
वाराणसी। बड़े बेआबरू होकर हम तेरे कूचे से निकले….ये फिल्मी नगमा आज बनारस के नवनिर्मित रुद्राक्ष में आयोजित “काशी उत्सव” में पहुँचे स्रोताओं पर चरितार्थ हुआ। तीन दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन मशहूर कवि कुमार विश्वास की कविताओं की प्रस्तुति “मैं हूं काशी” को सुनने के लिए स्रोता कल से ही हैरान दिखें। आयोजको का दावा था कि निःशुल्क पास के जरिये इस कार्यक्रम का लुप्त उठाया जा सकता है। लेकिन दावों का हवा निकलते हुए गवाह समूची काशी बनी। आलम यह था कि संस्कृति मंत्रालय उत्तर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन के सहयोग से होने वाले इस कार्यक्रम में स्रोताओं के साथ वादाखिलाफ़ी के साथ बदसलूकी भी की गई। नाराज कुछ स्रोताओं ने इस वाक्या को सोशल मीडिया पर जमकर अपनी भड़ास निकाली। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इन स्रोताओं ने जमकर अपनी और दूसरों के साथ हुए वादाखिलाफ़ी को विस्तार से लिखा है। एक स्रोता ने जिले के सभी आलाधिकारी सहित सम्बन्धित अधिकारियों को अपने साथ हुए घटना की वृंतन्त सुनायी। इस नाराजगी को लोगों ने सोशल मीडिया पर वायरल करते रहे।
आयोजन की रूपरेखा
यह उत्सव आजादी का अमृत महोत्सव पर्व के अन्तर्गत संस्कृति मन्त्रालय के तत्त्वावधान में उत्तर प्रदेश सरकार और वाराणसी प्रशासन के सहयोग से आयोजित है। जिसे इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, नई दिल्ली द्वारा तीन दिवसीय “काशी उत्सव” का नाम दिया गया हैं । जो 16 से 18 नवम्बर, 2021 तक सिगरा स्थित रुद्राक्ष अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग और कन्वेंशन सेंटर में शाम 7:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक आयोजित किया जा रहा हैं।
इन इन का होगा भागीदारी
पहले दिन डॉ. कुमार विश्वास द्वारा “मैं हूँ काशी” तथा गायक मनोज तिवारी द्वारा “तुलसी की काशी” की प्रस्तुति की जानी है ।
आयोजकों का दावा
“काशी उत्सव” कार्यक्रम जनसहभागिता से आयोजित किया जा रहा है। जिसमे आम जनमानस का प्रवेश पूरी तरह निःशुल्क हैं। इस कार्यक्रम के “पास” हेतु रुद्राक्ष अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग और कन्वेंशन सेंटर, सिगरा में पंजीयन करके प्राप्त किये जा सकते हैं। इस उत्सव में काशी नगरी के विभिन्न साहित्यिक एवं सांस्कृतिक उत्कृष्ट विभूतियों के जीवन, दर्शन एवं कृतियों को परिचर्चा, प्रदर्शनी, लघु-चलचित्रों के माध्यम से प्रस्तुत किया जायेगा।
यह था हंगामे की वजह
यह सारे वादे फिसड्डी साबित हो गए। जब मंगलवार की शाम 5 बजे के बाद रुद्राक्ष के लिए लोगों का प्रवेश द्वार बंद कर दिया गया। जिस पर लोगों का हंगामा होने लगा। सूचना मिलते ही मौके पर स्थानीय पुलिस पहुँचकर स्रोताओं को समझाने बुझाने के बजाए उल्टे ही जबरन द्वार से हटाया गया। लोगों के साथ वादाखिलाफ़ी एवं बदसलूकी होने पर वीआईपी कार्ड वाले भी वापस लौट गए।
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