
काशी सैकड़ों साल पुरानी परंपरा पर कोरोना का दंश
@ बnaras / इन्नोवेस्ट डेस्क / 14 oct
– दुर्गा पूजा समितियों के पदाधिकारियों संग DM और SSP बैठक
– खुले और सार्वजनिक जगह पर मूर्ति पूजा पर रोक
– डीएलडब्ल्यू और रामनगर रावण का पुतला दहन नहीं , केवल रामायण पाठ
– भरत मिलाप और नक्कटैया भी निरस्त
दुर्गापूजा समितियों के पदाधिकारियों के साथ आज वाराणसी के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने एक बैठक कर कोविड-19 के मद्देनजर दुर्गापूजा आयोजन से जुड़ी दिशा-निर्देशों की जानकारी का साझा किया। जिसके अनुसार
ये करना हैंआवश्यक
सार्वजनिक रूप से सड़कों और चौराहों पर कोई पंडाल नहीं लग सकेगा ,बंद जगहों पर 15×15 फीट के तीन चांदनी लगाने की अनुमति, खुली जगह पर एक समय में 100 से अधिक लोगों को इकट्ठा न होने, कैम्पस या बंद परिसर में अधिकतम 200 लोगों की अनुमति तथा पांच फीट की ऊंची तथा पांच फीट तक चौड़ी मूर्ति स्थापित करने की अनुमति दी गई है। पंडाल में प्रवेश और निकास की व्यवस्था अलग-अलग रास्ता, पंडाल चारों ओर से खुला न हो। प्रवेश द्वार पर स्कैनर प्रयोग आवश्यक होगा। समितियों ही भीड़ नियंत्रित करने के लिए अपने वालंटियर रखेगा जो नेम प्लेट के साथ होंगे। पंडाल में लाउडस्पीकर पर कोरोना से बचाव हेतु प्रसारण होगा ।
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इन पर होगी मनाही
सार्वजनिक रूप से भोज आदि का कोई आयोजन प्रतिबंधित , प्रसाद का वितरण पैकेट में , कन्या भोजन केवल 9 लोगों से अधिक नहीं , विसर्जन के लिए केवल एक छोटी गाड़ी टाटा मैजिक से , बड़े डीजे गाड़ी पर नहीं। मूर्ति विसर्जन में अधिकतम 10 लोग , अबीर गुलाल उड़ाना और नाच गाना प्रतिबंधित रहेगा। विसर्जन का मार्ग तथा विसर्जन के पश्चात् वापसी का मार्ग अलग-अलग होंगे।
रामलीला में भी पाबंदियां
दुर्गापूजा के नियम ही रामलीला के लिए लागू रहेंगे। जिसमें खुले स्थान पर अधिकतम 100 लोग तथा बंद परिसर में 200 लोग ही आयोजन में इकट्ठा हो सकते हैं। अपने वालंटियर से भीड़ नियंत्रित , सोशल डिस्टेंसिंग , मास्क आदि का पालन कराया जाना ।