
– देश में पहली बार मृतक कश्मीरियों पंडितों के मोक्ष की होगी कामना
– अनुष्ठान के आयोजक मंडल में है देश के 9 राज्य के निवासी
– शुद्धता के लिए त्रिपिंडी श्राद्ध के लिए मुहूर्त पं. गणेश्वर शास्त्री द्रविण सहित अन्य विद्वानो द्वारा मन्त्रणा
वर्षो पहले कश्मीर में मारे गए हजारों लोगों की आत्म शांति के लिए सप्तपुरी मोक्ष नगरी में एक काशी में उनके मोक्ष की कामना सविधि त्रिपिंडी श्राद्ध और नारायण बलि अनुष्ठान किया जाएगा । इस विशेष अनुष्ठान को काशी के 51 ब्राह्मण द्वारा संपादित कराया जाएगा । अनुष्ठान में अभिनेता अनुपम खेर और कश्मीर से निर्वासित कश्मीरी भी अपना श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए मौजूद होंगे । इस अनुष्ठान का समस्त विधि-विधान डॉ संतोष ओझा द्वारा किया जाएगा जबकि आचार्यत्व पं. चंद्रमौलि उपाध्याय करेंगे ।
आगमन संस्था और ब्रह्म सेना ने संयुक्त रूप से देश में पहली बार कश्मीर में मारे गए कश्मीरी पंडितों के मोक्ष कर्म संपादित कराने हेतु 15 जून को पिचाश मोचन तीर्थ में त्रिपिंडी श्राद्ध और नारायण बलि श्राद्ध का आयोजन करेगा । इस अनुष्ठान में हर किसी के सहभागिता के लक्ष्य के तहत आयोजक मंडल में 9 राज्य के निवासी को जोड़ा गया हैं ।
श्राद्धकर्ता और आयोजन के संयोजन डॉ सन्तोष ओझा ने बताया कि कश्मीर में पिछले वर्षों में हजारों लोग आतंकियों के शिकार हो गए। उनमें से ऐसे न जाने कितने परिवार होंगे जिनका श्राद्ध तक नहीं हुआ होगा। लेकिन सनातन हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार ऐसी अकाल मृत्यु के उपरांत विशेष श्राद्ध अनिवार्य होता है। इसके लिए त्रिपिंडी श्राद्ध और नारायण बलि करने का प्रावधान है। और ये श्राद्ध काशी में और पिशाच मोचन पर ही संभव है। ऐसे में इसका आयोजन करने का फैसला लिया गया है। अनुष्ठान 15 जून को अपराह्न काल ने काशी के पिशाचमोचन तीर्थ पर कर्मकांड संपादित कराने के बाद शाम को दशाश्वमेध घाट पर गंगोत्री सेवा समिति संग गंगा पूजन, दीपदान और श्रद्धांजलि दी जाएगी , इस दिन की आरती मृतकों के सम्मान में समर्पित होगी ।
इस अनुष्ठान में सम्मिलित होने के लिए काशी सहित अन्य शहरों से धर्माचार्यों ने स्वीकृति प्रदान की है। इनमें स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती, डॉ. रामकमलदास वेदांती, किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी, अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी, महामंडलेश्वर संतोष दास सतुआ बाबा, पातालपुरी पीठाधीश्वर बालक दास, रामलोचन दास, पं किशोरीरमण दूबे बाबू महाराज आदि है ।
आयोजन के संरक्षक
पं.रामचन्द्र पांडेय,पद्मविभूषण वशिष्ठ त्रिपाठी, पद्मश्री डॉ के के त्रिपाठी, पं.गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ जी, प्रो हरेराम त्रिपाठी ( कुलपति , सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय)
मार्गदर्शक मंडल में
डॉ गिरीश चन्द्र तिवारी, प्रो. डॉ टी पी चतुर्वेदी, प्रो. विनय पांडेय, प्रो. रामनारायण द्विवेदी , प्रो. सुभाष पांडेय
ये है आयोजक मंडल
अमित आर्य ( गुड़गांव ,हरियाणा ) डॉ नितिन नागराले ( मुंबई, महाराष्ट्र ), कमलाकांत पाण्डेय (सासाराम, बिहार ) , सुरेंद्र मिश्रा शीलू, डॉ अरविंद सिंह, C A संजय ओझा ( काशी, यू पी ) से होंगे । सबके सहभागिता के लिए काशी के सभी वर्ग और समुदाय और संस्थाओं के प्रमुखों की भी उपस्थिति सुनिश्चित किया गया है ।
संस्था से ये करेंगे स्वागत
रुचि दीक्षित, वी पी सिंह, अखिलेश खेमका, दिनेश दुबे, विनोद तिवारी, डॉ रचना श्रीवास्तव, हरि कृष्ण, राहुल गुप्ता, किरण जितेंद्र, कपिल यादव,
विभिन्न संस्थाओं से निवेदक
प्रो. संध्या ओझा, ज्योतिषाचार्य विमल जैन, पुनीत मिश्रा, डॉ अंशु शुक्ला, डॉ रितु गर्ग, अरविंद मिश्रा, डॉ वैभव मणि त्रिपाठी, डॉ अजय तिवारी, डॉ अंकुर ओझा, मनीष खत्री, अजय मौर्या, संतोष प्रसाद, प्रतीक शर्मा, सोमनाथ विश्वकर्मा, अंकिता खत्री, बृजेश पाठक, पंकज सिंह, राहुल राय
51 हजार अजन्मी बेटियों के पिता है डॉ संतोष ओझा
22 सालों से आगमन सामाजिक संस्था पेट में पल रही बेटिओं को जन्म लेने के अधिकार की आवाज को सामाजिक आंदोलन की तरह चला रही है । पेट में मारी गयी बेटियों के मोक्ष के लिए पिछले आठ सालों से डॉ सन्तोष ओझा काशी में पित्र पक्ष के नवमी तिथि को श्राद्ध करते आ रहे है, अब तक इन बेटियों की संख्या हजारों में है। ऐसे में अब उन कश्मीरी लोगों की आत्मा की शांति के लिए त्रिपिंडी श्राद्ध और नारायण बलि श्राद्ध का निर्णय लिया है।
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