अव्यस्थायो व भ्रष्टाचार का गढ़ बना मंडलीय चिकित्सालय
एक तरफ तो शासन व प्रशासन आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य,शिक्षा समेत कई बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने का दावा करते है तथा उस दावे को पूर्ण करने के लिए दिल खोल कर सरकारी खजाने से पैसे खर्च करते है लेकिन वहीं दूसरी तरफ बैठे जिम्मेदार अधिकारियो के नक्कारे पन के कारण सभी सुविधाएं आम लोगों को सिर्फ सरकारी कागजों में ही मुहैया करा दी जाती है और उक्त कार्यों के परिपेक्ष्य में आवंटित धन की बंदरबांट कर दी जाती है। इन सब के बीच एक बार फिर आम आदमी खुद को ठगा महसूस करता है ।हकीकत के धरातल पर आम लोगों के लिए उन सुविधाओं को प्रदान करने के नाम पर शुरू होता है शोषण का खेल कभी आर्थिक कभी मानसिक तो कभी शारीरिक जो जैसे अपने उल्लू को सीधा कर ले।आज हम बात कर रहे है जनपद के कबीर चौरा स्थित मंडलीय चिकित्सालय में व्याप्त अव्यवस्था व भ्रष्टाचार की जहां उच्च अधिकारियो के लाख (दिखावटी)कोशिशों के बावजूद व्यवस्था में लेस मात्र का बदलाव नहीं हो पा रहा है। यहां किसी भी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए सुविधा शुल्क को आगे बढ़ाना अनिवार्य है ।इसके लिए आपके मित्र के तौर पर परिसर में मौजूद दलाल तुरंत आपके पास प्रकट हो जाते है और आपको संबंधित कार्य की मूल्य सूची बताते हुए आपके कार्य को पूरा कराने का दावा करते है और अगर आपने अपने इन मित्रो की बात नहीं मानकर सीधे संबंधितों के पास जाने की हिम्मत कर दी तो फिर तैयार हो जाइए सरकारी कागजों के प्रक्रिया को पूरी करने के लिए जिनमें आप ऐसे उलझते है कि फिर आपको आपका नया मित्र याद आ ही जाता है।खैर यह तो बात हुई इलाज,या कागजात संबंधित कार्य की अब आइए व्यस्थायो को जानते है तो आप जान लीजिए यहां आपके लिए कोई व्यवस्था होता ही नहीं । शासन स्तर से जो भी वाटर कूलर या शौचालय आदि अन्य व्यवस्था आपके लिए की जाती है वो भी उन भ्रष्ट अधिकारियों की तरह मुक बधिर होकर अपनी बदहाली पर आंसू बहाता है ।आस पास इतना गंदगी और दुव्यस्था फैला रहता है कि अच्छे भले इंसान बीमार हो जाए फिर वहा तो बीमार ही पहुंचते है ।
ऐसा ही हाल परिसर स्थित अल्ट्रासाउंड कक्ष का है जंहा पहुंचने वाले रोगियों पुरुष व महिलाओ दोनो के उपयोग को बने तीन शौचालय में से एक में समान भरा पड़ा है दूसरा टूटा फूटा है जिसे प्रयोग नहीं किया जा सकता और तीसरे में शायद किसी आरक्षण प्रक्रिया के तहत ताला मारा हुआ है ।
पानी के लिए लगे वाटर कूलर की भी स्थिति कमोबेश यही है आस पास इतनी गंदगी ,काई की आपकी प्यास देखकर ही शांत हो जाए।यही स्थितियां कमोबेश सभी जगह देखने को मिलती है पर एक बात समझ से परे होता है कि जो चीजें एक आम आदमी को स्पष्ट दिखाई देती है वो शासन व प्रशासन में बैठे बड़े और पढ़े लिखे लोगो को क्यों नजर नहीं आती।
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