयी है । माता अन्नपूर्णा की ये मूर्ति 14 नबम्बर को सड़क मार्ग काशी पहुंचेगी ।
800 किलोमीटर, चार दिन
भोजन की देवी माता अन्नपूर्णा की प्राचीन मूर्ति को अपने मूल स्थान वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर लाने के लिए 11 नवंबर को दिल्ली से 800 किमी की यात्रा शुरू हुआ है । दिल्ली से लेकर काशी तक रास्ते भर भव्य इसका स्वागत किया जा रहा है । उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से गुजरते हुए यह भव्य यात्रा चार दिनों में काशी पहुंचेगी ।
इस रास्ते जाएगी माता अन्नपूर्णा
मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा 14 नवंबर को अयोध्या से जौनपुर होते हुए वाराणसी पहुंचेगी। प्रतिमा 14 नवंबर को शाम 4 बजे जौनपुर की सीमा में प्रवेश करेगी जहां से दौलतिया मंदिर, मछली शहर, सिकरारा होते हुए जौनपुर कोतवाली चौराहा पहुंचेगी। माता नगर में जौनपुर बॉर्डर से पिंडरा गांव के अंदर से बाबतपुर,अतुलानंद स्कूल, सर्किट हाउस, चौकाघाट, तेलियाबाग, रथयात्रा, मडुवाडीह – BLW रोड, लंका,मालवीय चौराहा, दुर्गाकुंड में रात्रि विश्राम करेगी। जिसके बाद 15 नवंबर को पुनः दुर्गाकुंड से यात्रा शुरू होकर, गुरुधाम चौराहा,विजया माल, ब्रॉडवे होटल,मदन पूरा, गोदौलिया होते हुए श्री काशी विध्वनाथ मंदिर धाम पहुँचेगा ।
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