
क्या होगा आप पर असर सूर्यग्रह के कुम्भ से मीन राशि में प्रवेश का
इन्नोवेस्ट न्यूज़ / 20 मार्च
– असर – 14 मार्च, रविवार सायं से 13 अप्रैल, मंगलवार तक
– मौसम में होता रहेगा अजीब परिवर्तन
– दैविक आपदाएँ, वायु दुर्घटनाओं का संभावना
-किसी मुद्दे पर जन आन्दोलन भी संभावित – आर्थिक व राजनैतिक घोटाले भी
भारतीय ज्योतिष में सूर्यग्रह की अपार महिमा है। ज्योतिष की गणना के अनुसार मेष राशि से मीन राशि तक सूर्यग्रह प्रत्येक मास अपनी राशि बदलते हैं। जिसका व्यापक प्रभाव पूरे विश्व में देखने को मिलता है। सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ 14 मार्च, रविवार से खरमास प्रारम्भ हो गया। प्रख्यात ज्योतिॢवद् विमल जैन ने बताया कि सूर्यग्रह के कुम्भ से मीन राशि में प्रवेश करते ही खरमास प्रारम्भ हो गया। इस अवधि में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार खरमास में मांगलिक कृत्य सम्पन्न नहीं होते, जबकि धार्मिक कृत्य विधि-विधानपूर्वक सम्पन्न होते रहेंगे। विवाह, गृह प्रवेश, नव प्रतिष्ठान या व्यवसाय, वधू प्रवेश, मुण्डन, उपनयन संस्कार, प्रतिमा प्रतिष्ठा, नव-निर्माण आदि ये सभी कार्य खरमास की समाप्ति तक प्रतिबन्धित रहते हैं। इस बार वृहस्पति एवं शुक्र ग्रह के बाल-वृद्धत्व दोष होने के कारण पहले से ही मांगलिक कार्य प्रतिबन्धित है। सूर्यग्रह कुम्भ से मीन राशि में 14 मार्च, रविवार को सायं 6 बजकर 04 मिनट से 13 अप्रैल, मंगलवार को अर्धरात्रि के पश्चात 2 बजकर 33 मिनट तक रहेंगे। केतु-वृश्चिक राशि में, शनि, गुरु-मकर राशि में, बुध, शुक्र-कुम्भ राशि में, सूर्य, चंद्रमा-मीन राशि में, राहु, मंगल-वृषभ राशि में विराजमान हैं।
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विश्व पर ये रहेगा असर
ग्रहयोगों के फलस्वरूप विश्व क्षितिज पर अनेकानेक परिवर्तन देखने को मिलेंगे। राजनैतिक उथलपुथल, देश-विदेश के राजनैतिक घटनाक्रम में अचानक तेजी से नये स्वरूप व गतिविधियाँ देखने को मिलेंगी। शेयर, वायदा व धातु बाजार में विशेष हलचल देखने को मिलेगी। दैविक आपदाएँ, जल-थल वायु दुर्घटनाओं का प्रकोप तथा कहीं-कहीं पर आगजनी की आशंका बनी रहेगी। किसी मुद्दे को लेकर जन आन्दोलन भी मुखर होगा। कई देशों में सत्ता परिवर्तन व पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप बढ़ेंगे। मौसम में भी अजीबो-गरीब परिवर्तन होगा। धार्मिक पक्ष को लेकर एक-दूसरे पर लोग छींटाकशी करेंगे। दैविक आपदाएँ भी प्रभावी रहेंगी। आर्थिक व राजनैतिक घोटाले भी शासक-प्रशासक पक्ष के लिए सिरदर्द बनेंगे।
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आपके राशि पर प्रभाव
मेष – स्वास्थ्य में व्यतिक्रम। नेत्र विकार। बौद्धिक क्षमता में कमी। आरोप प्रत्यारोप की स्थिति। दाम्पत्य जीवन में अशांति।
वृषभ -सामयिक सिद्धि हेतु प्रयत्नशील। कठिनाइयों में कमी। परिवार में मंगल आयोजन सम्पन्न। जनकल्याण की भावना जागृत।
मिथुन – नवयोजना का शुभारम्भ। ग्रहस्थिति पक्ष में। उपहार या सम्मान का लाभ। राजकीय पक्ष से लाभान्वित। बौद्धिक क्षमता में वृद्धि।
कर्क – सिद्धि का प्रयास असफल। आरोग्य सुख में कमी। वाद-विवाद की सम्भव। विश्वासघात की आशंका। वाहन से कष्ट।
सिंह – उन्नति में बाधा। सामयिक सिद्धि का प्रयास निष्फल। स्वजनों से तनाव। वाहन से दुर्घटना की आशंका। स्पष्टवादिता घातक।
कन्या – दम्पति में मतभेद। ग्रह स्थिति प्रतिकूल। उलझनें प्रभावी। पुरुषार्थ में अरुचि। आर्थिक पक्ष से कष्ट। अपयश की आशंका।
तुला – नवसम्पर्क लाभदायक। धनागम का सुअसवर। शत्रु परास्त। लाभार्जन का मार्ग प्रशस्त। आरोग्य सुख की प्राप्ति।
वृश्चिक – आरोग्य सुख में कमी। स्पष्टवादिता घातक। ग्रहयोग विपरीत। धन लाभ में कमी। अपयश की संभावना। सुख शान्ति में कमी।
धनु – समय आशा के विपरीत। अभिलाषा की पूर्ति में व्यवधान। मित्रों से अनबन। लेन-देन में जोखिम। अनावश्यक भ्रमण।
मकर – धन संचय की ओर प्रवृत्ति। व्यक्तिगत परेशानी कम। जनकल्याण की भावना जागृत। आत्मीयजनों से अपेक्षित सहयोग।
कुम्भ – भौतिक सुख सुविधा में कमी। प्रतिष्ठा पर आघात। ग्रह स्थिति भाग्य के विपरीत। व्यापार में हानि। यात्रा निष्फल।
मीन – आर्थिक पक्ष में निराशा। क्रोध की अधिकता। पारिवारिक सुख में बाधा। वाहन से दुर्घटना संभव। प्रतिष्ठा पर आघात।
ये कर सकते है उपाय
जिनके सूर्यग्रह विपरीत हों, उन्हें अपने कार्यों में सूझ-बूझ व सतर्कता के साथ ही जोखिम के कार्यों से दूर रहना चाहिए।
सूर्यग्रह की प्रसन्नता के लिए अपने आराध्य देवी-देवता की आराधना के साथ सूर्यग्रह की भी अर्चना नियमित रूप से करनी चाहिए। प्रात:काल स्नान, ध्यान के पश्चात् सूर्य भगवान को ताम्रपात्र में रोली, अक्षत, लाल फूल एवं गुड़ डालकर अर्घ अर्पित करना चाहिए। साथ ही सूर्यमन्त्र का जप, श्रीआदित्यहृदय स्तोत्र, श्रीआदित्यकवच, श्रीसूर्यसहस्रनाम आदि का पाठ भी करना चाहिए। रविवार के दिन व्रत या उपवास रखकर दिन में 12 बजे से 3 बजे के मध्य बिना नमक का फलाहार करना चाहिए तथा मध्याह्न के समय सूर्यग्रह से सम्बन्धित लाल रंग की वस्तुएँ जैसे लाल वस्त्र, गेहूँ, गुड़, ताँबा, लाल फूल, चन्दन आदि विविध वस्तुएँ नगद दक्षिणा सहित ब्रम्हाण को संकल्प के साथ देना चाहिए।
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