
कमिश्नर, डीएम, सीडीओ, सीएमओ सहित अन्य अधिकारियों ने गोद लिए तीन-तीन आंगनबाड़ी केंद्र
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के तहत संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण के लिए सरकार पूरा ज़ोर दे रही है। इसी कड़ी में जिले के हर ब्लाक में आंगनबाड़ी केंद्रों को ‘आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र’ बनाने की योजना तैयार की गई है। योजना के तहत अधिकारियों की मदद से केंद्रों पर कुर्सियां, मेज, खिलौने, वजन मशीन आदि की व्यवस्था की जाएगी।
जनपद में 3914 आंगनबाड़ी केन्द्र हैं इसके तहत पहले चरण में जिले के 120 आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेकर वहाँ पंजीकृत बच्चों को कुपोषण मुक्त करने के साथ केंद्रों को आधुनिक बनाया जाएगा। ‘आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र’ योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों को कुपोषण मुक्त करना, साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में पंजीकृत तीन से छह वर्ष के बच्चों के लिए अर्ली चाइल्ड केयर एजुकेशन (ईसीसीई) स्तर में सुधार लाना एवं आधारभूत सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण करना है। पहले चरण में प्रत्येक अधिकारी ने तीन-तीन आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया है। इस क्रम में मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने हरहुआ ब्लॉक के तीन आंगनबाड़ी केन्द्रों क्रमशः पुआरीखुर्द – 1, 2 व 3 को गोद लिया है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने काशी विद्यापीठ ब्लॉक के तीन आंगनबाड़ी केन्द्रों क्रमशः अमरा खैरा – 1, 3 व 5 को गोद लिया है। मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल ने काशी विद्यापीठ ब्लॉक के ही तीन आंगनबाड़ी केन्द्रों क्रमशः नरोत्तमपुर – 1, 2 व 3 और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने अराजीलाइन ब्लॉक के गौर – 1, 2 व 7 तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी डी के सिंह ने अराजीलाइन ब्लॉक के चंदापुर – 2, 4 व 6 को गोद लिया है।
इन्होने भी गोद लिए आंगनबाड़ी केंद्र –
जिले के अन्य अधिकारियों यथा भूमि संरक्षण अधिकारी (उसर सुधार योजना), परियोजना निदेशक, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी, उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र, जिला बचत अधिकारी, जिला युवा कल्याण अधिकारी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, जिला आबकारी अधिकारी, परियोजना अधिकारी नेडा, बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी मतस्य, उपनिदेशक कृषि अधिकारी, जिला दिव्यांग कल्याण अधिकारी, क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, जिला क्रीढ़ा अधिकारी, अधिशासी अभियंता (ग्रामीण अभियंत्रण विभाग), जिला गन्ना अधिकारी, जिला विकास अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी, अधिशासी अभियंता (जल निगम षष्टम वाराणसी), एसीएमओ डॉ राजेश प्रसाद, एसीएमओ डॉ एके मौर्य, एसीएमओ डॉ एसएस कनौजिया, अपर मुख्य अधिकारी (जिला पंचायत), जिला प्रशिक्षण अधिकारी एवं सहायक आयुक्त व सहायक निबंध सहकारिता ने तीन – तीन आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया है। साथ ही सभी अधिकारियों को पत्र भी भेजा जा चुका है।
छह माह में करना है विकसित –
डीपीओ डीके सिंह ने बताया कि गोद लिए गए आंगनबाड़ी केन्द्रों को छह माह की समयावधि (31 मार्च 2023) तक विकसित किए जाने के लिए शासन की ओर से दिशा – निर्देश दिये गए हैं। अधिकारी गोद लिए गए केन्द्रों का निरीक्षण हर माह विभिन्न बिन्दुओं पर करेंगे। इन केन्द्रों पर अधिकारियों की ओर से आधारभूत सुविधाएं जैसे स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था, बाल मैत्री शौचालय की उपलब्धता, आंगनबाड़ी केन्द्रों पर विद्युतीकरण, पोषण वाटिका, रंगाई-पुताई, भवन की भौतिक स्थिति, ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस की उपलब्धता, स्मार्ट फोन की उपलब्धता, बच्चों के बैठने के कुर्सी-मेज, खिलौने व अन्य सामाग्री उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होने कहा कि गोद लिए गए केन्द्रों को तय अवधि में उक्त मानकों की पूर्ति होने पर जिला पोषण समिति ‘आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र’ घोषित कर प्रमाण पत्र देगी।
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