
– कारण बताओ नोटिस भी जारी किया
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के अंतर्गत जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) डीके सिंह ने मंगलवार को विकास खंड हरहुआ, काशी विद्यापीठ और आराजीलाइन के 18 आंगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण किया, जिसमें से सात आंगनबाड़ी केंद्र बंद पाए गये। बंद केंद्रों की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका का मानदेय रोकते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसके साथ ही एक सप्ताह में संतोषजनक जवाब प्राप्त न होने की दशा में सेवा समाप्ति की भी कार्यवाही की जा सकती है ।
जनपद में आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन और केंद्रों पर बच्चों की उपस्थिति, खाद्यान्न वितरण, बच्चों के वजन इत्यादि का जायजा लेने के उद्देश्य से डीपीओ डीके सिंह ने मंगलवार को विकासखंड हरहुआ के अन्तर्गत ग्राम भवानीपुर के दो, दनियालपुर के चार, पिसौर के दो आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया गया जिनमें से सात केंद्र बंद पाए गए। बंद केंद्रों की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता चंदा देवी, सुमन देवी, सावित्री देवी, मंजू देवी, उर्मिला देवी, नीलम देवी एवं लालिमा का मानदेय रोकते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसके साथ ही उस क्षेत्र की सुपरवाइजर चंद्रकला पाठक को शिथिल पर्यवेक्षण के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
इसी प्रकार विकासखंड काशी विद्यापीठ के लखमीपुर , ककरहिया, बखरिया, बनकट छितौनी तथा आराजीलाइन के अयोध्यापुर ग्राम के आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण किया गया। इन केंद्रों पर कार्य सामान्यतः ठीक पाया गया लेकिन अयोध्यापुर के दो केंद्रों पर एक भी बच्चे नहीं थे जिसके कारण वहां की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शशिकला उपाध्याय और उर्मिला देवी को नोटिस जारी किया गया । आंगनबाड़ी केंद्र छितौनी की कार्यकत्री शशिकला चौरसिया भी अनुपस्थित पाई गई जिन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। निरीक्षण के समय आंगनबाड़ी केंद्रों पर वितरित होने वाले पौष्टिक आहार की लाभार्थियों से पुष्टि के साथ बच्चों के वजन एवं लंबाई मापन इत्यादि का भी जायजा लिया गया ।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 के कारण लगभग दो वर्षों से आंगनबाड़ी केंद्र बच्चों के लिए बंद चल रहे थे । शासन के आदेश से पिछले माह से आंगनबाड़ी केंद्रों का खुलना पुनः शुरू हो गया है । आंगनबाड़ी केंद्रों को सही गति में लाने के लिए सभी बाल विकास परियोजना अधिकारियों (सीडीपीओ) एवं सुपरवाइजर को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि प्रतिदिन सुबह आठ से 10 बजे के बीच आंगनबाड़ी केंद्रों का अनिवार्य रूप से निरीक्षण करें। जो केंद्र बंद पाए जाएं उनकी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के विरुद्ध मानदेय निरस्तीकरण तथा सेवा समाप्ति की कार्यवाही प्रस्तावित की जाए।
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