
– जानिये 3 दिन तक चलने वाली कमीशन की कार्यवाही में बंद तालों के अंदर की सच्चाई ।
– अदालत के आदेश पर 29 साल 4 महीने 10 दिन बाद ज्ञानवापी परिसर में बंद कमरों के ताले खुलें ।
– एक चाबी प्रशासन के पास और दूसरी चाबी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के पास थी ।
– चार जनवरी 1993 को तत्कालीन डीएम सौरभ चंद्र ने नीचे के तीनों कमरों पर ताले लगवा था।
– मस्जिद के 3 दुकान ( तहखाना ) में 1993 से पहले चाय, चूड़ी और कोयले की दुकानें थीं।
– जिला प्रशासन ने शनिवार की सुबह से ही कड़ी व्यवस्था की थी
– ज्ञानवापी परिसर से लगभग आधा किलोमीटर पहले ही बैरिकेडिंग करके सभी को रोक दिया गया था।
– गोदौलिया और मैदागिन से आने वाले सारे वाहनों को परिसर की ओर जाने पर रोक लगा रखा था ।
– सुबह 8 से 12 तक सर्वे की टीम में 36 लोग शामिल थे , सर्वे से संबंधित कोई भी जानकारी मीडिया के सामने देने से सर्वे की टीम का इंकार ।
– ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण में कमीशन की कार्यवाही अपने निर्धारित से 10 मिनट लेट से शुरू हुआ ।
– सुरक्षा कारणों से टीम के सभी लोगों का मस्जिद में प्रवेश से पहले ही मोबाइल बाहर ही सुरक्षा टीम द्वारा जमा करा लिया गया था।
– प्रशासन के अनुसार अब तक 50 फीसद तक सर्वे का काम हो चुका है।
– आज के सर्वे की कार्यवाही के बाद कल रविवार को भी तहखाने की होगी सर्वे
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