
अवैध साफ्टवेयर के मदद से तत्काल टिकटो की जालसाजी करने का आरोपी गिरफ्तार
@बnaras/इन्नवस्ट डेस्क/3अक्टूबर
रेलवे प्रशासन के लाख कोशिशों के बावजूद भी टिकट एजेंटों द्वारा अवैध साफ्टवेयर के मदद से तत्काल टिकट की कालाबाजारी का खेल कम नहीं हो पा रहा।एक तरफ आम आदमी को रेलवे टिकट आसानी से मुहैया कराने को आए दिन नए नए प्रयास किए जा रहे है तो वहीं तू डाल डाल तो मै पात पात की तर्ज़ पर काम करने वाले एजेंट अवैध साफ्टवेयर का खुलकर प्रयोग कर तत्काल टिकटो को जमकर ब्लैक कर रहे है ।नतीजा यह है कि घंटो लाइन में खड़े व्यक्ति को तत्काल टिकट नसीब नहीं हो पा रही जबकि एजेंट इसको ब्लैक कर मालामाल हो रहे है।ऐसे ही एक धंधेबाज पर लगाम कसते हुए वाराणसी कैंट की आरपी एफ टीम ने शुक्रवार रात को कपसेठी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है।गिरफ्तार युवक अंकित कुमार धवलगंज बस स्टैंड के पास टूर एंड ट्रैवल सेन्टर के नाम से कपसेठी में ही दुकान चलाता था और अवैध साफ्टवेयर क्विक तत्काल एप के जरिए तत्काल टिकटो के बिक्री का काम करता था।मौके से आरपीएफ टीम ने आगे की तिथि के मुंबई व दिल्ली के कुल 7 टिकट बरामद किए है।गिरफ्तार युवक के खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत कर जांच शुरू की गई थी।
जानिए कैसे काम करता है अवैध साफ्टवेयर
अमूमन ऑनलाइन तत्काल टिकट बुक करने की पूरी प्रक्रिया के दौरान हमें ओटीपी , कैपचा कोड इत्यादि प्रक्रियायो का पालन करना होता है जिसमें अमूमन लगभग ढाई मिनट का समय लग जाता है जबकि उक्त सॉफ्टवेयर के मदद से तत्काल टिकट बुक करने पर ओटीपी , कै पचा कोड आदि प्रक्रिया को बाईपास कर दिया जाता है जिससे समय की बचत हो जाती है और ढाई मिनट का काम लगभग डेढ़ मिनट में ही हो जाता है नतीजा आम यूजर अभी आईआरसीटीसी की प्रक्रिया को पूरा कर रहे होते है तब तक ये अवैध साफ्टवेयर प्रयोग करने वाले जालसाज तत्काल टिकट को बुक कर काम खत्म कर देते है।
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