जानिये क्या है किसान बिल 2020 और क्या है विरोध

जानिये क्या है किसान बिल 2020 और क्या है विरोध

जानिये क्या है किसान बिल और क्या है विरोध

इन्नोवेस्ट न्यूज़  / 8  dec

__________________________________
 तो चलिए जानते है कि आखिर किसान बिल 2020 क्या है ? क्यों किसान किसान बिल 2020 का विरोध कर रहे है ?  
__________________________________

किसान केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में सुधार करने के नाम पर लाए गए नए कृषि क़ानूनों के विरोध में किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आव्हान किया है। देश की कई राजनीतिक पार्टियों ने भी किसान संगठनों द्वारा बुलाए भारत बंद का समर्थन किया है। नए कृषि क़ानूनों के विरोध में किसान कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की बॉर्डर पर जमे हुए है। किसान इस बार लंबी लड़ाई लड़ने की तैयारी के साथ आए हैं। किसानों का कहना है कि अगर यह लड़ाई एक साल तक भी जारी रखना पड़ी तो हम जारी रखेंगे। हालांकि यह बात भी सच है कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार भी किसानों की समस्याओं को दूर करने की कोशिश कर रही है। यहीं कारण है कि केंद्र के मंत्री और किसान नेताओं के बीच अब तक कई बार बैठक भी हो चुकी है, हालांकि यह बैठके किसी नतीजे पर नहीं पहुँच सकी है।  

जानते है कि आखिर किसान बिल 2020 क्या है? क्यों किसान किसान बिल 2020 का विरोध कर रहे है?

एक – आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020

इस कानून का मुख्य उद्देश्य आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी रोकने और उसकी कीमतों को नियंत्रित रखना है। लेकिन केंद्र सरकार के नए कानून में अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेल, प्याज आलू को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटाने का प्रावधान है। केंद्र सरकार का दावा है कि ऐसा करने से बाजार में स्पर्धा बढ़ेगी और किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सकेगा।किसान क्यों कर रहे हैं।

विरोध
किसान संगठनों का कहना है कि केंद्र सरकार के इस बिल से किसानों को नहीं बल्कि पूंजीपतियों या कॉरपोरेट घरानों को फायदा होगा। नए बिल के अनुसार सरकार सिर्फ अति-असाधारण परिस्थितियों जैसे अकाल, युद्ध में ही वस्तुओं की सप्लाई पर नियंत्रण लगाएंगी।

दो – कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून, 2020

केंद्र सरकार के इस नए कानून के अनुसार किसान अब एपीएमसी यानी कृषि उत्पाद विपणन समिति के अलावा भी अपनी फसल कहीं भी बेच सकेगा। केंद्र सरकार का कहना है कि इस नए कानून से किसानों को मंडी से बाहर भी अपनी फसल बेचने की आजादी मिलेगी। किसान दूसरे राज्य में जाकर भी अपनी फसल बेच सकेगा। इसके अलावा किसानों को मंडियों को कोई फीस भी नहीं देनी होगी।किसान क्यों कर रहे हैं।

विरोध
इस कानून को लेकर किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार ने बिल में यह स्पष्ट नहीं किया है कि मंडी से बाहर फसल बेचने पर किसान को अपनी फसल का न्यूनतम मूल्य मिलेगा या नहीं। किसानों को डर है कि फसल उत्पादन ज्यादा होने पर व्यापारी किसानों से मंडियों के बाहर ही कम कीमत पर फसल खरीदेंगे।

तीन – कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार कानून, 2020

इस नए कानून के अनुसार अब किसान फसल उगाने से पहले ही व्यापारी से समझौता कर सकते है। इस समझौते में फसल की कीमत और उसकी गुणवत्ता जैसी बातों को शामिल किया जाएगा। इसके तहत व्यापारी को फसल की डिलिवरी के समय ही दो तिहाई राशि का भुगतान करना होगा और बाकी का पैसा 30 दिन के अंदर करना होगा। साथ ही खेत से फसल उठाने की जिम्मेदारी भी व्यापारी की होगी।

विरोध

किसानों का कहना है कि सरकार ने भले ही फसल का भंडारण करने की अनुमति दे दी हो, लेकिन किसानों के पास फसल का भंडारण करने की व्यवस्था ही नहीं है जबकि व्यापारियों के पास फसल का भंडारण करने की व्यवस्था होती है। ऐसे में फसल की कीमत तय करने का अधिकार बड़े व्यापारियों या कंपनियों के पास आ जाएगा और किसानों की भूमिका ना के बराबर हो जाएगी।

 

 

खबरें फटाफट- शहर संग अन्य समाचार का फटाफट अंदाज

@ बनारस – बड़ी खबरें जो 7 dec 2020 को रही सबसे ज्यादा चर्चा में …..

राष्ट्रीय वेबिनार में वोल्गा से गंगा की चर्चा

300 किलो के केक से मना बाबा का जन्मदिन

शव की तलाश के दौरान जुनैद का शव मिला क्या डूबने वालों की संख्या ज्यादा हैं 

 

 

लोटा भंटा मेला – जहाँ भोग लगाया जाता है प्रभु शिव बाटी चोखा 

 

आपने भूतों का मेला देखा है क्या ?

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!