रक्षाबधन के शुभ मुहूर्त और रक्षा बांधने का तरीका

रक्षाबधन के शुभ मुहूर्त और रक्षा बांधने का तरीका

तिथि विशेष – रक्षाबन्धन
समस्त रोग से रखता है रक्षासूत्र ,श्रवण नक्षत्र एवं आयुष्मान योग का अनुपम संयोग
विशेष / इन्नोवेस्ट / 3 जुलाई

भाई-बहन के रिश्ते को अटूट व मधुर बनाने का पर्व है रक्षाबन्धन, श्रावण शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन हर्ष उमंग व उल्लास के साथ मनाने की पौराणिक परम्परा है।  ज्योतिषविद्  विमल जैन के अनुसार इस बार यह पर्व 3 अगस्त, सोमवार को मनाया जाएगा। श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 2 अगस्त, रविवार की रात्रि 9 बजकर 29 मिनट पर लग रही है जो कि अगले दिन 3 अगस्त, सोमवार को रात्रि 9 बजकर 29 मिनट तक रहेगी। स्नान -दान-व्रतादि की पूर्णिमा 3 अगस्त, सोमवार को ही मनाया जाएगा। आज के दिन श्रीसत्यनारायण व्रत कथा का आयोजन भी किया जाता है तथा रात्रि में चन्द्रमा को अर्घ देकर व्रत का पारण किया जाता है।

शुभ मुहूर्त (प्रात: 9 बजकर 29 मिनट (भद्रा) के बाद)
पूर्णिमा तिथि पर ही राखी बाँधने वाली बहनें 3 अगस्त, सोमवार को प्रात: 9 बजकर 29 मिनट (भद्रा) के बाद ही अपने भाइयों की कलाइयों पर राखी सजा सकेंगी। बहनें अपने परम्परा के अनुसार पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके, भाइयों के मस्तक पर टीका लगाकर, उनकी कलाई पर राखी बाँधती हैं। ततपश्चात बहनें भाई को उपहार प्रदान करती हैं, साथ ही भाई भी उन्हें मंगल आशीर्वाद से सन्तुष्ट करके उनके जीवन की रक्षा का वचन देता है। रक्षा बन्धन के समस्त पुनीत कार्य पूर्णिमा तिथि पर ही करना लाभप्रद रहता है। रक्षा सूत्र अपने पारिवारिक धार्मिक परम्परा के अनुसार ही बाँधना चाहिए।

भाई को ऐसे बांधे राखी
विमल जैन के अनुसार अपने समस्त दैनिक कृत्यों से निवृत्त होकर इस दिन धार्मिक विधि-विधान से अपने आराध्य देवी-देवता की पूजा के पश्चात सप्तऋषियों की भी पूजा करने का विधान है। उनके आशीर्वाद से मंगल कल्याण होता है। भविष्यपुराण के अनुसार विधि-विधानपूर्वक रक्षासूत्र धारण करने पर व्यक्ति के समस्त रोग उससे दूर रहते हैं, उसे जीवन भर आरोग्य सुख मिलता है। रक्षासूत्र धारण करने पर जाने-अनजाने जो भी अशुभ कार्य होते हैं, वे सभी नष्टï हो जाते हैं। इस पर्व को और अधिक खुशनुमा बनाने के लिए ज्योतिष गणना के मुताबिक राशियों के रंग के अनुसार रक्षा-बन्धन भाई-बहन के रिश्तों को और अधिक मधुर-स्नेहयुक्त बनाकर जीवन को खुशहाल कर सकते हैं।

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राशियों के रंग के अनुसार
रक्षाबन्धन के पर्व को और अधिक खुशनुमा बनाने के लिए राशियों के रंग के अनुसार बहनें यदि राखी बाँधें तो भाइयों के सौभाग्य में वृद्धि तो होगी ही साथ ही उनको अन्य लाभ भी मिलेगा। सामान्यत: सुनहरा, पीला और लाल रंग की राखी बाँधने का रिवाज है। इन रंगों की राखी बाँधने के साथ ही भाइयों के राशि के अनुसार भी राखी का रंग रखने से सौभाग्य में वृद्धि होगी। लाल रंग से जीवन में ऊष्मा व ऊर्जा का संचार होता है, वहीं पर सुनहले व पीले रंगों से प्रसन्नता मिलती है। आजकल राखियों के रंग के अनुसार राखी बाँधने का प्रचलन बढ़ रहा है।

रंगों का चयन द्वादश राशियों के अनुसार
मेष-लाल, गुलाबी एवं नारंगी। वृषभ-सफेद एवं क्रीम। मिथुन-हरा व फिरोजी। कर्क-सफेद व क्रीम। ङ्क्षसह-केसरिया, लाल व गुलाबी। कन्या-हरा व फिरोजी। तुला-सफेद व हल्का नीला। वृश्चिक-नारंगी, लाल व गुलाबी। धनु-पीला व सुनहरा। मकर व कुम्भ-भूरा, स्लेटी व ग्रे। मीन-पीला व सुनहरा। श्रावण पूॢणमा या रक्षा बन्धन पर अपने कुल पुरोहित या श्रेष्ठ विद्वत्जन से अपनी कलाई पर रक्षासूत्र (राखी) अवश्य बँधवाना चाहिए। तत्पश्चात् उन्हें यथा सामथ्र्य भेंट व नकद द्रव्य देकर उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए। जिससे जीवनपर्यन्त सुख-समृद्धि खुशहाली का मार्ग प्रशस्त होता रहे।

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