चंद्र ग्रहण की सम्पूर्ण जानकारी , कहाँ दिखेगा , क्या है समय , क्या करें क्या न करें और आपके राशि पर इसका प्रभाव

चंद्र ग्रहण की सम्पूर्ण जानकारी , कहाँ दिखेगा , क्या है समय , क्या करें क्या न करें और आपके राशि पर इसका प्रभाव


इन्नोवेस्ट न्यूज़  – 26    मई

– ज्योर्तिविद् विमल जैन

= खग्रास चन्द्रग्रहण : 26 मई, बुधवार को
= ग्रहण का स्पर्श – दिन में 3:15 पर, मध्य दिन में 4:49 पर, मोक्ष सायंकाल 6:23 पर
= खग्रास की अवधि : 19 मिनट, ग्रहण की अवधि : 3 घण्टा 08 मिनट
= कन्या, मकर, कुम्भ और मीन राशि वालों को शुभता रहेगी

यह ग्रहण वैशाख शुक्लपक्ष की पूर्णिमा  तिथि 26 मई, बुधवार को अनुराधा नक्षत्र एवं वृश्चिक राशि पर लगेगा। इस दिन चन्द्रमा, केतु-वृश्चिक राशि में, सूर्य, शुक्र, राहु-वृषभ राशि में, मंगल, बुध-मिथुन राशि में, गुरु-कुम्भ राशि में, शनि-मकर राशि में विराजमान रहेंगे। जिनका जन्म अनुराधा नक्षत्र और वृश्चिक राशि में हुआ है, उनके लिए शुभफलों में कमी रहेगी। इनके लिए वाद-विवाद, वाहन से कष्ट आदि का संकेत मिलता है।   मेष व वृश्चिक राशि वालों को कठिनाइयाँ प्रभावी रहेंगी तथा कन्या राशि वालों को शुभता रहेगी।

कहाँ कहाँ दिखेगा ये ग्रहण
विक्रम संवत 2078 ई० सन 2021 का पहला चन्द्रग्रहण 26 मई, बुधवार को लग रहा है जो कि आंशिक रूप से ही भारत के कई राज्यों में दिखाई देगा। खग्रास के रूप में यह चन्द्रगहण भारत के उत्तर-पूर्वी भाग के अगरतला, ऐजवल, चेरापूंजी, कोलकाता, कूच बिहार, डायमण्ड हार्बर, दीघा, गुवाहाटी, गोलघाट, डिब्रूगढ़, शिवसागर, जोरहाट, डिशपुर, दीमापुर, जलपाईगुड़ी, सिलीगुड़ी, सिलौंग, इम्फाल, इटानगर, लुमडिंग, माल्दा, उत्तर लखीमपुर, पाशी घाट, पोर्ट ब्लेयर, शिव सागर, सिलचर में चन्द्रोदय के समय खण्डग्रास रूप में ग्रहण का मोक्ष दृश्य होगा। खग्रास चन्द्रग्रहण दक्षिण पूर्व एशिया, सम्पूर्ण आस्ट्रेलिया, सम्पूर्ण ओसेनिया, अलास्का के अधिकांश भाग, कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका के लगभग 48 राज्य, सम्पूर्ण हवाई और दक्षिण अमेरिका के अधिकांश भाग में दृश्य होगा। यह खग्रास चन्द्रग्रहण दक्षिण पूर्व एशिया से प्रारम्भ होकर बंगला देश के ढाका में मोक्ष होगा। पूर्वी भारत के प्रमुख शहरों में मोक्ष के समय दृश्य होगा। ब्राजील के पश्चिम भाग, संयुक्त राज्य अमेरिका का पूर्वी भाग और कनाडा में चन्द्रास्त के समय खण्डग्रास रूप में दृश्य होगा। हिन्द महासागर, श्रीलंका, भारत के उत्तर-पूर्वी भाग, चीन, मंगोलिया और रूस में चन्द्रोदय के समय मोक्ष का दृश्य दिखाई देगा।
यह चन्द्रग्रहण भारतवर्ष के कई राज्यों में जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, आन्ध्र प्रदेश आदि राज्यों में दृश्य नहीं है। अतएव ग्रहण सम्बन्धी सूतक आदि मान्य नहीं होंगे। चन्द्रमा पृथ्वी के निकट होने पर इसका बिम्ब सूर्य से बड़ा होने पर पश्चिम में इसे सुपर फुल ब्लड मून कहा जाता है। ग्रहण के दिन चन्द्रमा पृथ्वी से बहुत अधिक निकट रहेगा।

ग्रहण का समय
आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 25 मई, मंगलवार की रात्रि 8 बजकर 30 मिनट पर लगेगी जो कि अगले दिन 26 मई, बुधवार को दिन में 4 बजकर 44 मिनट तक रहेगी। इस दिन लगने वाला चन्द्रग्रहण का स्पर्श दिन में 3 बजकर 15 मिनट पर, ग्रहण का मध्य दिन में 4 बजकर 49 मिनट पर तथा ग्रहण का मोक्ष सायंकाल 6 बजकर 23 मिनट पर होगा। सूतक ग्रहण लगने से 9 घंटे पूर्व प्रारम्भ हो जाएगा। चन्द्रग्रहण की अवधि 3 घण्टा 08 मिनट है। ग्रहण के स्पर्श, मध्य एवं मोक्ष के समय स्नान करने का विधान है।

क्या नहीं करें
सूतक काल के आरम्भ होने के पूर्व मंदिरों के कपाट बन्द हो जाते हैं। सूतक काल में हास्य-विनोद, मनोरंजन, शयन, भोजन, देवी-देवता के मूॢत या विग्रह का स्पर्श करना, व्यर्थ वार्तालाप, अकारण भ्रमण, वाद-विवाद करना आदि वॢजत है। इस काल में यथासम्भव मौन-व्रत रहते हुए अपने दैनिक जरूरी कार्यों को सम्पन्न करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण देखना पूर्णतया वॢजत है। बालक व वृद्ध एवं रोगी पथ्याहार एवं दवा आदि ग्रहण कर सकते हैं। भोजन, दूध व जल की शुचिता के लिए उसमें तुलसी के पत्ते या कुश रखना चाहिए। यथासम्भव एकान्त स्थान पर अपने आराध्य देवी-देवता को स्मरण करके उनके मन्त्र का जप करना चाहिए। ग्रहण मोक्ष के पश्चात् स्नानोपरान्त देव-दर्शन करके यथासामथ्र्य दान करना चाहिए।

कैसा पड़ेगा ग्रहों पर असर
नवग्रहों के विभिन्न राशियों में संचरण के फलस्वरूप इस चन्द्रग्रहण का प्रभाव विश्वपटल पर भी अपना विशेष प्रभाव छोड़ेगा। जिसके फलस्वरूप विश्व के अनेक राष्ट्र प्रभावित होंगे। राजनैतिक परिप्रेक्ष्य में विशेष हलचल, शेयर, वायदा व धातु बाजार में घटा-बढ़ी के साथ विशेष उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। दैविक आपदाएँ, महामारी, जल-थल वायु दुर्घटनाओं का प्रकोप तथा कहीं-कहीं पर आगजनी की घटनाओं को नकारा नहीं जा सकता। कुछेक देशों में सत्ता परिवर्तन व पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप बढ़ेंगे। मौसम में भी अजीबो-गरीब परिवर्तन व कई क्षेत्रों में वर्षा की अधिकता रहेगी। आर्थिक  व राजनैतिक घोटाले भी शासक-प्रशासक पक्ष के लिए सिरदर्द बनेंगे।

जिन जातकों को शनिग्रह की अढ़ैया अथवा साढ़ेसाती हो या जन्मकुण्डली के अनुसार ग्रहों की महादशा, अन्तर्दशा या प्रत्यन्तर्दशा प्रतिकूल हो तथा चन्द्र या सूर्यग्रह के साथ राहु या केतु हों, उन्हें ग्रहणकाल में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। साथ ही चन्द्रग्रह से सम्बन्धित मन्त्र का मानसिक जप करें। चन्द्रग्रहण से द्वादश राशियाँ भी प्रभावित होंगी जिनका प्रभाव इस प्रकार है—

राशियों पर प्रभाव
मेष—स्वास्थ्य में व्यतिक्रम। नेत्र विकार। बौद्धिक क्षमता में कमी। आरोप प्रत्यारोप की स्थिति। दाम्पत्य जीवन में अशांति।
वृषभ—आॢथक लेनदेन में नुकसान। वरिष्ठजनों की सलाह अमान्य। आय की तुलना में व्यय अधिक। जोखिम से नुकसान।
मिथुन—भौतिक सुख सुविधा में कमी। प्रतिष्ठा पर आघात। ग्रहस्थिति भाग्य के विपरीत। व्यापार में हानि। यात्रा निष्फल।
कर्क—कार्यसिद्धि का प्रयास असफल। आरोग्य सुख में कमी। वाद-विवाद की सम्भव। विश्वासघात की आशंका। वाहन से कष्ट।
ङ्क्षसह—सफलता में अड़चने। धोखे की आशंका। उन्नति का प्रयास निष्फल। जीवनसाथी से तनाव। धन का अभाव। शत्रुता से हानि।
कन्या—नवीन योजना का श्रीगणेश। व्यवसाय में विस्तार हेतु विचार-विमर्श। विवादास्पद मसला हल। जीवन साथी से सामंजस्य।
तुला—लाभ में कमी। जोखिम से नुकसान। विश्वासघात की आशंका। एकाग्रता का अभाव। मानसिक अशांति। व्यर्थ की भाग दौड़ में व्यय।
वृश्चिक—व्यावसायिक प्रगति में अड़चनें। स्वास्थ्य को लेकर चिन्ता। पारिवारिक मतभेद उजागर। वाद-विवाद। वाहन से कष्ट।
धनु—विरोधी प्रभावी। ग्रहस्थिति प्रतिकूल। उलझनें प्रभावी। सन्तान पक्ष से चिन्ता। आॢथक पक्ष से कष्ट। अपयश की आशंका।
मकर—नवयोजना का शुभारम्भ। ग्रहस्थिति पक्ष में। उपहार या सम्मान का लाभ। राजकीय पक्ष से लाभान्वित। बौद्धिक क्षमता में वृद्धि।
कुम्भ—कार्य प्रगति पर। दाम्पत्य जीवन में सुख शांति। धन संचय में रुचि। आनन्द की अनुभूति। बौद्धिक क्षमता का विकास। हर्ष भी।
मीन—आरोग्य सुख। कार्यों में सफलता। भाग्योन्नति का मार्ग प्रशस्त। जीवनसाथी से सामंजस्य। यात्रा का प्रसंग। बौद्धिक क्षमता का विकास।

आज की खबरें …….

चंद्र ग्रहण की सम्पूर्ण जानकारी , कहाँ दिखेगा , क्या है समय , क्या करें क्या न करें और आपके राशि पर इसका प्रभाव

जानिये , किस देवता ने अपने मित्र को बताया था वैशाख पूर्णिमा का व्रत महत्त्व, जिससे समाप्त हुआ उनका निर्धनता

कोरोना के बीच ब्लैक फंगस का आतंक , 11 की ली जान

ए के शर्मा, योगी मंत्रिमंडल में विस्तार या बदलाव  !

काशी के गंगा घाट पर कोरोना से लड़ने के लिए अनुष्ठान का सहारा

सरल भाषा में जानिये , 31 मई तक छूट और पाबंदियों को

#CBSE Board Class 12 Exam 2021 – रविवार के बैठक में तय होगी तारीख और तरीका

उत्तर प्रदेश में आंशिक कोरोना कर्फ्यू को 31 मई तक बढ़ा 

सुबह शाम कोरोना update …..

25 मई को शाम 6 बजे तक का कोरोना अपडेट

24 मई – बीते  24 घंटे में 124 संक्रमित आये सामने

23 मई – शाम 6 बजे का कोरोना अपडेट

बातें काम की  ….

– – Black Fungus ने बनारस में दी दस्तक , जानें क्या है इसके लक्षण और बचाव

#birth death certificate – जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना हो तो ऐसे करे आवेदन

कोरोना वैक्सीन लेने से पहले इसे पढ़िए , संक्रमण का नहीं होगा खतरा

गला खराब हो तो घबरायें नहीं, चिकित्सक को दिखायें

यदि आप की उम्र 18 साल से अधिक तो कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए ऐसे करे रजिस्टेशन

आखिर ” Immunity ” आयेगी कहाँ से ….

कोरोना से जुड़ी जरुरी जानकारी – लक्षण बचाव और उपाय

इन्नोवेस्ट सुप्रभात – आज और बीते कल की जानकारी फ़टाफ़ट अंदाज में  

सुप्रभात – फ़टाफ़ट अंदाज में 26 मई की खास खबरें

सुप्रभात – मंगल और सोमवार की  ख़ास जानकारियां

धर्म और आध्यात्म खबरें , मंगल और शनिवार को

जानिये , किस देवता ने अपने मित्र को बताया था वैशाख पूर्णिमा का व्रत महत्त्व, जिससे समाप्त हुआ उनका निर्धनता
नृसिंह जयंती – हो यदि शत्रुओं से परेशान तो करें ये उपाय

धर्मनगरी – आपके पुत्र और परिजन पूर्वजन्म में थे कौन ?

अपनी बुरी आदतें बदल कर बनें धनवान

धर्म नगरी – क्या आप जानते है हनुमान जी के इन 9 रहस्य की बातें

भगवान नृसिंह के जयंती पर अस्सी स्थित मंदिर में महाआरती

जेल के अंदर गोली मोबाईल शरा,अंशू दीक्षित ऐसे करता था फोन पर धन उगाही

– देखिये lockdown में वाराणसी की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!