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– राजनीति के महारथी मुकाबले के लिये कर रहे हैं जमीन तैयार
– पुराने हुयें पुनः सक्रिय,तो युवा चेहरे जोश, जनबल से लबरेज
(पिंडरा) वाराणसी- विधानसभा चुनाव नजदीक आ रही है।ऐसे में सियासत की चौसर पर अपनी बिसात बिछाने,पार्टी से टिकट पाने से लेकर जीत का समीकरण बनाने के लिये।पिंडरा विधानसभा के सम्भावित दावेदारों ने ताल ठोकना शुरू कर दिया है।हर दावेदार के अपने समीकरण हैं।सबके समर्थक अपने वाले दावेदार को टिकट का असली हकदार बता रहे हैं,और तो और उन्हें ही अगला विधायक बता रहे हैं।मगर हकीकत की जंग “काम बनाम नाम” का है।जिसे जनता तय करेगी कि कौन उनके काम का है,कौन बस नाम का है।क्योंकि मतदाता इस बार चेहरे पर नहीं उनके बीच सक्रियता उनके सुख दुख में खड़े रहने वाले उनके आढ़े गाढ़े काम आने वाले को चुनने के मूड में बताई जा रही है।ऐसे में पिंडरा के मतदाताओं को लुभाने और उन्हें अपना बनाने का खेल शुरू हो चुका है।इधर बीच पुरनिये ने क्षेत्र में अचानक से आमद शुरू कर दी है।वहीं नये चेहरों ने भी अपनी धाक धमक जनता में बना लिया है।आईये जानते हैं उन नये पुराने प्रमुख चेहरों के बारे में जिनमें से किसी एक सिर पर जीत का ताज होगा,उसी का पिंडरा विधानसभा की जनता के दिल पर राज होगा।
अजय राय:
अजय राय: कभी अजेय कहे जाने वाले नेता ऊदल को चुनावी शिकस्त देने वाले अजय राय करीब ढाई दशक से कोलअसला से पिंडरा विधानसभा बनने तक इस सीट पर मजबूती से कब्जा जमाये रहें. भाजपा छोड़ने के बाद भी यह 2012 के चुनाव में पिंडरा से जीत हासिल कियें थें. मगर अजय राय को 2017 के चुनाव में जनता ने नकार दिया।क्षेत्रीय लोगों की माने तो अजय राय पिण्डरा से चुनाव हारने के बाद पहले की तरह पिण्डरा विधानसभा में सक्रिय नही रहें.बल्कि वह शहर की राजनीति करने पर ज्यादा जोर दियें।लिहाजा जनता इन्हें पूर्व के नजरिये से नहीं देख पा रही है।
अवधेश सिंह:
कई राजनीतिक दलों से सफर करते हुऐ भाजपा में आये डॉ. अवधेश सिंह ने जीत का स्वाद 2017 के विधानसभा चुनाव में चखा,औऱ भाजपा से विधायक बने। भाजपा कार्यकाल में पिंडरा विधानसभा में काम भी हुए मगर क्षेत्रीय लोगों की माने तो यह मोदी लहर में जीत तो गए मगर क्षेत्रीय लोगों के सुख-दुख में इनकी सक्रियता कम रहती है।जिससे लोगों में नाराजगी भी है।
दीपक सिंह:
बड़ागांव क्षेत्र के रहने वाले दीपक सिंह जो युवा चेहरा हैं। क्षेत्रीय लोगों में यह समाजसेवी के रूप में बने हुए हैं। दो बार से बड़ागांव ब्लाक प्रमुखी इन्हीं के कुनबे में बनी हुई है। वर्तमान में इनकी पत्नी बड़ागांव से ब्लॉक प्रमुख हैं। यह अपना दल (एस) (अनुप्रिया पटेल की पार्टी) से पिंडरा से मजबूत दावेदार हैं। वहीं क्षेत्रीय लोगों की माने तो विधानसभा का चुनाव ब्लॉक प्रमुख के चुनाव से अलग है।जिसमे धनबल का नहीं जनबल की आवश्यकता है। जिसमें इन्हें अभी काफी मेहनत करने की आवश्यकता है।
रजनीकांत मिश्रा :
पिंडरा विधानसभा निवासी रजनीकांत मिश्रा बड़े उद्योगपति हैं। पिछले कुछ वर्षों से क्षेत्र में इनकी सक्रियता बनी हुई है। यह भाजपा के दावेदारों में से एक हैं। इनके बारे में क्षेत्रीय लोगों की मानें तो यह व्यापार के सिलसिले में अक्सर बाहर रहते हैं। जो जनता की नजर में इनकी कमजोर कड़ी है।
रविशंकर सिंह:
पिंडरा भानपुर के निवासी रविशंकर सिंह युवा चेहरा हैं। जो वर्तमान में पिंडरा ब्लाक प्रमुख संरक्षक भी हैं। जो क्षेत्र में काफी सक्रिय भी रहते है।अगर बदलाव के क्रम में भाजपा किसी युवा चेहरे को तरजीह देगी तो रविशंकर सिंह प्रमुख दावेदार के रूप में है। वहीं क्षेत्रीय लोगों की माने तो अभी इनमें राजनीतिक अनुभव की कमी है।
सुनील पटेल : बड़ागांव निवासी सुनील पटेल अपना दल (एस) से पिंडरा विधानसभा के प्रबल दावेदारों में से एक हैं। यह एक युवा चेहरा हैं और पूर्व में पिंडरा विधानसभा से प्रत्याशी भी रह चुके हैं। इनका स्थानीय जनता में अच्छी पैठ भी है। मगर क्षेत्रीय लोगों की माने तो विधानसभा के चुनाव में जनबल के साथ धनबल की आवश्यकता है। जिसमें यह कमजोर साबित होंगे।
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