शारदीय नवरात्र
तिथि – चतुर्थी / पंचमी ( चौथा/ पांचवा दिन )
दिनांक – 10 अक्टूबर , रविवार
देवी दर्शन – कुष्मांडा देवी , दुर्गाकुंड / स्कंध माता, जैतपुर
तिथि क्षय के कारण रविवार 10 oct को चतुर्थी और पंचमी तिथि है लिहाजा कुष्मांडा देवी और स्कंध माता दोनों के दर्शन होंगे ।
शारदीय नवरात्र के चौथे दिन माँ कुष्मांडा देवी का दर्शन होता है । भक्तों के भीड़ की बात करे तो यहां पूरे नवरात्र में माँ के दरवार में सुबह से ही कतारबद्ध दिखते है । मां के जयकारे के साथ भक्त अपनी बारी के इंतजार में घंटो खड़े रहते है । सुरक्षा के मद्दे नजर पुलिस भी यहां मुस्तैद दिखती है । नगर के दक्षिण क्षेत्र के भव्य मंदिर में देवी दुर्गा (कुष्मांडा) विराजमान हैं। मंदिर से लगा कुंड देवी के नाम से दुर्गाकुंड कहा जाता है। मोहल्ले का नाम भी इसी नाम से विख्यात है।
जुड़ीं कथा
मान्यता है कि सुबाहु नाम के राजा ने कठिन तप कर देवी से यह वरदान प्राप्त किया किया कि देवी इसी नाम से उनकी राजधानी वाराणसी में निवास करें। देवी भागवत पुराण में इसका उल्लेख है। यह भी कथा है कि शुम्भ-निशुम्भ के वध के बाद थकी देवी ने इस स्थान पर ही शयन किया था। उनके हाथ से उनकी असि जिस स्थान पर खिसकी, वह स्थान असि नदी के रूप में विख्यात हुआ। लिंग पुराण के अनुसार दक्षिण में दुर्गा देवी काशी क्षेत्र की रक्षा करती हैं।
स्कंध माता पांचवा दर्शन
स्कन्दमाता की प्रतिमा की उत्पत्ति नवरात्रि के ठीक पांचवे दिन भक्त जनों के हित के लिए होती है। वेद पुराणों में देवी देवताओं को न केवल माता-पिता की संज्ञा प्राप्त है, बल्कि वह भक्त वत्सल भी कहलाते है। इन्हीं को बागेश्वरी देवी के नाम से भी जाना जाता है।
माता का स्वरूप
स्कंदमाता की चार भुजाएँ हैं। इनके दाहिनी तरफ की नीचे वाली भुजा, जो ऊपर की ओर उठी हुई है, उसमें कमल पुष्प है। बाईं तरफ की ऊपर वाली भुजा में वरमुद्रा में तथा नीचे वाली भुजा जो ऊपर की ओर उठी है उसमें भी कमल पुष्प ली हुई हैं। इनका वर्ण पूर्णतः शुभ्र है। ये कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं। इसी कारण इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। सिंह इनका वाहन है।
फल प्राप्ति
माँ स्कंदमाता की उपासना से समस्त इच्छाएँ पूर्ण हो जाती हैं। मोक्ष का द्वार स्वमेव सुलभ हो जाता है। स्कंदमाता की उपासना से बालरूप स्कंद भगवान की उपासना भी स्वमेव हो जाती है। यह विशेषता केवल इन्हीं को प्राप्त है। सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी होने के कारण इनका उपासक से अलौकिक तेज एवं कांति से संपन्नता मिलता है।
यहाँ विराजती है मां
माता का अति प्राचीन मंदिर जैतपुरा में स्थित है जिसे वागेश्वरी मंदिर से भी जाना जाता है।
लेटेस्ट खबरें, इन्हें भी पढ़िए –
कोरोना सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री के फोटो पर ,केरल हाईकोर्ट का केंद्र सरकार को नोटिस
न तो पीर से पूछो ,न फकीर से पूछो सिर्फ अपने जमीर से पूछो – डॉ संध्या ओझा
अस्सी और रविदास घाट के बीच “दर्शन झरोखा” , जानिए क्या है प्लान
नवरात्रि के दौरान न करे ये कार्य , साथ ही जानिए नवरात्र का शाब्दिक अर्थ
काशी से करेगी प्रियंका गांधी चुनावी संग्राम का एलान, सम्बोधित बताएगी कांग्रेस का प्लान
अब मोबाइल से भेजिए पांच लाख रुपए तक, RBI ने बढ़ा दी IMPS की लिमिट
सीपी का चला चाबुक, कुछ को जिम्मेदारी तो थानाध्यक्ष सारनाथ को लाइन हाजिर
आर्यन पंहुंचे आर्थर जेल, 5 दिन रहेंगे को क्वारंटीन सेल में
मृतक पत्रकार के घर सिद्धू मौन धारण कर बैठे धरना पर , आशीष को गिरफ्तार करने की मांग
कांग्रेसियों का अनोखा ठंग, श्रमदान कर जताया विरोध
68 साल बाद एक बार फिर हुआ टाटा का एयर इंडिया
सी एम योगी ने लखीमपुर घटना में अजय मिश्र टेनी के पुत्र को दिया क्लीन चिट ..
शारदीय नवरात्र “इन न्यूज़” विशेष में हर दिन नयी जानकारियां ( 7 – 14 oct )
नवरात्रि के दौरान न करे ये कार्य , साथ ही जानिए नवरात्र का शाब्दिक अर्थ
दर्शन करिये माता चन्दघन्टा की जो करती है पापों का शमन
नवरात्र के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा , जानिए पूरी जानकारी
दूसरा दिन – ब्रम्हचारणी देवी दर्शन
दूसरा दर्शन – नवरात्र के दुसरे दिन माँ ब्रम्हचारिणी के दर्शन का विधान , पढ़िए पूरी की जानकारी
प्रथम दिन – जानिए माँ दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री माता का क्या है महत्व
7 से 14 oct तक आठ दिवसीय होगा नवरात्र, पढ़िए पूरी जानकारी
वीडियो – इस नवरात्र में घर बैठे दर्शन करिये अलग अलग देवी का दर्शन –
माता विध्याचल की दिव्य आरती, अपने में भाग्य को बदलने के लिए पूरी आरती देखिए
नवरात्रि के दौरान न करे ये कार्य , साथ ही जानिए नवरात्र का शाब्दिक अर्थ
आगमन ने अनूठे आयोजन से दिया भ्रूण हत्या न करने का सन्देश,11000 पिंड से हुआ श्राद्ध
जानिए गोलगप्पों के अलग अलग नाम को, खाइये 10 रुपये के पांच पानीपुरी, बतासा
स्वाद का पारम्परिक जायका गुड़ की जलेबी, जानिए खास बातें
पलंगतोड़ मिठाई का नाम सूना क्या ….. देखिये कैसे बनता हैं …..
क्या बेटियां कर सकती हैं श्राद्ध …
जानिए क्या है सोलह श्रृंगार , क्या हैं इसके मायने
good news – काम की बातें –
जानिए किन कारणों से बन्द रहा Whatsapp, Facebook और Instagram, कितना हुआ नुकसान
सर्व पितृ अमावस्या है पितृ पक्ष का आखिरी दिन, जानें कैसे करते हैं इस दिन श्राद्ध
देखें जिला मण्डलीय अस्पताल में हुए हंगामे का वीडियो
जब जननी को जन्म देने के लिए माकूल जगह मुव्सर नहीं हुआ, सरकारी दावों की हवा निकलती ये वाकया
जानिए , विश्व प्रसिद्ध रामनगर रामलीला की प्रामाणिक सच
आगमन ने अनूठे आयोजन से दिया भ्रूण हत्या न करने का सन्देश,11000 पिंड से हुआ श्राद्ध
जानिए गोलगप्पों के अलग अलग नाम को, खाइये 10 रुपये के पांच पानीपुरी, बतासा
स्वाद का पारम्परिक जायका गुड़ की जलेबी, जानिए खास बातें
पलंगतोड़ मिठाई का नाम सूना क्या ….. देखिये कैसे बनता हैं …..
क्या बेटियां कर सकती हैं श्राद्ध …
जानिए क्या है सोलह श्रृंगार , क्या हैं इसके मायने
good news – काम की बातें –