
गर आपको जाना न पड़े अस्पताल , तो छोड़ दे घबराना सरकार
इन्नोवेस्ट न्यूज़ / 23 अप्रैल
– सामान्य व्यक्ति का ऑक्सीजन लेवल करीब 96 फीसद होना चाहिये
– ऑक्सीजन दिन भर में अधिकतम तीन बार नापें
सामान्य व्यक्ति का ऑक्सीजन लेवल करीब 96 फीसद होना चाहिये। अगर ऑक्सीजन लेवल 92 से 93 फीसद हो तो घबराने की जरूरत नहीं है तथा ऑक्सीजन लेवल 90 फीसद के आस-पास हो तो अपने नजदीकी चिकित्सालय में डॉक्टर की सलाह अवश्य लें एवं ऑक्सीजन के साथ चिकित्सालय में भर्ती करायें। उम्र के अनुसार ऑक्सीजन सेचुरेशन में उतार चढ़ाव होता है, इसलिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। दौड़कर या मेहनत करके आते हैं तो पाँच मिनट रुककर ही सेचुरेशन की जांच करें। मास्क लगाकर सेचुरेशन जाँचने पर कुछ कम लेवल मिल सकता है, इसलिए परेशान न हों।
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चेस्ट फिजीशियन डॉ आर. के. शर्मा बताते है कि कोरोना काल में ऑक्सीजन लेवल घटने का डर उपचाराधीनों के साथ-साथ तीमारदारों में भी हावी है। इसकी एक वजह जानकारी का अभाव भी है। इन दिनों पल्स ऑक्सीमीटर घरों की जरूरत बन गया है। लोग प्रत्येक घंटे ऑक्सीजन का स्तर नापकर अपने दिल की धड़कन बढ़ा रहें हैं। ज़्यादातर लोगों को पता ही नहीं है कि ऑक्सीजन का सेचुरेशन लेवल बहुत हद तक अवस्था या स्थिति पर भी निर्भर करता है। जब आप घबराये हुये होते हैं तो ऑक्सीजन चार फीसद तक कम हो सकता है। इसलिए ऑक्सीजन के सेचुरेशन लेवल को लेकर सतर्कता बरतें लेकिन बहुत परेशान कतई न हों। आमतौर पर जितनी ज्यादा घबराहट होती है उससे ऑक्सीजन घटता है। कभी-कभी दो से चार फीसदी की गिरावट आ जाती है यानी मरीज पहले ठीक रहता है और अकारण ही उसकी तकलीफ बढ़ जाती है। घबरायेंगे नहीं तो अस्पताल जाने की जरूरत शायद नहीं पड़ेगी। नाक जाम हो तो डाक्टर की सलाह के अनुसार एंटी एलर्जिक दवाओं का सेवन करते रहें। ज़्यादातर घबराहट और बेचैनी से हृदय की धड़कन बढ़ जाती है। लोग इंडेक्स फिंगर पर ऑक्सीमीटर लगाते हैं तो उसकी रीडिंग मरीज के वास्तविक ऑक्सीजन लेवल से कम अथवा ज्यादा बताती है। डॉ शर्मा ने बताया कि लोगों को ऑक्सीमीटर पर नहीं बल्कि अपने स्वस्थ होने की इच्छाशक्ति पर ज्यादा भरोसा करना चाहिए। ऑक्सीजन दिन भर में अधिकतम तीन बार नापें। इंडेक्स फिंगर में इसे लगाकर 24 घंटे में अधिकतम तीन बार ही रीडिंग लेना चाहिये। अधिकतम 20 सेकेंड में रीडिंग आ जाती है। डॉक्टर को बताने के लिए उसे नोट कर लें। प्रत्येक घंटे रीडिंग लेने की कोशिश न करें। इससे बेवजह परेशानी से आप बचे रहेंगे। गुनगुना पानी पीते रहें, घरेलू उपचार तथा काढ़े का सेवन करते रहें। सुबह-शाम भाप भी लेते रहें। साथ ही योग तथा प्राणायाम भी करते रहें। सादा एवं संतुलित भोजन करें। जब भी घर से बाहर निकलें मास्क से नाक और मुंह को ढक कर रखें, सेनेटाइजर साथ रखें, एक दूसरे से दो गज की दूरी बनाकर रखें और साबुन से हाथों को बार-बार धोते रहें ।
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