
– कृष्णा पंडित
महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया ( ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया रविवार विक्रम संवत 1597 तदनुसार 9 मई 1540 – 19 जनवरी 1597) उदयपुर, मेवाड में सिसोदिया राजपूत राजवंश के राजा थे। उनका नाम इतिहास में वीरता, शौर्य, त्याग, पराक्रम और दृढ प्रण के लिये अमर है। उन्होंने मुगल बादशहा अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की और कई सालों तक संघर्ष किया। महाराणा प्रताप सिंह ने मुगलों को कईं बार युद्ध में भी हराया और हिंदुस्थान के पुरे मुघल साम्राज्य को घुटनो पर ला दिया।
जब सोच में मोच आ जाए तो वोट का चोट दो..
चुनाव आते ही राजनीतिक पार्टियां सरगर्मी से जनता जनार्दन को देव तुल्य कार्यकर्ता और खैरात में मिलने वाली भेंट की बात कह कर लुभाने का कार्य करते हैं जबकि यह सब आम जनमानस का ही है !
आखिर खुद की सत्ता के लिए खैरात में बाटी जाने वाली सुविधा कब तक… पूछ रही है आम जनता
जहाँ आज उत्तर प्रदेश में चुनावी गर्माहट और एक दोषारोपण से देश को कुंठित करने वाले नेता आज अपनी जीत के लिए बिना कोई उद्देश्य और बिना किसी समाज की सेवा के उद्देश्य के और राजनीति रूपी हथकंडे को अपना कर अपने बुरे कर्मो और करतूत के साथ छोड़ कर अपनी साख बचाने के लिए इस दल रूपी दलदल के राजनीती में घुस गए हैं जो यह जानते हैं कि यदि खुद को सुरक्षित रखना है तो आज के इस परिवेश में अपने पास नेता रूप स्थापित कर बाहुबल होना चाहिए ! सोचो ये नेता 2 मिनट में अपना दल बदल देते हैं सिर्फ अपने निजी स्वार्थ के लिए ना कोई निजी विचार ना कोई वैचारिक भाव ना ही जनमानस के प्रति इनका लगाव ..
दोस्तों, आज सोचने का वक्त आ गया है और आप चुनाव में मतदान करने जाएं एक बात अपनी जहन में जरूर रखें कि क्या आपके द्वारा चुनाव हुआ नेता सबल प्रतिबल के रूप में या समाज की एक धरोहर और संस्कृति का संरक्षण करने का सेवक के रूप में जाना जाता है ! निश्चय ही आपके मन में कई प्रकार की जीवन पहल किवन्दितियां चल रही होंगी लेकिन इन्हीं में से आपको एक ऐसे समाजसेवक को चुनना चाहिए जो आपके हित के लिए आपके समाज के हित के लिए आपके प्रदेश के हित के लिए और आपके देशहित के लिए जाना जाए जाना जाता हो या अपनी सोच रखता हो ! सुनकर अजीब लगेगा आज 75 परसेंट जो जनता के सेवक बनने का कार्य कर रहे हैं वह पिछले दिनों अपराधिक गतिविधियों में लिप्त और बेशुमार जाने जाते रहे हैं जिसकी मानसिकता बुराइयों से जुड़ी हो बुरे कर्मों के साथ हो वह अचानक नेता कैसे हो सकता है ?? पिछले दिनों एक कहावत हुआ करती थी यदि आपके मन में शौर्य की कमी हो गई हो तो राणा प्रताप जैसे महापुरुष को पढ़ लेना आपके मन की त्वरित तरंग और ध्वनि साहस रूप में बल के साथ खड़ा हो जाएगा ! लेकिन आज इन महापुरुषों की वीरता की गाथा भी पन्नों तले दबकर विद्यालय में पढ़ने का काम में ही आ रहा है ! नैतिकता की दुहाई देने वाली सरकारें और नेताजी सिर्फ मात्र जनता का शोषण और उनके दमन का ही कार्य कर रहे हैं ! मैं पत्रकार कृष्णा पंडित दोस्तों पत्रकारिता को एक धर्म समझते हुऐ निवेदन करता हूँ कि दबे-कुचले गरीब असहाय और हर वर्ग की आवाज उठाओ और समाज के बीच में लाकर उन चेहरों को बेनकाब करो जिससे हमारा समाज कुंठित हो रहा है और आने वाला कल अंधकार में हो रहा है ! दो लफ्जों की बात नहीं यह आपके 5 वर्ष की बात है आपकी एक वोट की कीमत सरकार बना सकती है और नेता चुन सकती है तो अपने मत का प्रयोग कर चुनावी महासमर में सहभागी बने और अमूल्य वोट देकर देश और प्रदेश की सुरक्षा का जिम्मेदार ही तय करें !
दोस्तों एक बात अपने नेता के चुनने से पहले जरूर सोचें कि उसका कल क्या था आज क्या है और क्या कल होगा तब आप उचित निर्णय लेंगे! कोई अपने मतलब में कोई अपने पार्टी लोभ में कोई अपने पद लोग में तो फिर कौन है जो आपके समाज के लोभ में जीता है कभी सुना जाता था कि नेता समाज निर्माण और संस्कृति धरोहर होता है !
जाती पाती धर्म का भेदभाव मिटाकर सिर्फ समाज कल्याण जिसमें अपने बच्चों का भविष्य देश की सुरक्षा और निजी स्वार्थ से परे होकर राजनीति में सक्रिय नेता द्वारा योगदान दिया जाता हो ऐसे लोगों को चुन कर अपनी जिम्मेदारी तय करें..!!
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