
सारनाथ कम्पन – कांपती धरती ,बेचैन जनता और रिजल्ट शून्य
इन्नोवेस्ट न्यूज़ / 16 dec
सारनाथ की चर्चा इन दिनों बौद्ध धर्म प्रवर्तक भगवान बुद्ध के उपदेश स्थली के रूप में नहीं बल्कि वहां पिछले पांच दिनों से डोल रही धरती से हो रही है इस रहस्यमयी कम्पन को पहले तो स्थानीय लोगों ने भूकंप के झटके का नाम दिया लेकिन बार बार आ रहे इन झटको ने इसे किसी अन्य वजहों से जोड़ा , विभिन्न संस्थाओं द्वारा जांच की गयी लेकिन मामला की वजह किसी के भी समझ के बाहर ही है। सभी का अपना अपना तर्क है चाहे वो भू वैज्ञानिक हो या फिर जल निगम के अफसरान। स्थानीय जनता भी भ्रम के साथ तमाम बातों को हवा दे रही हैं , कोई यहाँ भुइधरा ( सुरंग ) को कोई किसी अनहोनी से जोड़ रहा हैं।
कम्पन का स्थान
तिब्बती बौद्ध मंदिर व सारनाथ चौराहे के बीच मोड़ के सामने के क्षेत्र में रुक रुक कर जमीन में हलचल अटकलों को जन्म दे रहा है। कंपन का केंद्र ट्रवेल्स एजेंसी है। जहाँ लगातार दूकान के शटर में हल्की आवाजें सुनाई दे रहा है । इस दुकान के पूर्वी दिशा के अलावा सभी दिशा में लगभग पांच मीटर में कंपन महसूस किया जा रहा था।
अब तक के दौरे
डीएम के निर्देश पर अपर नगर मजिस्ट्रेट चतुर्थ अमृता सिंह ने मौका मुआयना किया। जलनिगम के अफसरों भी पहुंचे और जमीन के नीचे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) की 12 सौ एमएम डाया की मुख्य पाइप लाइन में लीकेज की संभावना बताई। एसीएम चतुर्थ ने मौका मुवायना के बाद बरईपुर के नरोखर ताल स्थित 100 एमएलडी के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के पेयजल सप्लाई की मुख्य पाइपलाइन को फोकस किया । सरकारी मशीनरी दो दिनों से दौरा और जाँच कर तो रहे है पर ठोस निर्णय पर नहीं पहुंच पा रहे है।
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