चक्रव्यूह / इन्नोवेस्ट / 19 अगस्त
मनबढ़ युवकों को देखिए राह चलते युवक व युवती को मारने लगे। ये तो अच्छा था कि मौके पर पुलिस आ गई वरना मौत के घाट उतार देता। जहाँ बाइक से युवक युवती अपने घर शिवपुर से जौनपुर जा रहे थे कि अचानक पांच युवकों ने मिलकर युवक युवती को मारने लगे। उसी दौरान जौनपुर से बनारस मुलजिम लेकर जा रहे पुलिस उप निरीक्षक वीरेंद्र सिंह गाड़ी को रोका और युवकों को पकड़ने का प्रयास किया लेकिन पुलिसकर्मी का प्रयास असफल रहा और हमलावर भाग निकले। जबकि एक युवक भाग ने के दौरान बाइक से गिर गया। जिसको जौनपुर पुलिस ने स्थानीय पुलिस को सौंप दिया। वही पुलिस जांच पड़ताल कर रही है। घायल युवक कहना है कि मैं अपनी बहन को लेकर बड़ागाँव आरटीओ ऑफिस शिवपुर से जौनपुर मार्ग पर था तभी अचानक 5 युवक बाइक सवार आये और मार्ग पर ही मारपीट करने लगे हैं।
क्षुब्ध ग्रामीणों ने मार्ग पर ही धान रोपा
चक्रव्यूह / इन्नोवेस्ट / 19 अगस्त
बारिश का मौसम आते हैं कितनों की पोल खोल देती है। जहां एक ओर ग्रामीणों ने लेटर बाजी करते थक गए तो क्षुब्ध होकर मार्ग पर ही धान का पौधा रोपण कर दिया। रोहनिया अवलेशपुर गांव में बारिश के चलते गांव में जलजमाव व कीचड़ से त्रस्त ग्रामीणों ने बुधवार को ग्राम सभा से लेकर पंचायत भवन के मुख्य मार्ग से लेकर गांव के रास्ते में बजबजाते पानी और कीचड़ में ही धान का पौधा रोप कर विरोध दर्ज कराया। विरोध में मुख्यरूप से शशि प्रजापति , विकास विश्वकर्मा , मनीष गुप्ता , राजभर , सुनीता देवी , चंपा देवी आदि लोग शामिल रहे।
आमजन के मुद्दों पर वकीलों ने सौपा ज्ञापन
चक्रव्यूह / इन्नोवेस्ट / 19 अगस्त
आम जनता के लिए सड़कों पर उतरकर विरोध दर्ज कराया। क्योंकि नेता को जगाने के लिए विरोध दर्ज कराना ही पड़ता है। ऐसा ही मामला लखनऊ से लेकर बनारस तक देखने को मिला। जहां युवा अधिवक्ताओं की एक टीम ने अपनी मांग संबंधित पत्र सौंपने डीएम कार्यालय पहुंचे। जहां अधिवक्ताओं ने डीएम से मांग किया है कि स्कूल की फीस माफ करें व दुकानों के समय में बदलाव हो। ताकि मध्यवर्गीय लोगों को राहत मिले। जहां दर्जनों युवा अधिवक्ताओं ने डीएम कार्यालय को ज्ञापन सौंपा और मांग किया कि जल्द से जल्द इस पर विचार कर आमजन को राहत दी जाए। अधिवक्ताओं में मुख्य रूप से प्रशांत श्रीवास्तव , रविकान्त श्रीवास्तव आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।
जेल में पहुँचा कोरोना
चक्रव्यूह / इन्नोवेस्ट / 19 अगस्त
कोरोना संक्रमण अब कैदियों को अपनी चपेट में लेने लगा है। जिसमें कल 6 बंदियों को दीनदयाल अस्पताल में भर्ती कराया है। वहीं सप्ताह भर पूर्व चार बंदी को संक्रमित पाए गए थे। सूत्रों की माने तो जेल में बंद कैदियों की जांच होनी चाहिए ताकि संक्रमित मरीजों को चिन्हित कर उनको उपचार के लिए अस्पतालों में भर्ती कराया जा सके। कोरोना संक्रमण लगभग 10 कैदियों को अपनी चपेट में ले रखा है। देखने वाली बात यह है कि कैदियों की जांच होने के बाद ही पता चल पाएगा कि जेल में कितने संक्रमित मरीज बंद पड़े हैं।
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