जानिये , 6 दिसंबर, 1992 के घटना का पूरा लेखा जोखा

जानिये , 6 दिसंबर, 1992 के घटना का पूरा लेखा जोखा

जानिये बाबरी प्रकरण फैसला की महत्वपूर्ण बातें
city crime / innovest desk / 30 sep

 

– 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को पूरी तरह से ध्वस्त होने के बाद थाना राम जन्मभूमि, अयोध्या के प्रभारी पीएन शुक्ल ने शाम 5:15 पर लाखों अज्ञात कार सेवकों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया. इसमें बाबरी मस्जिद गिराने का षड्यंत्र, मारपीट और डकैती शामिल है।

–  6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के आपराधिक मामले में 28 साल बाद आज अदालत का फैसला आया है।

–  मुख्य आरोपियों में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, विनय कटियार, राम विलास वेदांती, ब्रज भूषण शरण सिंह  महंत नृत्य गोपाल दास, चम्पत राय, साध्वी ऋतम्भरा, महंत धरमदास हैं।

– पांच आरोपियों एलके आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सतीश प्रधान, उमा भारती और नृत्य गोपाल दास के वकील कोर्ट की कार्यवाही शुरू होते ही व्यक्तिगत रूप से मौजूद नहीं रहने का आवेदन कोर्ट में डाला।

 

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–  अयोध्या में ढांचा विध्वंस के 28 साल बाद फैसला आया । इस मामले में लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, नृत्य गोपाल दास, कल्याण सिंह समेत 49 आरोपी बनाए गए थे। इनमें सेे 17 लोगों की मौत हो चुकी है। लगभग 50 गवाह भी दुनिया से विदा हो चुके हैं। कोर्ट  32 आरोपियों को फ़ैसला सुनाएगी।

– – जिन आरोपियों जिनका निधन हो चुका है उनमें बाल ठाकरे, अशोक सिंघल, आचार्य गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया, महंत अवैद्यनाथ, महंत परमहंस दास, महामंडलेश्वर जगदीश मुनि, बैकुंठ लाल शर्मा प्रेम, डॉ सतीश नागर , मोरेश्वर साल्वे (शिवसेना नेता), डीवी रे (तत्कालीन एसपी), विनोद कुमार वत्स (हरियाणा निवासी), रामनारायण दास, हरगोबिंद सिंह, लक्ष्मी नारायण दास महात्यागी, रमेश प्रताप सिंह और विजयराजे सिंधिया।

– अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, विष्णु हरि डालमिया, विनय कटियार, उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा इस केस में नामजद अभियुक्त हैं। भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए ,153बी , 505, 147 और 149 के तहत यह मुकदमा रायबरेली में चला। बाद में लखनऊ सीबीआई कोर्ट में चल रहे मुकदमे में शामिल कर लिया गया।

 

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– –  इस मामले में 49 लोगों को अभियुक्त बनाया गया जिनमें से 17 की मौत हो चुकी है ।

– सीबीआई की अदालत ने एक सितंबर तक मामले की सुनवाई पूरी कर ली थी। दो सितंबर से फैसला लिखा जाना शुरू हुआ ।

–  30 सितंबर, 2019 को सुरेंद्र कुमार यादव जिला जज, लखनऊ के पद से सेवानिवृत्त हुए थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें फैसला सुनाने तक सेवा विस्तार दिया था।

– बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में फैसला सुनाने के साथ ही सीबीआई के स्‍पेशल जज सुरेन्‍द्र कुमार यादव रिटायर हो जाएंगे। आज उनके कार्यकाल का अंतिम दिन है। ये शाम पांच बजे वह रिटायर हो जाएंगे।

–  सीबीआई व अभियुक्तों के वकीलों ने करीब आठ सौ पन्ने की लिखित बहस दाखिल की ।  सीबीआई ने 351 गवाह व करीब 600 से अधिक दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए हैं।

–  31 अगस्त, 2020 को सभी अभियुक्तों की ओर से लिखित बहस दाखिल. बहस की प्रति अभियोजन को भी मुहैया कराई गई. एक सितंबर, 2020 को दोनों पक्षों की मौखिक बहस भी पूरी हुई. 16 सितंबर, 2020 को अदालत ने 30 सितंबर को अपना फैसला सुनाने का आदेश जारी किया.

–  अदालत का फैसला 12 .30  आया ,फैसले में सभी 32 लोगों को आरोप से बरी कर दिया गया है।

– कोर्ट में लालकृष्ण आडवाणी अपनी बेटी का हाथ पकड़कर यह फैसला सुन रहे थे।

-न्यायाधीश एस.के. यादव ने फैसला में ढांचा विध्वंस की घटना पूर्वनियोजित नहीं बताया बल्कि आकस्मिक घटना माना । आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी।

– अयोध्या के रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में मुस्लिम पक्ष की ओर से मुकदमे की पैरोकार जफरयाब जिलानी बाबरी विध्वंस केस में सीबीआई अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।

 

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