
कहते है खुश रहना एक कला है, स्टाइल है और जिनको आ गया आ गया उनका जीवन वास्तव में मस्ती भरा होता हैं। खुश रहने के लिए आपने भी इससे जुड़ीं तमाम लेख और भाषण पढ़ा और सुना होगा लेकिन आज इन सब से अलग आइये जानते है ” सेरोटोनीन ” के बारे में जो वास्तव में किसी के जीवन में खुशहाली के कारक होते है। – संपादक
अतिथि के कलम से
शरीर के लिए रासायनिक दूत है सेरोटोनीन जो देता है आपको ख़ुशी विशेष
innovest news / 20 oct
– अजय तिवारी वरिष्ठ पत्रकार
मौसम के बदलाव और वस्तुओं के अनुसार मानव मन की चाहत बढ़ती है। इन्हीं चाहतों को पैदा करने वाला हार्मोंस सेरोटोनीन है जो प्रसन्नता का कारण भी है। यह हार्मोंस मानव शरीर के लिए रासायनिक दूत (केमिकल मैसेन्जर) है। सेरोटोनीन शरीर के रासायनिक परिवर्तन, इच्छा और जरूरतों को मस्तिष्क तक पहुंचाता है। यह हार्मोंस शरीर के विभिन्न अंगों और रक्त संचालन के लिए जिम्मेदार है।
पर्यावरण विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर मधुर मोहन रंगा ने बताया कि सेरोटोनीन को हैप्पी हार्मोंस के नाम से जाना जाता है। जिस व्यक्ति के शरीर में जितना ज्यादा सेरोटोनीन होगा। उसकी प्रसन्नता सूचकांक उतना ही अधिक होगी। उन्होंने बताया कि मानव शरीर में पाए जाने वाले सारे हार्मोंस रासायनिक दूत (केमिकल मैसेन्जर) होते हैं लेकिन सेरोटोनीन का संदेश प्रसन्नता के लिए जाना जाता है। मानव शरीर में सकारात्मक और नकारात्मक दो स्तर के संदेश पैदा होते हैं। हैप्पी हार्मोंस अपने गुणों के कारण सकारात्मक संदेश की ओर व्यक्ति को आगे बढ़ाता है।
अच्छाइयों का कारण है यह हार्मोन्स
बारिश की बूंदों में भीगने की इच्छा, बारिश में गर्म पकौड़ी खाने की चाहत, आइसक्रीम देख कर मुंह से पानी आना, अच्छे गाने सुन कर गुनगुना लगना, अच्छा दृश्य देर तक देखने की इच्छा सेरोटोनीन के कारण ही होता है। सेरोटोनीन शरीर में पैदा होने के साथ सकारात्मक इच्छाओं को जागृत करने की साजिश भी करता है।
सेरोटोनीन के लिए पर्यावरण भी जिम्मेदार
मौसम और पर्यावरण का भी सेरोटोनीन पर गहरा प्रभाव है। बादल गर्जन के साथ मोर का नाचना प्रारम्भ हो जाता है। वातावरण में तापमान बढऩे के साथ ठंडी वस्तुओं की मांग बढ़ जाती है। मौसम के अनुसार फल, सब्जी और खाद्य पदार्थ पैदा होते हैं और उन्हीं का अनुसरण सेरोटोनीन करता है।
बीमारियों में है लाभदायक
एंजाइटी, अवसाद और मधुमेह से ग्रसित लोगों के लिए सेरोटोनीन हार्मोंस लाभदायक है। सेरोटोनीन जब व्यक्ति में प्रसन्नता के ग्राफ का बढ़ाता है तो अवसाद, एंजाइटी और मधुमेह जैसे रोगों से व्यक्ति का छुटकारा मिल जाता है। सेरोटोनीन के कारण व्यक्ति को शांति मिलने के साथ सक्रियता बढ़ती है।
कैसे बढ़ाए हैप्पी हार्मोंस
फल, हरी सब्जी, बादाम के नियमित सेवन से शरीर में हैप्पी हार्मोंस की मात्रा बढ़ती है। योग, संगीत, सुबह का टहलना शरीर के अंदर सेरोटोनीन को बढ़ता है।